क्या BJP के दबाव में धनखड़ ने दिया इस्तीफा? सारा सच आया बाहर, टिकैट आगबबूला!

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर भाकपा प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाया... उन्होंने कहा कि धनखड़ ने किसानों की बात की...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है…… जो इस समय चारों ओर चर्चा का विषय बनी हुई है…. आपको बता दें कि यह खबर जैसे ही सामने आई….. देश के सियासी गलियारों में हलचल मच गई……. हर कोई जानना चाहता है कि आखिर इस इस्तीफे के पीछे की वजह क्या है……. क्या यह स्वास्थ्य कारणों से लिया गया फैसला है…… जैसा कि आधिकारिक तौर पर बताया जा रहा है…… या फिर इसके पीछे कोई गहरी सियासी साजिश है……

आपको बता दें कि धनखड़ के इस्तीफे की खबर जैसे ही सामने आई….. पूरे देश में हड़कंप मच गया….. वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत के खुलासे ने सनसनी फैला दी….. और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए…… टिकैत ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि जगदीप धनखड़ ने अपनी इच्छा से इस्तीफा नहीं दिया…….. बल्कि उनसे जबरन इस्तीफा लिया गया है…….. क्योंकि वे किसानों और गांव के लोगों के हक की बात कर रहे थे…….

बता दें कि 21 जुलाई की शाम को खबर आई कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है…… और उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा पत्र सौंपा…….. जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को अपने इस फैसले की वजह बताया…….. धनखड़ ने अपने पत्र में लिखा कि स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए……. मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं……..

वहीं यह इस्तीफा इसलिए भी चौंकाने वाला था…….. क्योंकि धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था……. यानी उन्होंने अपने पांच साल के कार्यकाल को पूरा नहीं किया……. और वह तीसरे ऐसे उपराष्ट्रपति बन गए……. जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया……. इससे पहले कृष्ण कांत और वी.वी. गिरी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे…….

बता दें कि उपराष्ट्रपति के इस्तीफे की खबर को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने और भी चर्चा में ला दिया…… टिकैत ने अपने बयानों से सियासी तूफान खड़ा कर दिया…….. मुजफ्फरनगर में अपने सरकुलर रोड स्थित आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए टिकैत ने दावा किया कि जगदीप धनखड़ का इस्तीफा अपनी इच्छा से नहीं था…… बल्कि उनसे जबरन इस्तीफा लिया गया है……. टिकैत ने कहा कि जगदीप धनखड़ किसान और जाट नेता हैं…….. जाट अपनी जमीन और पद आसानी से नहीं छोड़ता……. मरते वक्त भी जाट चारपाई पर रहता है…….. और जमीन अपने बच्चों के नाम कर के ही आंखें बंद करता है…….. ऐसे में यह मानना मुश्किल है कि धनखड़ ने खुद से पद छोड़ा होगा……. टिकैत ने यह भी आरोप लगाया कि धनखड़ ने हाल के दिनों में संसद में किसानों की समस्याओं को जोर-शोर से उठाया था……. और उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री को गांव और किसानों की हालत के बारे में बताया था…….. हो सकता है कि किसान हित की बात करने के चलते उनसे इस्तीफा दिलवाया गया हो…….

टिकैत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पूंजीपतियों की सरकार है…….. जिसने धनखड़ पर दबाव डाला……. और उन्होंने यह भी दावा किया कि धनखड़ के इस्तीफे के पीछे बीजेपी का कोई बड़ा सियासी खेल हो सकता है……… टिकैत ने संभावना जताई कि बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी किसी और नेता को उपराष्ट्रपति बनाना चाहती है…….. और इसीलिए धनखड़ को हटाया गया……. और उन्होंने नीतीश कुमार का नाम भी संभावित उम्मीदवार के तौर पर लिया…….

आपको बता दें कि धनखड़ और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के बीच कुछ तनाव चल रहा था…….. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू के साथ उनकी अनबन की खबरें सामने आई हैं…… 21 जुलाई को राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की दो बैठकें हुई थीं…….. पहली बैठक में नड्डा और रिजिजू मौजूद थे……. लेकिन दूसरी बैठक में उनकी गैर मौजूदगी ने कई सवाल खड़े किए……. जिसको लेकर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि दोपहर 1 बजे से शाम 4:30 बजे तक के बीच कुछ गंभीर हुआ……. जिसकी वजह से यह अनुपस्थिति रही……. यह इस्तीफा धनखड़ के बारे में बहुत कुछ कहता है……

वहीं राकेश टिकैत के आरोपों ने धनखड़ के इस्तीफे को किसानों के मुद्दों से जोड़ दिया है……. टिकैत का कहना है कि धनखड़ ने हाल के दिनों में संसद में किसानों की समस्याओं को उठाया था…….. जिससे बीजेपी नाराज थी……. टिकैत ने यह भी कहा कि धनखड़ जाट समुदाय से आते हैं…….. जो किसानों का एक मजबूत समुदाय है……  वहीं टिकैत ने अपने बयान में यह भी संकेत दिया कि धनखड़ का इस्तीफा बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़ा हो सकता है…….. उन्होंने कहा कि बीजेपी शायद किसी और नेता को उपराष्ट्रपति बनाना चाहती है……..

आपको बता दें कि धनखड़ के इस्तीफे पर विपक्ष ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है…….. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि केवल वही कारण जानते हैं……. या तो सरकार जानती है…… या वह जानते हैं…… कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इसे रहस्य में लिपटा हुआ फैसला बताया…… और कहा कि धनखड़ के इस अचानक कदम के पीछे की वजहें स्पष्ट होनी चाहिए……. विपक्ष का कहना है कि धनखड़ का कार्यकाल हमेशा से विवादों में रहा…… पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहते हुए उनके और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली थी……. उपराष्ट्रपति बनने के बाद भी विपक्ष ने उन पर बीजेपी का पक्ष लेने का आरोप लगाया…….

 

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