राहुल के चैलेंज से घिरी सरकार

- राज्यसभा के सभी सांसदों को पीएम मोदी से जवाब की उम्मीद
- प्रेसीडेंट ट्रंप का नाम लेकर युद्ध नहीं रुकवाने का पीएम मोदी पर दबाव। पीएम मोदी ने नहीं लिया ट्रंप का नाम।
- विदेश मंत्री का ऐलान पीएम मोदी से किसी भी नेता ने युद्ध रुकवाने के लिए नहीं कहा
- कांग्रेस की मांग- राफेल की परेड कराए सरकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दो दिनों की लंबी बहस और आरोप-प्रत्यारोप के बाद विपक्ष ने सरकार के जवाब से नउम्मीदी जाहिर की है। राहुल—प्रियंका समेत विपक्ष के सभी संसद इस मुद्दे पर पीएम मोदी के जवाब से संतुष्ट नहीं दिखे। राहुल गांधी के चैलेंज के बाद सरकार बैकफुट पर आयी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत ने निर्धारित लक्ष्यों पर सटीक कार्रवाई की और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दुनिया के किसी भी नेता ने भारत पर दबाव नहीं डाला। राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री का जवाब भले ही लंबा और विस्तृत रहा हो लेकिन उसमें कई ऐसे बिंदु हैं जो अभी भी अस्पष्ट हैं और जिन पर स्पष्टता की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि राज्यसभा के सभी सांसद उनसे जवाब की उम्मीद कर रहे थे।
राहुल गांधी का चैलेंज
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो एक बार डोनाल्ड ट्रंप का नाम लेकर देश को बता दीजिए कि उन्होंने भारत-पाक युद्ध नहीं रुकवाया। यह बयान जैसे ही सदन में गूंजा सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ओर हलचल तेज हो गई। राहुल गांधी का यह बीजेपी को अंदर तक की चुभन दे गया। सोशल मीडिया और मीडिया रिपोर्ट में यह कहा जा रहा है कि अमेरिकन प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप 29 बार युद्ध रूकवाने का श्रेय ले चुके हैं। ऐसे में पीएम मोदी को उनका नाम लेकर युद्ध रूकवाने पर ट्रंप की भूमिका को राहुल गांधी की गुगली कहा जा रहा है।
खुफिया तंत्र की क्या कमियां रहीं
सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यदि ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत कार्रवाई अभी भी जारी है, तो यह सरकार की जवाबदेही बनती है कि वह जनता को यह बताए कि खुफिया तंत्र की क्या कमियां रही हैं, किस स्तर पर इनपुट फेल हुए और उनसे निपटने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि सरकार को अंतरराष्ट्रीय खेल संगठनों से डर है कि वे किसी तरह की कार्रवाई करेंगे, तो फिर मैच दुबई में क्यों, लाहौर में क्यों नहीं?
राज्यसभा सांसद चाहते हैं जवाब
शिवसेना यूबीटी से राज्यसभा सासंद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में करीब दो घंटे तक जवाब दिया। लेकिन, अब जो बात सामने आ रही है, वह यह है कि इस विषय पर पीएम मोदी राज्यसभा में नहीं बोलेंगे जबकि राज्यसभा के सभी सांसद उनसे जवाब की उम्मीद कर रहे थे। लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी के जवाब में कई ऐसी बातें थीं जो और अधिक सवाल पैदा करती हैं। सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार अगर ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है, तो फिर हम पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने को लेकर इतने उत्सुक क्यों हैं? उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ कह रही है कि देश सुरक्षा को लेकर गंभीर है, दूसरी तरफ बीसीसीआई और ब्रॉडकास्टिंग नेटवक्र्स को पाकिस्तान से क्रिकेट प्रसारण और संबंधों पर मनमानी करने दी जा रही है।
राफेल की परेड की मांग
पीएम मोदी के जवाब के बाद कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा है कि भारत के पास 35 राफेल फाइटर जेट हैं। सरकार को इन सभी राफेल फाइटर जेट की परेड करानी चाहिए, ताकि पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया का मुंह बंद हो जाए। इसी तरह, कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी ने कहा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लगातार कह रहे हैं सीजफायर उन्होंने कराया है। जब राहुल गांधी ने सीधा सवाल किया था तो उसका जवाब भी सीधे तौर पर आना चाहिए था।
विदेश मंत्री ने संभाला मोर्चा
राज्यसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दुनिया के किसी भी नेता ने भारत पर दबाव नहीं डाला। उन्होंने दावा किया कि 22 अप्रैल से 16 जून तक एक बार भी प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि अमेरिका, सऊदी अरब और अन्य देशों से जो भी संवाद हुआ, वह पूरी तरह पारदर्शी और रिकॉर्ड में है। उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान यदि संघर्ष विराम चाहता है तो उसे हमारे डीजीएमओ चैनल से संवाद करना होगा।




