राज्यसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर जया बच्चन का सवाल-“जब सिंदूर ही उजड़ गया तो नाम क्यों रखा?”

जया ने कहा कि जब सिंदूर ही उजड़ गया फिर ऑपरेशन का नाम सिंदूर क्यों? राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान सपा सांसद जया बच्चन ने बड़ा बयान दिया.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: राज्यसभा में सपा सांसद जया बच्चन ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम पर गंभीर आपत्ति जताई.

उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए सरकार से माफी मांगने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन के नाम से पीड़ितों का अपमान हुआ है और सरकार ने लोगों के विश्वास को तोड़ा है. जया ने कहा कि जब सिंदूर ही उजड़ गया फिर ऑपरेशन का नाम सिंदूर क्यों? राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान सपा सांसद जया बच्चन ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने ऑपरेशन का नाम सिंदूर रखने को लेकर आपत्ति जताई. जया ने कहा कि जब सिंदूर ही उजड़ गया फिर ऑपरेशन का नाम सिंदूर क्यों?

पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए जया ने सबसे पहले उन पीड़ित परिवारों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि किस तरह आतंकी आए और इतने लोगों को मार दिया. मैं उस घटना से बहुत दुखी हूं. जया ने आगे कहा कि आपने ऐसे लेखकों को रखा है, जो बड़े-बड़े नाम लेते हैं. ये सिंदूर नाम किसने दिया? जब सिंदूर ही उजड़ गया फिर ऑपरेशन का नाम सिंदूर क्यों?

कश्मीर हमारे लिए जन्नत है पर बदले में उनको मिला क्या?
सपा सांसद ने कहा कि जो यात्री वहां (पहलगाम) गए थे. वो किसलिए गए थे. 370 के हटने के बाद वे लोग छाती ठोककर गए थे. उस भरोसे के साथ गए थे कि वहां अब आतंकवाद खत्म है. कश्मीर हमारे लिए जन्नत है लेकिन बदले में उनलोगों को मिला क्या? इस सरकार ने उन सभी लोगों का विश्वास तोड़ा है, जो वहां गए थे, जो इस घटना में मारे गए. वे परिवार आपको कभी माफ नहीं कर पाएंगे.

गोला बारूद से कुछ नहीं होगा, इंसानियत होनी चाहिए
जया ने आगे कहा कि क्या आपने उन परिवारों से माफी मांगी? ये हमारी ड्यूटी है. आपको सॉरी बोलना चाहिए. सरकार को उन परिवारों से माफी मांगनी चाहिए. रक्षा मंत्री उस दिन (सोमवार को) बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे. हमने तोप खरीदा, गोला बारूद खरीदे, ये खरीदा…वो खरीदा. हम क्या करें उसका. क्या हम उन 26 लोगों की जान बचा पाए? गोला बारूद से कुछ नहीं होगा. इंसानियत होनी चाहिए. सपा सांसद ने कहा कि मैं आप सबसे यही अपील करना चाहूंगी कि प्लीज विनम्र बनें. आप सब को लोगों ने जिन आशा और विश्वास के साथ यहां भेजा है, उसकी फिक्र करें. जो आपको यह पोजिशन दिया है, उसकी रक्षा करें.

Related Articles

Back to top button