शमा परवीन अलकायदा की स्लीपर एजेंट? फंडिंग से फैला रही थी नफरत!
गुजरात एटीएस ने अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट के एक बड़े आतंकवादी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है... पांच आरोपियों में गिरफ्तारी...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड ने एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ अपनी सतर्कता…… और बड़ी कार्रवाई करते हुए अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट से जुड़े एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है……. इस ऑपरेशन में ATS ने बेंगलुरु से शमा परवीन सहित कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है……. ये सभी सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार करने…… और गज़वा-ए-हिंद की साजिश को अंजाम देने में शामिल थे…. इस मॉड्यूल के पास से महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल सबूत, मैप मोबाइल नंबर और संवेदनशील स्थानों की जानकारी बरामद की गई है……. शमा परवीन को इस आतंकी नेटवर्क का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है…….. जो न केवल भारत में हीं नहीं बल्कि पाकिस्तानी संपर्कों के साथ मिलकर इस साजिश को अंजाम दे रही थी…….
आपको बता दें कि गुजरात ATS को 10 जून को एक महत्वपूर्ण खुफिया सूचना मिली थी……. ATS के डिप्टी एसपी हर्ष उपाध्याय को इस सूचना के आधार पर पांच इंस्टाग्राम अकाउंट्स की जानकारी मिली……. जो अल-कायदा की विचारधारा को बढ़ावा दे रहे थे…… इन अकाउंट्स के जरिए कट्टरपंथी सामग्री, जिहादी प्रचार…… और गज़वा-ए-हिंद जैसे उकसावेपूर्ण कंटेंट को प्रसारित किया जा रहा था…….. ATS ने तुरंत एक टेक्निकल टीम गठित की……. और इन अकाउंट्स की गहन जांच शुरू की……… इस जांच में पाया गया कि ये अकाउंट्स न केवल भारत विरोधी सामग्री फैला रहे थे……… बल्कि युवाओं को आतंकी संगठनों में भर्ती करने और हिंसा भड़काने का भी प्रयास कर रहे थे…….
वहीं इन अकाउंट्स की निगरानी और डिजिटल फोरेंसिक जांच के बाद ATS ने चार संदिग्धों को चिह्नित किया…….. इनमें अहमदाबाद के फरदीन शेख, दिल्ली के मोहम्मद फैक, नोएडा के जीशान अली….. और गुजरात के मोडासा के सैफुल्लाह कुरैशी शामिल थे…… इन चारों की गिरफ्तारी 23 जुलाई को एक ऑपरेशन में की गई…… जिसमें गुजरात, दिल्ली, और नोएडा में छापेमारी की गई…….. इस ऑपरेशन में ATS को कई अहम सबूत मिले…… जिनमें जिहादी साहित्य, हथियार और डिजिटल सामग्री शामिल थी……
इन चारों आरोपियों से पूछताछ के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ…….. सभी ने शमा परवीन नाम की एक महिला का जिक्र किया……. जो इस आतंकी मॉड्यूल की मुख्य संचालक थी…….. ATS ने तुरंत अपनी जांच को और गहरा किया और एक हफ्ते की गहन छानबीन के बाद बेंगलुरु के मनोरायनपाल्या इलाके से शमा परवीन को गिरफ्तार कर लिया……. बता दें कि शमा परवीन मूल रूप से बिहार की रहने वाली है…… और पिछले पांच साल से बेंगलुरु में रह रही थी……. इस मॉड्यूल की रीढ़ थी……. वह न केवल सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी सामग्री फैला रही थी…….. बल्कि पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ सीधे संपर्क में थी……
ATS की जांच में पाया गया कि शमा परवीन दो फेसबुक पेज और एक इंस्टाग्राम अकाउंट चला रही थी……. जिनके 10,000 से अधिक फॉलोअर्स थे…….. इन अकाउंट्स के जरिए वह अल-कायदा की विचारधारा, जिहादी वीडियो और गज़वा-ए-हिंद जैसे उकसावेपूर्ण नारों को बढ़ावा दे रही थी…….. उसने युवाओं को आतंकवाद की ओर आकर्षित करने के लिए कई भड़काऊ पोस्ट……. और वीडियो शेयर किए जिनमें अल-कायदा के प्रमुख नेताओं के भाषण और हिंसक सामग्री शामिल थी……… गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि शमा परवीन अत्यधिक कट्टरपंथी थी और इस मॉड्यूल को ऑनलाइन संचालित करने में उसकी अहम भूमिका थी……
आपको बता दें कि फरदीन शेख के पास से “ऑपरेशन सिंदूर” से जुड़े दस्तावेज मिले…… जो भारत के खिलाफ जिहाद को बढ़ावा देने वाली सामग्री थी…… यह ऑपरेशन मई 2025 में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की एक कार्रवाई के जवाब में तैयार किया गया था……. फरदीन शेख के पास से एक तलवार बरामद की गई…… जिसे वह एक वीडियो में लहराते हुए अल्लाहु अकबर का नारा लगा रहा था….. यह वीडियो उसके मोबाइल फोन से मिला…… वहीं सभी आरोपियों के मोबाइल फोन और सोशल मीडिया अकाउंट्स से भड़काऊ वीडियो, जिहादी प्रचार सामग्री और हिंसा को उकसाने वाले फतवे बरामद किए गए….. शमा परवीन के डिवाइसेज की फोरेंसिक जांच में पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ उसकी बातचीत के सबूत मिले….. शमा परवीन के पास से संवेदनशील स्थानों के नक्शे और मोबाइल नंबर मिले…. जो संभावित आतंकी हमलों की योजना का हिस्सा हो सकते थे….. आरोपियों ने अपनी बातचीत को छिपाने के लिए ऑटो-डिलीट होने वाले ऐप्स का इस्तेमाल किया…… ताकि जांच एजेंसियों को उनके नेटवर्क का पता न चल सके……
आपको बता दें कि गज़वा-ए-हिंद एक कट्टरपंथी विचारधारा है…… जो भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने और लोकतांत्रिक व्यवस्था को उखाड़ फेंकने की बात करती है…… इस मॉड्यूल के सभी आरोपी इस विचारधारा को बढ़ावा देने में सक्रिय थे…… ATS के मुताबिक ये लोग सोशल मीडिया के जरिए न केवल भारत विरोधी प्रचार कर रहे थे……. बल्कि हिंदू समुदाय और लोकतांत्रिक संस्थानों को निशाना बनाने वाली सामग्री भी फैला रहे थे….. इनका मकसद युवाओं को कट्टरपंथ की ओर आकर्षित करना, सांप्रदायिक अशांति फैलाना….. और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना था…..
ATS ने सभी पांच आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम की धारा 13, 18, 38 और 39 के तहत मामला दर्ज किया है…… इसके अलावा, भारतीय न्याय संहिता की धारा 113 (आतंकी कृत्य), 152 (राष्ट्र की एकता और अखंडता को खतरा), 196 (सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देना) और 61 (आपराधिक साजिश) के तहत भी कार्रवाई की गई है……. सैफुल्लाह कुरैशी और फरदीन शेख को 14 दिन की रिमांड पर लिया गया है……. जबकि अन्य दो आरोपियों को जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा…… शमा परवीन को बेंगलुरु की एक अदालत से ट्रांजिट वारंट प्राप्त करने के बाद गुजरात लाया गया है…….
ATS अब इस नेटवर्क के अन्य संदिग्धों की तलाश में है……. जांच में 62 अन्य सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान की गई है……. जो इस मॉड्यूल से जुड़े हो सकते हैं… इन अकाउंट्स की तकनीकी जानकारी और यूजर हिस्ट्री की जांच की जा रही है……. ATS का मानना है कि यह नेटवर्क केवल भारत तक सीमित नहीं है……. बल्कि इसके तार पाकिस्तान और अन्य देशों से भी जुड़े हो सकते हैं……
वहीं यह पहली बार नहीं है जब गुजरात ATS ने AQIS से जुड़े आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की है…… साल 2023 में, ATS ने चार बांग्लादेशी नागरिकों को अहमदाबाद के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया था…… जिनके AQIS से संबंध थे…… उस समय भी ATS ने एक बड़े आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था…… वर्तमान मामले को भी उसी नेटवर्क का हिस्सा माना जा रहा है…. और ATS इसकी गहन जांच कर रही है…..
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति की एक रिपोर्ट में भारत में अल-कायदा की बढ़ती सक्रियता को लेकर चेतावनी दी गई थी…… इस रिपोर्ट के अनुसार AQIS के अमीर ओसामा महमूद के नेतृत्व में यह संगठन जम्मू-कश्मीर, बांग्लादेश और म्यांमार में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है……. गुजरात ATS की इस कार्रवाई को इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है…..
गुजरात ATS की इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर कामय है…… शमा परवीन और अन्य चार आरोपियों की गिरफ्तारी न केवल एक आतंकी साजिश को नाकाम करने में सफल रही है…… बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां सोशल मीडिया जैसे आधुनिक प्लेटफॉर्म्स पर होने वाली आतंकी गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रख रही हैं…… बता दें कि यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ भारत की सतत लड़ाई का एक हिस्सा है……. और ATS की इस सफलता ने देश की सुरक्षा को और मजबूत किया है……



