ट्रंप ने लगा दी 25% टैरिफ, मोदी की बोलती बंद, राम गोपाल यादव ने लिए मजे!
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है... उसके साथ ही जुर्माना भी लगाने की बात की है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्त- दोस्त न रहा. ये गाना आज सच साबित हो गया. दोस्तों मोदी के सबसे अजीज और करीब मित्र ने बड़ा धोखा दे दिया. और जिसका डर था वहीं हुआ. ट्रंप ने भारत पर पच्चीस फीसदी टेरिफ लगा दिया. इतना ही नहीं बोनस के तौर पर जुर्माना भी लगाया. बता दें कि विश्वगुरू ट्रंप को अपना सबसे प्रिय दोस्त बताते रहे हैं. ट्रंप के लिए चुनाव प्रचार किए हैं. और तो और ट्रंप की सारी बात मानी है. असली दोस्त के कहने पर पाकिस्तान को लेकर सीजफायर कर दिया. वहीं अब दोस्त के धोखे पर मोदी पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है. यह पहली बार नहीं है मोदी हमेशा, जिसका जवाब उनके पास नहीं होता है. चुप्पी साध ही लेते हैं और देश की जनता को उनके हवाले छोड़ देते हैं. देश की जनता पहले से ही मंहगाई की मार झेल रही है. इस बीच ट्रंप की टैरिफ ने और टेंशन बढ़ा दिया.
आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर लगाए गए 25 फीसदी टैरिफ को लेकर देश भर में जबरदस्त हलचल है. मोदी सरकार ने ट्रंप के टैरिफ बम के जवाब में कहा है कि उसके लिए राष्ट्रीय हित सबसे पहले हैं और वह सभी जरूरी कदम उठाएगी जबकि विपक्ष ने ट्रंप के इस ऐलान के बाद मोदी सरकार पर हमला बोल दिया है. ट्रंप ने यह ऐलान करते हुए भारत को अपना दोस्त भी बताया. लेकिन रूस और चीन के साथ कारोबार करने को लेकर नाराजगी जताई. वहीं अब सवाल यह है कि आखिर ट्रंप ने 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान ऐसे वक्त में क्यों किया जब भारत और अमेरिका के बीच पहले से ही ट्रेड डील को लेकर बातचीत चल रही है. अब सारी नजर मोदी सरकार के अगले कदम पर है. ट्रंप ने कहा है कि भारत को 1 अगस्त से टैरिफ और जुर्माना देगा होगा.
पिछले कुछ महीनों में राष्ट्रपति ट्रंप तमाम देशों पर टैरिफ लगाने को लेकर दुनिया भर में काफी चर्चित रहे हैं. नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के राजनीतिक रिश्ते काफी बेहतर माने जाते हैं. लेकिन बावजूद इसके ट्रंप ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया, इसे लेकर बहुत सारे सवाल खड़े हो रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में भारत में डोनाल्ड ट्रंप के बयानों को लेकर काफी विवाद हो चुका है. ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के संघर्ष के बाद हुए सीजफायर का क्रेडिट लेने की कोशिश की है. संसद के मानसून सत्र में इसे लेकर काफी हंगामा हो चुका है. विपक्ष ने मोदी को सदन में बार- बार पानी पीने के लिए मजबूर कर दिया है.
इसी कड़ी में सपा के वरिष्ठ सांसद राम गोपाल यादव ने ट्रंप के इस ऐलान पर कड़ा रुख अपनाया है. और उन्होंने कहा कि अमेरिका का यह व्यवहार ऐसा है जैसे वह दुनिया का ‘राजा’ हो और बाकी देश उसकी ‘प्रजा’. यादव ने ट्रंप के एक बयान का जिक्र किया, जिसमें ट्रंप ने कहा था, मोदी मेरे दोस्त हैं, लेकिन मुझे पाकिस्तान से प्यार है. यादव ने इसे भारत के लिए अपमानजनक बताया और कहा कि अमेरिका का यह रवैया अभूतपूर्व है. उन्होंने कहा ऐसा कभी किसी बड़े और ताकतवर देश ने दूसरे देशों के साथ नहीं किया. भारत को अब अमेरिका को लेकर नए सिरे से सोचना होगा. हमें दबने की जरूरत नहीं है भारत सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए. आपको बता दें कि राम गोपाल यादव ने कहा कि ट्रंप के व्यवहार से पता चलता है कि वह भारत को दबाव में लाना चाहते हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह अमेरिका के इस कदम का जवाब दे. और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करे.
वहीं कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार की विदेश नीति. और आर्थिक रणनीति पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि यह टैरिफ भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी साबित होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप को खुश करने की हर मुमकिन कोशिश की. लेकिन फिर भी भारत को यह तमाचा मिला. श्रीनेत ने हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप जैसे आयोजनों का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे भारत को कोई फायदा नहीं हुआ.
बता दें कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है. 2024 में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार करीब 128-130 बिलियन डॉलर तक पहुंचा. जिसमें भारत को 45-46 बिलियन डॉलर का व्यापार अतिरिक्त प्राप्त हुआ. भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले प्रमुख उत्पादों में दवाइयां, इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न और आभूषण, वस्त्र और ऑटो पार्ट्स शामिल हैं. 25 फीसदी टैरिफ से इन क्षेत्रों पर भारी असर पड़ सकता है. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के डीजी अजय सहाय ने कहा कि यह टैरिफ कम समय में भारतीय निर्यात को महंगा कर देगा. लेकिन लंबे समय में भारत को अपने निर्यात को बढ़ाने का मौका मिल सकता है. खासकर अगर अमेरिका अन्य देशों जैसे चीन और वियतनाम पर अधिक टैरिफ लगाता है.
वहीं भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता पिछले कई महीनों से चल रही है. दोनों देश एक निष्पक्ष व्यापार समझौते पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई है. भारत अपने कृषि, डेयरी और फार्मा क्षेत्रों को पूरी तरह से खोलने के लिए तैयार नहीं है. क्योंकि इससे भारतीय किसानों और छोटे उद्यमियों को नुकसान हो सकता है. वहीं अमेरिका भारतीय बाजार में शून्य शुल्क पहुंच चाहता है. ट्रंप का यह टैरिफ ऐलान भारत के लिए एक चुनौती तो है. लेकिन यह एक अवसर भी हो सकता है. भारत सरकार अगर रणनीतिक ढंग से इस स्थिति का सामना करती है. तो वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए अमेरिका के साथ बेहतर व्यापार समझौता कर सकती है.



