8 साल बाद जम्मू-कश्मीर में CM ने फहराया तिरंगा,गार्ड ऑफ ऑनर से किया गया सम्मानित

सीएम उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जिसके बाद वह स्वतंत्रता दिवस समारोह की अध्यक्षता करने वाले पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बन गए.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जिससे वह आठ साल बाद तिरंगा फहराने वाले पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बन गए. सीएम को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया.

जम्मू-कश्मीर में 8 साल बाद किसी निर्वाचित मुख्यमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस समारोह में झंडा फहराया गया. सीएम उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जिसके बाद वह स्वतंत्रता दिवस समारोह की अध्यक्षता करने वाले पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बन गए.

इससे पहले 2017 में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने राज्य में स्वतंत्रता समारोह की अध्यक्षता अंतिम मुख्यमंत्री थी. 2018 में बीजेपी ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया, जिससे गठबंधन सरकार गिर गई और जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लग गया.

गार्ड ऑफ ऑनर से किया गया सम्मानित
इस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अब्दुल्ला ने बख्शी स्टेडियम में तिरंगा फहराया. परेड में भाग लेने वाली टुकड़ियों का निरीक्षण करने से पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. बाद में उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों और स्कूली बच्चों की विभिन्न टुकड़ियों के मंच से मार्च करते हुए सलामी ली. अब्दुल्ला के कैबिनेट सहयोगियों ने राज्य के अन्य महत्वपूर्ण जिला मुख्यालयों में स्वतंत्रता दिवस समारोहों की अध्यक्षता की. सीएम ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के मुख्य आकर्षणों में से एक सांस्कृतिक कार्यक्रम को इस वर्ष किश्तवाड़ में आई बाढ़ में मारे गए लोगों के सम्मान में रद्द कर दिया था.

2018 से कौन फहरा रहा तिरंगा?
महबूबा मुफ्ती की सरकार गिरने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था. 2018 और 2019 में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोहों में राज्यपाल ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जबकि 2020 से 2024 तक इन समारोहों में उपराज्यपाल ने ध्वजारोहण किया था.

बता दें कि अगस्त 2019 में जब अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में बदला गया, तब तक वहां कोई निर्वाचित सरकार नहीं थी और राज्य का प्रशासन केंद्र सरकार या राज्यपाल के जरिए चल रहा था. अनुच्छेद 370 हटने के बाद पिछले साल के अंत में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए और उमर अब्दुल्ला केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बने.

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