एशिया कप 2025: सूर्यकुमार यादव बने कप्तान, भारत-पाक मैच का आदित्य ठाकरे ने किया विरोध
आदित्य ठाकरे ने कहा, पिछले दस सालों में बार-बार हमारे देश और नागरिकों पर पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने हमले किए हैं और केंद्र सरकार ने इस बात को लगातार दोहराया है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: एशिया कप में पाकिस्तान के साथ भी भारत का मुकाबला होगा. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेले जाने पर शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, बीसीसीआई ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के लिए टीम भेजकर बेहद शर्मनाक काम किया है. साथ ही उन्होंने इसी को लेकर खेल मंत्री को पत्र लिखा है.
बीसीसीआई ने मंगलवार को एशिया कप 2025 के लिए टीम की घोषणा की है. सूर्यकुमार यादव टीम के कप्तान हैं, जबकि शुभमन गिल को उपकप्तान बनाया गया है. एशिया कप में पाकिस्तान के साथ भी भारत का मुकाबला होगा. इसको लेकर शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे विरोध कर रहे हैं. इसी के चलते उन्होंने खेल मंत्री मनसुख मंडाविया को भी पत्र लिखा है.
एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच 14 सितंबर को दुबई में मुकाबला होगा. जहां एक तरफ कई फैंस इस मुकाबले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ इस मैच को लेकर लोग विरोध भी कर रहे हैं. हालांकि, इस मैच को लेकर सरकार ने टीम इंडिया को हरी झंडी दिखा दी है. इसी के बाद अब इसको लेकर आदित्य ठाकरे ने निशाना साधा है.
आदित्य ठाकरे ने खेल मंत्री को लिखा पत्र
आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर बीसीसीआई के पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने इसी को लेकर केंद्रीय खेल मंत्री को पत्र भी लिखा है. आदित्य ने ठाकरे ने पत्र को एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, खून और पानी साथ नहीं बह सकते, लेकिन BCCI के लिए खून और रेवेन्यू साथ बह सकते हैं. केंद्र सरकार से बीसीसीआई के पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के फैसले पर हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है.
Blood and Water cannot flow together, but for @BCCI blood and revenue can flow together.
I have written to Union Minister Shri Mansukh Mandaviya ji, asking for the Union Government’s intervention in BCCI shameful act of sending a team that will play cricket with pakistan.
The… pic.twitter.com/PysIuPtmJL
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) August 20, 2025
आदित्य ठाकरे ने आगे कहा, मैंने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है, जिसमें केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है, क्योंकि बीसीसीआई ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के लिए टीम भेजकर बेहद शर्मनाक काम किया है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ncert ने पाठ्यपुस्तकों में पहलगाम हमले और पाकिस्तान से आए आतंकवादियों का जिक्र किया है, जिसमें बताया गया है कि आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे. शायद यह पाठ्यपुस्तक पहले बीसीसीआई के अधिकारियों को भेजनी चाहिए? हमने सांसदों के प्रतिनिधिमंडल दुनिया के कई देशों में भेजे ताकि पाकिस्तान को अलग-थलग किया जा सके और अब हमारी अपनी बीसीसीआई ही पाकिस्तान के साथ खेल रही है! क्या अब प्रतिनिधिमंडल भेजकर इसका स्पष्टीकरण देना पड़ेगा?
पत्र में आदित्य ठाकरे ने क्या-क्या कहा?
पत्र में आदित्य ठाकरे ने कहा, पिछले दस सालों में बार-बार हमारे देश और नागरिकों पर पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने हमले किए हैं और केंद्र सरकार ने इस बात को लगातार दोहराया है. हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने भी लालकिले की प्राचीर से कहा था कि पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकते.
उन्होंने आगे कहा, फिर भी, दुख की बात है और शर्मनाक भी है कि बीसीसीआई पाकिस्तान के साथ एशिया कप में खेलने के लिए टीम भेज रही है. क्या बीसीसीआई राष्ट्रीय हित से ऊपर है? क्या यह हमारे जवानों की शहादत से ऊपर है? क्या यह पहलगाम हमले में प्रभावित परिवारों के सिंदूर से ऊपर है?
शिवसेना यूबीटी के नेता ने कहा, अतीत में कई देशों को मानवीय कारणों से खेलों में अलग-थलग किया गया है. आतंकवाद भी ऐसा ही मुद्दा है, जो न तो हमारे देश को और न ही पाकिस्तान को शांति से आगे बढ़ने देता है. लेकिन, बीसीसीआई अपनी जिद और शायद पैसे-विज्ञापन के लालच में हमारे जवानों की शहादत और परिवारों के दर्द को नजरअंदाज कर रही है.
उन्होंने आगे कहा, हमने दुनिया को बताया कि पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान है. अब क्या हमें दुनिया को समझाने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजना पड़ेगा कि हम फिर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट क्यों खेल रहे हैं? यह वाकई बेहद शर्मनाक है कि पाकिस्तान ने सुरक्षा कारण बताकर भारत में हॉकी खेलने से इनकार कर दिया और वहीं हमारी बीसीसीआई सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेल रही है. आदित्य ठाकरे ने कहा, मुझे उम्मीद है कि भले ही हम राजनीति में अलग-अलग विचारधाराओं से हों, इस मुद्दे पर हम सब एक होंगे. जैसे हम ऑपरेशन सिंदूर के समय अपने माननीय प्रधानमंत्री के साथ खड़े थे.



