Bitcoin Scam में भूचाल! गुजरात के पूर्व BJP विधायक और SP को उम्रकैद
गुजरात में करोड़ों की Bitcoin ठगी का राज़ खुल गया है... पूर्व BJP विधायक और पूर्व SP को अदालत ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात राज्य में साल 2018 से चला आ रहा बिटकॉइन घोटाला आज भी लोगों के जेहन में ताजा है…… यह मामला इतना सनसनीखेज था कि इसमें राजनीति, पुलिस और व्यापार जगत के बड़े नाम शामिल हो गए…… हाल ही में 29 अगस्त को अहमदाबाद की सेशन कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाया…… पूर्व भाजपा विधायक नलिन कोटडिया, अमरेली के पूर्व एसपी जगदीश पटेल, पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर अनंत पटेल….. और 14 अन्य आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा दी गई…… यह सजा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दी गई…… इस घोटाले की जड़ें अपहरण, फिरौती और क्रिप्टोकरेंसी की काली दुनिया से जुड़ी हैं…… जहां लाखों-करोड़ों रुपये की ठगी हुई…… इस खबर में हम जानेंगे कि कैसे एक साधारण निवेश घोटाला इतना बड़ा अपराध बन गया…..
दोस्तों आपको बता दें कि बिटकॉइन घोटाले की कहानी साल 2017-2018 से शुरू होती है…….. जब क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज भारत में चरम पर था…… गुजरात के सूरत शहर में सतीश कुम्भानी नामक व्यक्ति ने ‘बिटकनेक्ट’ नाम की एक क्रिप्टोकरेंसी कंपनी चलाई……. यह कंपनी लोगों को लुभावने ऑफर देती थी….. जिसमें था कि निवेश करो और भारी मुनाफा कमाओ….. कई लोग जिनमें सूरत के बिल्डर शैलेश भट्ट भी शामिल थे….. उन्होंने इसमें पैसे लगाए….. लेकिन जनवरी 2018 में अचानक कंपनी बंद हो गई……. और सतीश कुम्भानी निवेशकों का पैसा लेकर फरार हो गया……. शैलेश भट्ट ने इसमें करीब 1 करोड़ रुपये गंवाए थे…… गुस्से में आकर उन्होंने खुद कानून हाथ में ले लिया…..
बता दें कि शैलेश भट्ट ने बिटकनेक्ट कंपनी के दो कर्मचारियों धवल मावानी और पीयूष सावलिया का अपहरण कर लिया…… और उन्होंने इनसे 2,091 बिटकॉइन, 11,000 लाइटकॉइन और 14.5 करोड़ रुपये कैश की फिरौती वसूली……. उस समय इन क्रिप्टोकरेंसी की कीमत मिलाकर कुल 1,232.5 करोड़ रुपये थी…… भट्ट ने यह पैसा अपने साथियों के बीच बांट दिया…… और इसका इस्तेमाल जमीन, सोना और अन्य संपत्तियों में किया…… यह अपहरण फरवरी 2018 में हुआ……. और इसी से घोटाले की पहली कड़ी जुड़ी….. लेकिन कहानी यहीं नहीं रुकी और भट्ट खुद विक्टिम बन गए……
फरवरी 2018 में ही शैलेश भट्ट और उनके साथी किरीट पलड़िया को गांधीनगर से अपहरण कर लिया गया…… अपहरणकर्ता कोई और नहीं, बल्कि अमरेली जिले के पुलिस अधिकारी थे……. अमरेली के तत्कालीन एसपी जगदीश पटेल, लोकल क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अनंत पटेल और उनकी टीम ने सरकारी गाड़ी में भट्ट को अगवा किया…… और उन्हें एक फार्महाउस पर ले जाया गया…… जहां उनसे 200 बिटकॉइन ट्रांसफर करने को कहा गया…… इसके अलावा, अलग से कैश भी वसूला गया…..
वहीं इस अपहरण के पीछे एक बड़ी साजिश थी…… पुलिस अधिकारियों को पता चला था कि भट्ट ने पहले बिटकनेक्ट कर्मचारियों से क्रिप्टो एक्सटॉर्ट किया है…… और उन्होंने इस मौके का फायदा उठाया…… पूर्व भाजपा विधायक नलिन कोटडिया को इस साजिश में फिक्सर की भूमिका बताई गई…… कोटडिया धारी विधानसभा से 2012-2017 तक विधायक रहे थे…… उनके अलावा सूरत के वकील केतन पटेल भी शामिल थे….. केतन पटेल ने पूछताछ में कोटडिया और जगदीश पटेल के नाम लिए……. पुलिस ने कुल 11 पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों को गिरफ्तार किया…..
वहीं भट्ट ने अपहरण के बाद गुजरात के गृह विभाग में शिकायत की…… और उन्होंने आरोप लगाया कि एसपी जगदीश पटेल, नलिन कोटडिया और सीबीआई अधिकारी सुनील नायर ने उन्हें ईडी और इनकम टैक्स की धमकी देकर पैसे ऐंठे….. इस शिकायत पर सीआईडी क्राइम ने जांच शुरू की……. और मामला आईपीसी की धाराओं जैसे अपहरण, फिरौती और आपराधिक साजिश के तहत दर्ज हुआ……
जिसके बाद गुजरात सीआईडी क्राइम ने इस मामले की जांच शुरू की….. डीजीपी अशीष भाटिया ने जांच की कमान संभाली……. जांच में पता चला कि भट्ट खुद अपराधी थे……. और उन्होंने बिटकनेक्ट कर्मचारियों से क्रिप्टो एक्सटॉर्ट किया था…… मई 2018 में सीआईडी ने भट्ट और उनके साथियों के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की……. भट्ट के भतीजे निकुंज भट्ट और दिलीप कनानी को गिरफ्तार किया गया…… और उनके वॉलेट से 152 बिटकॉइन बरामद हुए…..
वहीं जांच आगे बढ़ी तो पुलिसकर्मियों की भूमिका साफ हुई….. अनंत पटेल और उनकी टीम ने भट्ट को अगवा किया था…… जगदीश पटेल ने साजिश रची और कोटडिया ने मध्यस्थता की…… जुलाई 2018 में सीआईडी ने चार्जशीट दाखिल की…… जिसमें पुलिसकर्मियों को सरकारी ड्यूटी का दुरुपयोग करने का दोषी बताया गया…… कोटडिया कई महीनों तक फरार रहे……. लेकिन सितंबर 2018 में महाराष्ट्र से गिरफ्तार हुए…..
बता दें कि मामला सिर्फ अपहरण तक सीमित नहीं रहा…… इसमें राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी लगे…… कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता क्रिप्टो से काला धन सफेद कर रहे थे……. भाजपा ने इसे विपक्ष की साजिश बताया….. जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मांगी गई…… लेकिन राज्य स्तर पर ही चली…… वहीं 2024 में मामला नया मोड़ लेता है…… प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्डरिंग केस में शामिल हुआ…… अगस्त 2024 में ईडी ने शैलेश भट्ट को गिरफ्तार किया….. ईडी ने 442 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच कीं…… जो एक्सटॉर्टेड पैसे से खरीदी गई थीं…… भट्ट ने अपहरण से मिले 289 करोड़ अपने साथियों को बांटे थे…..
ट्रायल अहमदाबाद की स्पेशल एसीबी कोर्ट में चला…… कुल 15 आरोपी थे जिनमें से 14 को दोषी ठहराया गया……. और एक आरोपी बिपिन पटेल को बरी कर दिया गया….. जज बी.बी. जादव ने 29 अगस्त को फैसला सुनाया…… नलिन कोटडिया, जगदीश पटेल, अनंत पटेल और अन्य को लाइफ इम्प्रिजनमेंट मिला…… सजा की वजह अपहरण, फिरौती और भ्रष्टाचार थी…… कोर्ट ने माना कि पुलिसकर्मियों ने अपनी पावर का गलत इस्तेमाल किया…… वे सरकारी वाहन और हथियारों से अपहरण कर रहे थे…… कोटडिया की भूमिका मास्टरमाइंड की थी……. ट्रायल के दौरान गवाहों के बयान, क्रिप्टो ट्रांसफर रिकॉर्ड और फोन कॉल्स सबूत बने…… वहीं दोषी पुलिसकर्मी हाईकोर्ट में अपील करने की तैयारी में हैं…..
बता दें कि यह घोटाला गुजरात की राजनीति और पुलिस सिस्टम को हिला देने वाला था…… इसमें 3 बिलियन डॉलर करीब 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी का अनुमान लगाया गया……. क्रिप्टोकरेंसी की अनियमित दुनिया ने कई निर्दोष निवेशकों को बर्बाद किया…… बिटकनेक्ट जैसे प्लेटफॉर्म पोंजी स्कीम की तरह चलते थे…… जहां नए निवेशकों से पुरानों को पैसा दिया जाता था…… जिसके चलते लोगों का क्रिप्टो पर भरोसा कम हुआ….. सरकार ने क्रिप्टो रेगुलेशन पर जोर दिया…… राजनीतिक रूप से भाजपा पर दाग लगा……. क्योंकि उनका पूर्व विधायक शामिल था…… पुलिस की छवि खराब हुई और कई अधिकारी सस्पेंड हुए….. एक्सटॉर्टेड क्रिप्टो का इस्तेमाल मनी लॉन्डरिंग में हुआ…… ईडी की जांच से पता चला कि पैसा जमीन और सोने में लगा…… यह केस भारत में क्रिप्टो से जुड़े अपराधों का बड़ा उदाहरण बना……
वहीं इस घोटाले में कई लोग शामिल थे…… जिसमें नलिन कोटडिया पूर्व भाजपा विधायक फिक्सर की भूमिका में थे….. जगदीश पटेल पूर्व एसपी अमरेली अपहरण की साजिश के मास्टरमाइंड थे….. अनंत पटेल पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर…. अपहरण टीम के लीडर थे….. शैलेश भट्ट बिल्डर और विक्टिम….. केतन पटेल वकील किरीट पलड़िया, भट्ट का पूर्व पार्टनर सहित अन्य लोग अपहरण में शामिल थे……
आपको बता दें कि 2017-2018 में बिटकनेक्ट कंपनी चलती है….. निवेशक धोखा खाते हैं…… एक फरवरी 2018 में भट्ट ने धवल मावानी का अपहरण कर क्रिप्टो एक्सटॉर्ट किया…… नौ फरवरी 2018 को भट्ट और पलड़िया का अपहरण हुआ….. और 200 बिटकॉइन वसूले गए…… वहीं मार्च 2018 में भट्ट की शिकायत पर सीआईडी जांच शुरू हुई….. मई 2018 में भट्ट के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया….. जुलाई 2018 में चार्जशीट दाखिल हुई…… सितंबर 2018 में कोटडिया गिरफ्तार हुए….. 2019 में जगदीश पटेल को बेल मिली…… अगस्त 2024 में ईडी ने भट्ट को गिरफ्तार किया….. और उनकी संपत्तियां अटैच की….. और 29 अगस्त 2025 को कोर्ट ने 14 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई……



