बरसात में बढ़ा फंगल इंफेक्शन का खतरा, जानिए इसके लक्षण और बचाव
बरसात का मौसम जहां एक ओर ठंडक और सुकून लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर फंगल इंफेक्शन समस्याओं का कारण बनता है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बरसात का मौसम जहां एक ओर ठंडक और सुकून लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर फंगल इंफेक्शन समस्याओं का कारण बनता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि इस मौसम में वातावरण में बढ़ी हुई नमी फंगस के पनपने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करती है।
मिली जानकारी के मुताबिक, बारिश में जूते, मोज़े या कपड़े अक्सर गीले हो जाते हैं, जिससे पैरों और त्वचा में नमी बनी रहती है। इसी नमी में फंगस जल्दी फैलता है और त्वचा, नाखून और बालों में संक्रमण कर सकता है. इसके अलावा, गीली सतहों पर चलने, बर्तन या नहाने का सामान साझा करने से भी यह फैल सकता है. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग, बुजुर्ग और बच्चे इस मौसम में ज्यादा खतरे में रहते हैं. अगर समय पर इलाज न किया जाए तो संक्रमण गंभीर हो सकता है और फैलने की संभावना बढ़ जाती है.
फंगल इंफेक्शन त्वचा, नाखून, बाल और कभी-कभी शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित कर सकता है. सबसे आम नुकसान त्वचा में खुजली, लाल चकत्ते और जलन का होता है. पैरों में होने वाले फंगल इंफेक्शन से छाले बन सकते हैं, जिससे चलने-फिरने में परेशानी होती है. नाखूनों में संक्रमण से नाखून टूट सकते हैं या रंग बदल सकता है. बालों में होने वाला फंगल इंफेक्शन सिर के स्कैल्प को प्रभावित कर सकता है.
गंभीर मामलों में, अगर संक्रमण समय पर ठीक न किया जाए, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग या डायबिटीज के मरीजों में यह संक्रमण गंभीर रूप ले सकता है. कभी-कभी फंगस से ब्लड इंफेक्शन या त्वचा में गहरे छाले भी बन सकते हैं. इसलिए बरसात में सावधानी रखना और शुरुआती लक्षण दिखते ही इलाज कराना बहुत जरूरी है.
फंगल इंफेक्शन के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं. सबसे पहले त्वचा पर खुजली और जलन महसूस होती है. इसके बाद लाल चकत्ते, छाले या फफोले दिखाई दे सकते हैं. पैरों में होने वाले फंगल इंफेक्शन में अक्सर पैरों के बीच सफेद परत या दरारें दिखती हैं. नाखूनों में संक्रमण से नाखून मोटे, पीले या भुरभुरे हो सकते हैं.
बालों में फंगल इंफेक्शन से सिर के स्कैल्प पर खुजली और रूसी जैसी परतें बन सकती हैं. गंभीर मामलों में त्वचा में गहरा छाला बन सकता है, जिससे संक्रमण और दर्द बढ़ जाता है. शुरुआती लक्षण नजर आते ही सही इलाज और साफ-सफाई अपनाना जरूरी है, ताकि संक्रमण फैलने या गंभीर होने से बचा जा सके.
कैसे करें बचाव
बरसात में गीले जूते, मोज़े और कपड़े तुरंत बदलें और पैरों को सुखाएं. दूसरों के बर्तन, तौलिए या जूते इस्तेमाल न करें. शरीर को साफ और सूखा रखें, नियमित स्नान करें. पैर और त्वचा के नमी वाले हिस्सों पर एंटीफंगल पाउडर या क्रीम का इस्तेमाल करें. संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.


