उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले ही गरमाई सियासत
लालू- सुदर्शन की मुलाकात पर बरसी बीजेपी, विपक्ष ने भी साधा भाजपा पर निशाना

संजय राउत के बयान पर भी घमासान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले ही पूरे देश की राजनीति गरमाई हुई हैं जहां यूबीटी शिवसेना नेता राउत के बयान पर घमासान मचा है वहीं इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवर सुदर्शन रेड्डी की लालू यादव से मुलाकात पर बीजेपी ने निशाना साधा है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इस मुलाकात को सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी पर चौंकाने वाला बयान बताया है। उन्होंने कहा कि चारा घोटाले के दोषी से मुलाकात करना निंदनीय है।
वहीं कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले इंडिया ब्लॉक के सांसदों के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया ताकि विपक्ष की एकता बनी रहे। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मंगलवार को वोटिंग होनी है। एनडीए की ओर से सीपी राधाकृ ष्णन और विपक्षी इंडिया ब्लॉक के सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला है। उपराष्ट्रपति पद से पहले इंडी गठबंधन की ओर से वीपी पद के लिए प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी ने लालू प्रसाद यादव ने मुलाकात की है। इस मुलाकात पर राजनीति तेज हो गई है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इस मुलाकात की एक तस्वीर को शेयर किया है और इस मुलाकात को एक उच्च संवैधानिक पद के आकांक्षी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी पर एक चौंकाने वाला बयान बताया।

संविधान की रक्षा, लोकतंत्र और राष्ट्रहित के लिए हो रहा है चुनाव : राउत
उपराष्ट्रपति चुनाव से एक दिन पहले, शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने सोमवार को सांसदों से आग्रह किया कि वे सोच-समझकर, अपनी अंतरात्मा और राष्ट्रहित में मतदान करें। राउत ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की सार्वजनिक रूप से अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाए। राउत ने कहा कि देश के सांसद उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान करते हैं, चाहे वह लोकसभा हो या राज्यसभा। कल प्रधानमंत्री मॉक सेशन में मौजूद थे। आज हमारे लोग मॉक सेशन में बैठेंगे। उपराष्ट्रपति पद के लिए यह चुनाव देश के संविधान की रक्षा, लोकतंत्र और राष्ट्रहित के लिए हो रहा है। संजय राउत ने आगे कहा कि हमारे पूर्व उपराष्टपति कहाँ हैं, मुझे नहीं पता। जब तक धनखड़ सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आते या सामने नहीं आते, हम यह सवाल पूछते रहेंगे। हमारे पूर्व उपराष्ट्रपति कहाँ हैं? लोकतंत्र की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए राउत ने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए देश के सभी सांसदों को मतदान करना चाहिए। अगर लोकतंत्र की बात करने वाले को इस तरह गायब कर दिया जाए, तो मेरा मानना है कि देश का लोकतंत्र खतरे में है। यह ध्यान में रखते हुए कि आज भाजपा के पास बहुमत नहीं है, सभी सांसदों को यह सोचकर मतदान करना चाहिए कि देश की आत्मा क्या चाहती है और उनकी अपनी अंतरात्मा क्या चाहती है।
उपराष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में लालू कोई वोट नहीं : मालवीय
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बीजेपी नेता अमित मालवीय ने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और इंडी गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने हाल ही में चारा घोटाले के दोषी लालू प्रसाद से मुलाकात की, जो संसद के सदस्य भी नहीं हैं और उपराष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में उनका कोई वोट नहीं है। यह न केवल भयानक दिखावा है, बल्कि यह एक उच्च संवैधानिक पद के इच्छुक व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी पर एक चौंकाने वाला बयान है। पोस्ट में मालवीय ने लिखा कि इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात है सामान्य संदिग्धों, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और संवैधानिक नैतिकता के स्वयंभू संरक्षकों की चुप्पी से उनका पाखंड उजागर हो गया है।
कांग्रेस ने किया सांसदों के लिए रात्रिभोज का आयोजन
उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरग़े ने सोमवार शाम को संसद भवन में इंडिया ब्लॉक के सांसदों के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया है। उल्लेखनीय है कि यह बैठक विपक्ष की एकता और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के समर्थन को मज़बूत करने के लिए है। गौरतलब है कि 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जगदीप धनखड़ के इस्तीफ़ा देने के बाद उपराष्ट्रपति का पद रिक्त हो गया था।
खबरों में बने रहने के लिए ऐसे बयान देते हैं राउत : नरेश म्हस्के
शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ पर राउत के बयान की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वह सिर्फ़ खबरों में बने रहने के लिए ऐसे बयान देते हैं। म्हस्के ने कहा, संजय राउत सिर्फ़ ख़बरों में बने रहने के लिए ऐसे बयान देते हैं… शिवसेना (यूबीटी) के पास संख्याबल नहीं है… उन्होंने कभी जनता के हित के लिए काम नहीं किया… 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में इंडिया ब्लॉक समर्थित न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी सुदर्शन रेड्डी और एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के बीच सीधा मुकाबला होगा।
पीएम का मणिपुर दौरा वहां के लोगों का अपमान: जयराम
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पीएम मोदी के मणिपुर के आगामी दौरे के लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने इतनी देर बाद हो रहे दौरे केपर सवाल उठाया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्तावित तीन घंटे के मणिपुर दौरे को राज्य के लोगों का अपमान बताया है।?
उन्होंने कहा कि 29 महीनों के इंतजार के बाद इतनी कम अवधि की यात्रा प्रधानमंत्री की असंवेदनशीलता को दर्शाती है, जबकि इस दौरे में जनसभाएं और परियोजनाओं का उद्घाटन शामिल है। कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 13 सितंबर को प्रस्तावित मणिपुर यात्रा की आलोचना करते हुए इसे राज्य के लोगों का अपमान बताया। एक्स पर एक पोस्ट में, कांग्रेस सांसद ने यात्रा की तैयारियों के बारे में एक अखबार की कटिंग साझा की और कहा कि ऐसा लग रहा है कि प्रधानमंत्री मणिपुर में केवल तीन घंटे ही बिताएँगे। जयराम रमेश ने लिखा कि प्रधानमंत्री की 13 सितंबर को प्रस्तावित मणिपुर यात्रा का उनके समर्थक स्वागत कर रहे हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि वह राज्य में लगभग 3 घंटे ही बिताएँगे – जी हाँ, सिर्फ़ 3 घंटे। इतनी जल्दबाज़ी में की गई यात्रा से वह क्या हासिल करना चाहते हैं? जयराम रमेश ने आगे कहा कि यह वास्तव में राज्य के लोगों का अपमान है, जिन्होंने 29 लंबे और कष्टदायक महीनों तक उनका इंतज़ार किया है। 13 सितंबर को प्रधानमंत्री वास्तव में मणिपुर नहीं आएँगे, जिन्होंने एक बार फिर मणिपुर के लोगों के प्रति अपनी उदासीनता और असंवेदनशीलता प्रदर्शित की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने की 13 तारीख को कुछ घंटों के लिए मणिपुर पहुँचेंगे और दो स्थानों पर जनसभाएँ करेंगे। प्रधानमंत्री की राज्य यात्रा पर चर्चा के लिए आज इम्फाल के राजभवन में एक बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक की अध्यक्षता मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने की और इसमें पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष सत्यव्रत, विधायक और मणिपुर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अधिकारीमायुम सारदा देवी ने भाग लिया। बैठक के दौरान, राज्य की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा संबोधित की जाने वाली जनसभाओं और प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की जाने वाली परियोजनाओं पर चर्चा की गई।
आतंकी साजिश मामले में एनआईए की बड़ी कार्रवाई जम्मू-कश्मीर समेत पांच राज्यों में 22 जगहों पर रेड
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े एक संदिग्ध आतंकी नेटवर्क को निशाना बनाकर एक बड़े अभियान के तहत पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों – तमिलनाडु, जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली और आंध्र प्रदेश – में 22 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे।
इस मामले की सबसे पहले द फेडरल ने रिपोर्ट की थी, जिससे भारत में चरमपंथी गतिविधियों की चल रही जाँच में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई एक आतंकी साजिश से जुड़े मामले की जांच के सिलसिले में की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में नौ, बिहार में आठ, उत्तर प्रदेश में दो तथा कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में एक-एक स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में बारामूला, कुलगाम, अनंतनाग और पुलवामा जिलों में कार्रवाई जारी है।
इस कार्रवाई के संबंध में अभी और जानकारी नहीं मिल पाई है। ये छापे उस मामले से जुड़े हैं जिसने 26 अप्रैल, 2025 को तमिलनाडु के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा बिहार के कटिहार जिले के 22 वर्षीय युवक अखलातुर मुहम्मद को चेंगलपट्टू से गिरफ्तार करने के बाद तूल पकड़ा था।
एनआईए का नवीनतम अभियान जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के लोगों को एक समन्वित आतंकी नेटवर्क से जोडऩे वाली खुफिया जानकारी पर आधारित है। सूत्रों से संकेत मिलता है कि एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर में कई संदिग्ध चरमपंथियों की पहचान की है, जिनके संचार से इन राज्यों के लोगों के साथ संबंधों का पता चला है। इन छापों का उद्देश्य कट्टरपंथ, हथियारों की खरीद और आतंकी गतिविधियों की संभावित योजनाओं के सबूत उजागर करना है।
नेपाल में सडक़ पर युवाओं का बवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
काठमांडू । भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले के खिलाफ नेपाल में युवाओं ने सोमवार को काठमांडू में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। जेनरेशन जेड पीढ़ी के युवाओं ने सडक़ों पर सरकार के फैसले के खिलाफ आवाज बुलंद की।
प्रदर्शन के दौरान लोग काफी उग्र हो गए। देखते ही देखते हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। नेपाल में सरकार के भ्रष्टाचार और हाल ही में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गए हैं। जेनेरेशन जेड ने सडक़ों पर उतरकर प्रदर्शन किया। युवाओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
कई प्रदर्शनकारी संसद भवन में भी घुस गए। सुरक्षा बलों की ओर से जब उन्हें रोकने की कोशिश की गई, तब वे और बेकाबू हो गए और बैरिकेड कूदकर इधर-उधर भागने लगे। इस दौरान सुरक्षा बलों पर पथराव भी किया गया। पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए हल्का लाठी चार्ज किया। आंसू गैस के गोले छोड़े। पानी की बौछार की और कुछ जगहों पर फायरिंग भी की। इस दौरान एक की मौत हो गई और 42 लोग घायल हो गए। काठमांडू के न्यू बानेश्वर और झापा जिले के दमक में सबसे ज्यादा हालात खराब हैं।द हिमालयन टाइम्स के मुताबिक, न्यू बानेश्वर में हिंसक झड़पों के दौरान गोली लगने से घायल हुए प्रदर्शनकारी ने सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस समय कई घायल व्यक्तियों की पहचान अब भी ज्ञात नहीं है। दमक में प्रदर्शनकारियों ने दमक चौक से नगरपालिका कार्यालय की ओर मार्च किया, जहां उन्होंने नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का पुतला फूंका और कार्यालय के द्वार तोडऩे का प्रयास किया। हालात और न बिगड़ें, इसके लिए सेना को मोर्चे पर उतार दिया गया है।
सीएम के पति सरकारी मीटिंग में पहुंचने पर सियासी बवाल
आप का हमला- बोली- बीजेपी ने दिल्ली को बनाया फुलेरा पंचायत, सुपर सीएम चला रहे राज! भाजपा का भी पलटवार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकारी बैठक में पति मनीष गुप्ता की मौजूदगी पर विवाद खड़ा हो गया है। आम आदमी पार्टी ने इसे फुलेरा पंचायत से तुलना करते हुए संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन बताया, जबकि भाजपा ने इसे सामान्य प्रक्रिया और सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका करार दिया। इस घटना ने दिल्ली की राजनीति में गैर-निर्वाचित व्यक्तियों की भागीदारी पर नई बहस छेड़ दी है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर अपने पति को सरकारी कामों में शामिल होने की अनुमति देने का आरोप लगाया और प्रशासन की तुलना लोकप्रिय वेब सीरीज़ की काल्पनिक फुलेरा पंचायत से की। एक सरकारी बैठक की तस्वीर साझा करते हुए, जिसमें मुख्यमंत्री के पति मनीष गुप्ता उनके बगल में बैठे थे, आप ने कहा कि राजधानी को एक ग्राम पंचायत की तरह चलाया जा रहा है जहाँ गैर-निर्वाचित परिवार के सदस्य प्रभाव रखते हैं। दरअसल, रेखा गुप्ता ने एक्स पर एक पोस्ट साक्षा किया था। गुप्ता ने एक्स पोस्ट में बताया कि बैठक में अधिकारियों को क्षेत्र में चल रहे कार्यों की प्रगति का नियमित रूप से आकलन करने और निर्धारित समय सीमा के भीतर विस्तृत स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
इसके अतिरिक्त, पूर्ण और लंबित परियोजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई और भूमि उपयोग से संबंधित विभागीय मुद्दों के समाधान के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए। रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता, जो शालीमार में एक व्यवसायी हैं, बैठक में देखे गए, जिससे हंगामा मच गया।
भाजपा ने छह महीने में दिल्ली को बर्बाद कर दिया : संजय सिंह
आप नेता संजय सिंह ने भी इसी तरह की राय दोहराते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में दो मुख्यमंत्री नियुक्त किए हैं। उन्होंने कहा, रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री हैं, उनके पति सुपर मुख्यमंत्री हैं। भाजपा ने छह महीने में दिल्ली को बर्बाद कर दिया है। इस बीच, भाजपा ने आप के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि गुप्ता के पति के सरकारी बैठक में बैठने में कुछ भी ग़लत नहीं था।
देश की राजधानी में लोकतंत्र और संवैधानिक मर्यादाओं का उड़ रह मजाक : भारद्वाज
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाया कि रेखा गुप्ता ने अपने पति को बैठक में क्यों आने दिया और इसकी तुलना काल्पनिक गाँव फुलेरा से की, जहाँ महिला प्रधान के पति का दबदबा है। भारद्वाज ने एक्स पर लिखा कि दिल्ली सरकार फुलेरा पंचायत में तब्दील हो गई है। जैसे फुलेरा में महिला सरपंच का पति असली मुखिया की भूमिका में था, वैसे ही आज दिल्ली में मुख्यमंत्री के पति सरकारी बैठकों में बैठे नजऱ आ रहे हैं। यह पूरी तरह से असंवैधानिक है। देश की राजधानी में लोकतंत्र और संवैधानिक मर्यादाओं का इस तरह मज़ाक उड़ाया जा रहा है।भारद्वाज ने भाजपा पर पाखंड का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी अक्सर कांग्रेस पर वंशवादी राजनीति का आरोप लगाती रही है, लेकिन अब उसी को बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने लिखा, वंशवाद को लेकर कांग्रेस को कोसने का कोई मौका न गँवाने वाली भाजपा को जवाब देना चाहिए – अगर यह वंशवाद नहीं है, तो क्या है? क्या दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी की मुख्यमंत्री के पास एक भी ऐसा कार्यकर्ता नहीं है जिस पर वह भरोसा कर सकें? उनके पति को इस तरह सरकारी व्यवस्था का हिस्सा क्यों बनाया जा रहा है?



