उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का बड़ा आरोप, कहा- BJP ने 15-20 करोड़ रूपये में खरीदे विपक्षी सांसदों के वोट
टीएमसी के नेता अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, कुछ लोगों से बात करने पर मुझे पता चला कि बीजेपी ने हर सांसद का वोट खरीदने के लिए 15-20 करोड़ रुपये खर्च किए.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने जीत हासिल की. उनकी जीत के बाद से ही अब विपक्ष क्रॉस वोटिंग के आरोप लगा रहा है. टीएमसी के नेता अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, कुछ लोगों से बात करने पर मुझे पता चला कि बीजेपी ने हर सांसद का वोट खरीदने के लिए 15-20 करोड़ रुपये खर्च किए. जनता ने जिन प्रतिनिधियों को चुना है, वो जनता का भरोसा और भावना बेच रहे हैं.
देश में 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव हुए. इस चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन ने जीत हासिल की. एनडीए उम्मीदवार की जीत के बाद अब क्रॉस वोटिंग पर घमासान मच रहा है. विपक्षी सांसद बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं. उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की बड़ी जीत के बाद विपक्षी सांसद बीजेपी पर तीखा हमला बोल रहे हैं.
टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी पर विपक्षी सांसदों का वोट खरीने का आरोप लगाया. टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी ने हर सांसद का वोट खरीदने के लिए 15 से 20 करोड़ रुपये तक खर्च किए. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पैसा देकर लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की.
टीएमसी के लोकसभा में संसदीय दल के नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि बीजेपी नेता पैसे से भरी बोरियां लेकर आए थे ताकि चुनाव के नतीजे प्रभावित किए जा सकें. महाराष्ट्र के राज्यपाल और एनडीए के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन को 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया. उन्हें 452 वोट मिले जबकि विपक्षी उम्मीदवार और पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट हासिल हुए. वोटिंग में कुछ सांसदों के क्रॉस वोटिंग करने की संभावना जताई गई.
बनर्जी ने कहा, कुछ लोगों से बात करने पर मुझे पता चला कि बीजेपी ने हर सांसद का वोट खरीदने के लिए 15-20 करोड़ रुपये खर्च किए. जनता ने जिन प्रतिनिधियों को चुना है, वो जनता का भरोसा और भावना बेच रहे हैं. प्रतिनिधि तो खरीदे जा सकते हैं, पर जनता नहीं. उन्होंने यह भी दावा किया कि टीएमसी के सभी 41 सांसदों 28 लोकसभा और 13 राज्यसभा ने सुदर्शन रेड्डी को वोट दिया. उन्होंने कहा, बीमार होने के बावजूद सुदीप बंद्योपाध्याय और सौगत रॉय वोट डालने आए.
बनर्जी ने सवाल उठाया कि एनडीए का वोट कितना अधिक आया जबकि इंडिया ब्लॉक का समर्थन घट गया, जबकि कांग्रेस नेता जयराम रमेश पहले दावा कर चुके थे कि 315 सांसदों ने रेड्डी को समर्थन देने की बात कही थी. उन्होंने कहा, यह गुप्त मतदान था, इसलिए कहना मुश्किल है कि क्रॉस वोटिंग हुई या विपक्ष के वोट खराब कर दिए गए. मान भी लूं कि क्रॉस वोटिंग हुई, तो कुछ पार्टियों जैसे आप (AAP) में एक महिला सांसद खुलेआम बीजेपी का समर्थन करती है और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बोलती है. ऐसे 2-4 सांसद हैं.
अभिषेक बनर्जी ने पुराने उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा कि बीजेपी बार-बार पैसे का इस्तेमाल करके चुनावों को प्रभावित करती है. 2021 बंगाल विधानसभा चुनाव में उन्होंने नकदी बांटने की कोशिश की पर असफल रहे. 2024 में उन्होंने पोलिंग एजेंटों को खरीदने की कोशिश की, किसी को 5,000 रुपये तो किसी को 10,000 रुपये दिए. लेकिन बंगाल की जनता ने दिखा दिया कि नेता खरीदे जा सकते हैं, जनता नहीं. यही तरीका महाराष्ट्र और झारखंड में अपनाया गया, जहां सरकारें गिर गईं.
क्रॉस वोटिंग को लेकर किसने क्या कहा?
क्रॉस वोटिंग को लेकर कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा, अगर चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई है तो इंडिया गठबंधन के हर दल को गंभीरता से जांच करनी चाहिए. यह गंभीर मामला है. अगर इसमें जरा भी सच्चाई है तो व्यवस्थित और निष्पक्ष जांच जरूरी है. आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, हमारी ओर से कोई क्रॉस-वोटिंग नहीं हुई. आरजेडी के 9 सांसदों ने इंडिया गठबंधन को वोट दिया. जो हुआ या नहीं हुआ, उसे संसद में नेता देखेंगे.
एनसीपी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले ने कहा, अगर वोटिंग गुप्त हुई थी, तो बीजेपी को कैसे पता कि किसने किसे वोट दिया. अरविंद सावंत शिवसेना (उद्धव गुट) ने भी बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, जिन सांसदों ने वोट अमान्य किए, क्या वे पढ़े-लिखे हैं या मूर्ख? क्या उन्होंने अपनी अंतरात्मा से वोट दिया या उनके वोट खरीदे गए? बीजेपी ने विश्वासघात के बीज बोए हैं. सभी एजेंसियां बीजेपी की गुलाम हैं. उन्होंने इन एजेंसियों के दम पर ब्लैकमेल किया होगा.



