चुनाव से पहले परशुराम पर सियासत विपक्ष ने भाजपा पर बोला हमला
विकास के नाम पर कुछ बताने को नहीं भाजपा के पास
- आस्था के नाम पर किये गये जमीन घोटाले
- झांसे में नहीं आने वाले हैं ब्राह्मïण, सिखाएंगे सबक
- प्रदेश में हुए ब्राह्मïणों के उत्पीडऩ पर पर्दा डालना चाहती है भाजपा
- उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने किया मूर्ति का अनावरण
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। विधान सभा चुनाव से पहले प्रदेश की सियासत में अब भगवान परशुराम की एंट्री हो गयी है। नाराज ब्राह्मïणों को अपने पाले में करने के लिए भाजपा ने आज भगवान परशुराम की प्रतिमा का अनावरण कर ब्राह्मïण समाज को संदेश देने की कोशिश की। वहीं विपक्ष ने इस मामले पर भाजपा पर जमकर हमला बोला। विपक्ष ने कहा कि भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाकर भाजपा योगी राज में ब्राह्मïणों पर किए गए अत्याचारों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है लेकिन ब्राह्मïण समाज अब इसके झांसे में नहीं आने वाला है। भाजपा के पास विकास के नाम पर बताने के लिए कुछ नहीं है इसलिए वह इस प्रकार की सियासत कर रही है।
भगवान राम के बाद इस बार भगवान परशुराम पर सियासत तेज हो गयी है। सपा के बाद भाजपा ने भी भगवान परशुराम की प्रतिमा का अनावरण किया है। दरअसल, भाजपा ने प्रतिमा का अनावरण इसलिए किया कि ब्राह्मïण उससे नाराज हैं और इसका खामियाजा चुनाव में उसे उठाना पड़ सकता है। कई दिग्गज ब्राह्मïण नेताओं के सपा में चले जाने को लेकर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व बेचैन है। पिछले दिनों इसी मुद्दे पर भाजपा के ब्राह्मïण नेता और मंत्रियों की दिल्ली में बैठक हुई थी। बैठक में ब्राह्मïणों की नाराजगी का मामला उठाया गया था। लिहाजा डैमेज कंट्रोल के लिए भाजपा ने भगवान परशुराम का सहारा लिया है। भाजपा ने लखनऊ के सहसोवीर मंदिर में भगवान परशुराम की 11 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की है। यह प्रतिमा भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी ने बनवाई है। इसका अनावरण उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने किया। इस मौके पर कानून मंत्री बृजेश पाठक, रीता बहुगुणा जोशी आदि मौजूद रहे।
क्यों अहम हैं ब्राह्मïण
प्रदेश में ब्राह्मïण समाज की आबादी 11 से 12 फीसदी तक है। ऐसे में सपा और भाजपा दोनों इस वर्ग को साधने की कोशिश में जुटी हैं। 2007 में मायावती की सोशल इंजीनियरिंग, 2012 में अखिलेश यादव को मिली सफलता और 2017 में भाजपा के पूर्ण बहुमत में आने के पीछे ब्राह्मण समाज की अहम भूमिका बताई जाती रही है।
योगी राज में ब्राह्मïणों पर हुए अत्याचार पर भाजपा पर्दा डालने की कोशिश कर रही है लेकिन मूर्ति से अत्याचारों को ढंका नहीं जा सकता। जिन लोगों ने आस्था के नाम पर जमीन घोटाले किए उन्हें न तो भगवान राम माफ करेंगे न भगवान परशुराम।
सुनील सिंह साजन, एमएलसी, सपासिर्फ मूर्तियां लगवाने से आज तक किसी जाति का सम्मान नहीं बढ़ा। बेहतर हो कि महापुरुषों के नाम पर अस्पताल और स्कूल खोले जाएं। भाजपा का यह ब्राह्मïण प्रेम हास्यास्पद है। डेढ़ साल से जेल में बंद निर्दोष खुशी दुबे और चार अन्य ब्राह्मïण महिलाओं के साथ अपराधी जैसा बर्ताव भाजपा के दोहरे चरित्र को उजागर करता है।
वैभव माहेश्वरी, प्रवक्ता आपजब चुनाव आया है तब भाजपा को ब्राह्मïणों की याद आ रही है लेकिन जब प्रदेश में ब्राह्मïणों के पूरे परिवार के परिवार जिंदा जला दिए गए उस समय भाजपा के नेता कहीं नहीं दिखे। ब्राह्मïण समाज भाजपा के झांसे में आने वाला नहीं है। चुनाव में वह भाजपा को सबक सिखाएगा।
अंशू अवस्थी, डिजिटल मीडिया इंचार्ज, यूपी कांग्रेसभाजपा लोगों को लड़ाकर सत्ता पाना चाहती है। इनके पास विकास के नाम पर बताने के लिए कुछ नहीं है लिहाजा वे विभाजनकारी सियासत कर रहे हैं। जनता सब समझ रही है और चुनाव में इनको सबक सिखाएगी।
अनुपम मिश्रा, राष्टï्रीय संयोजक, टीम आरएलडी
कोरोना से कोहराम, चौबीस घंटे में संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख के पार
सात महीने का रिकॉर्ड टूटा, 302 लोगों की मौत
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। तमाम पाबंदियों के बावजूद देश में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है। बीते चौबीस घंटे में संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच चुका है। वहीं तीन सौ से अधिक लोगों की मौत हुई है। इन केसों ने पिछले सात महीने का रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बीते 24 घंटे में कोरोना के एक लाख 17 हजार एक सौ मामले सामने आए हैं जो कि पिछले सात महीनों में सबसे अधिक है। इससे पहले छह जून 2021 में एक लाख मामले सामने आए थे। वहीं इस दौरान 302 लोगों की मौत भी हो गई। 30,836 लोग स्वस्थ भी हुए है लेकिन चिंता की बात यह है कि मरीज बढ़ते जा रहे हैं।
ओमिक्रॉन भी बढ़ा
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में ओमिक्रॉन के मामलों की कुल संख्या बढक़र 3,007 हो गई है। 876 मामलों के साथ महाराष्ट्र जहां टॉप पर बना हुआ है वहीं 465 मरीजों के साथ दिल्ली दूसरे स्थान पर है। ओमिक्रॉन के 3,007 मरीजों में से 1,199 मरीज डिस्चार्ज हो गए हैं।
पीएम की सुरक्षा में चूक पर सुप्रीम कोर्ट सख्त हाई कोर्ट को रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का आदेश
- पंजाब सरकार, पुलिस और एसपीजी से जानकारी उपलब्ध कराने को कहा
- सोमवार को होगी अगली सुनवाई
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में चूक मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि पीएम की सुरक्षा को लेकर हम गंभीर हैं, राज्य और केंद्र अपनी कमेटी पर खुद से विचार करें। कोर्ट ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को रिकॉर्ड सुरक्षित करने के आदेश दिए गए हैं। कोर्ट ने पंजाब सरकार, पुलिस व एसपीजी से रजिस्ट्रार जनरल को जरूरी जानकारी देने को कहा। मामले की सुनवाई सोमवार को फिर होगी।
वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक का मामला मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना की बेंच के सामने उठाया था। सीजेआई ने कहा कि राज्य और केंद्र ने कमेटी बनाई हैं, क्यों ना दोनों को जांच करने दी जाए। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार की कमेटी सिर्फ सुरक्षा में चूक की जांच कर रही है। यह बेहद गंभीर मामला है।
केंद्रीय टीम फिरोजपुर पहुंची, पंजाब सरकार ने भेजी अपनी रिपोर्ट
चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले की जांच करने तीन सदस्यीय केंद्रीय कमेटी पंजाब के फिरोजपुर पहुंच चुकी है। जांच कमेटी फिरोजपुर-मोगा राजमार्ग पर पहुंची। उस स्थान का मुआयना भी किया, जहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला फ्लाईओवर पर फंसा गया था। कैबिनेट सचिवालय सचिव (सुरक्षा) सुधीर कुमार सक्सेना, आईबी संयुक्तनिदेशक बलबीर सिंह, एसपीजी महानिरीक्षक एस सुरेश जांच कमेटी के सदस्य हैं। उधर, पंजाब सरकार ने भी इस मामले में एक रिपोर्ट केंद्र को भेजी है। पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी ने केंद्र को एक रिपोर्ट सौंपी है।