शॉर्ट सर्किट से 260 मौतें? अहमदाबाद विमान हादसे पर सनसनीखेज दावा!
अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है... सीनियर अटॉर्नी माइक एंड्यूज ने दावा किया है कि हादसे की वजह शॉर्ट सर्किट हो सकता है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों 12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद शहर में एक दुखद हादसा हुआ.. एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर 171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी.. टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई.. यह विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था.. जिसमें 242 लोग सवार थे.. इनमें से 241 लोगों की मौत हो गई.. और सिर्फ एक व्यक्ति जिंदा बचा.. इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। लोग सवाल कर रहे थे कि आखिर यह हादसा कैसे हुआ… क्या पायलटों की गलती थी? या कोई तकनीकी खराबी? अब इस मामले में अमेरिका के एक सीनियर वकील माइक एंड्रयूज ने एक चौंकाने वाला दावा किया है… और उन्होंने कहा कि हादसा शॉर्ट सर्किट की वजह से हुआ.. जो विमान में पानी के रिसाव से हुआ था.. उन्होंने पायलटों को निर्दोष बताया और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की मांग की है.. यह दावा अमेरिकी संघीय उड्डयन प्रशासन के दिशानिर्देशों पर आधारित है..
सबसे पहले बात करते हैं हादसे वाले दिन की….. 12 जून 2025 को दोपहर करीब 1:39 बजे IST पर एयर इंडिया फ्लाइट 171 ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी.. विमान में 229 यात्री और 13 क्रू मेंबर्स थे.. टेकऑफ के महज 32 सेकंड बाद विमान में समस्या आई.. दोनों इंजनों से थ्रस्ट खत्म हो गया और विमान नीचे गिरने लगा.. यह एक मेडिकल कॉलेज की इमारतों से टकरा गया.. जिससे आग लग गई. हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई.. और सिर्फ एक यात्री जिंदा बचा.. यह भारत की सबसे बड़ी विमान दुर्घटनाओं में से एक थी..
वहीं हादसे के बाद बचाव दल तुरंत पहुंचे…. लेकिन आग इतनी भयानक थी कि ज्यादातर शव पहचानने लायक नहीं बचे.. एक सर्वाइवर जो पीछे की सीट पर था, चमत्कारिक रूप से बच गया.. उसने बाद में बताया कि अचानक विमान हिलने लगा और फिर गिर गया.. यह हादसा अहमदाबाद के रिहायशी इलाके में हुआ.. जिससे जमीन पर भी कुछ लोग घायल हुए.. लेकिन कोई मौत नहीं हुई.. एयर इंडिया ने तुरंत जांच कमिटी बनाई.. और भारत के डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने जांच शुरू की.. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बोइंग कंपनी और FAA भी शामिल हुए..
हादसे के कुछ दिनों बाद प्रारंभिक रिपोर्ट आई.. रिपोर्ट में कहा गया कि विमान के इंजन फ्यूल कटऑफ स्विच अपने आप बंद हो गए थे.. इससे इंजनों को ईंधन नहीं मिला.. और विमान गिर गया.. कुछ रिपोर्ट्स में पायलटों पर आरोप लगाया गया कि शायद उन्होंने गलती से स्विच बंद कर दिया.. या फिर कोई कंफ्यूजन हुआ..
जुलाई 2025 में एक रिपोर्ट आई, जिसमें इंजन स्विच की पोजिशन पर सवाल उठाए गए… रिपोर्ट कहती है कि स्विच बंद होने से पहले कोई वार्निंग नहीं आई.. इससे सवाल उठा कि क्या यह मैनुअल गलती थी या ऑटोमैटिक फेलियर.. परिवारों ने पायलटों को दोषी ठहराने पर नाराजगी जताई.. और उन्होंने कहा कि बिना पूरी जांच के पायलटों को बदनाम न किया जाए.. इस बीच, एयर इंडिया ने पीड़ित परिवारों को शुरुआती मुआवजा दिया, लेकिन कई परिवारों ने इसे नाकाफी बताया..
अमेरिका के मशहूर वकील माइक एंड्रयूज, जो बेसली एलेन लॉ फर्म से हैं.. इस मामले में शामिल हुए.. वे 100 से ज्यादा पीड़ित परिवारों का केस लड़ रहे हैं.. और उन्होंने अमेरिकी कोर्ट में एक याचिका दायर की., जिसमें फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की मांग की.. एंड्रयूज का कहना है कि हादसा पायलटों की गलती से नहीं.. बल्कि विमान में पानी के रिसाव से हुआ शॉर्ट सर्किट की वजह से हुआ.. और उन्होंने कहा कि पानी रिसाव से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम गीला हो गया.. जिससे फ्यूल स्विच अपने आप बंद हो गया..
एंड्रयूज ने अपने दावे को मजबूत बनाने के लिए FAA के दिशानिर्देशों का हवाला दिया.. उन्होंने कहा कि यह समस्या बोइंग 787 सीरीज में पहले भी देखी गई है.. वकील ने बोइंग कंपनी पर आरोप लगाया कि उन्होंने पानी रिसाव की समस्या को नजरअंदाज किया.. एंड्रयूज ने एक इंटरव्यू में कहा कि पायलट निर्दोष हैं.. असली दोषी बोइंग का डिजाइन है.. उन्होंने नए सबूतों का जिक्र किया.. जैसे विमान के इलेक्ट्रॉनिक बे में नमी के निशान.. यह दावा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे जांच की दिशा बदल सकती है..
माइक एंड्रयूज अमेरिका के एक अनुभवी एविएशन अटॉर्नी हैं.. उन्होंने कई बड़े विमान दुर्घटना केस लड़े हैं.. उनकी फर्म ने एयर इंडिया क्रैश में 85 से ज्यादा परिवारों को रिप्रेजेंट किया.. अगस्त 2025 में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि शुरुआती मुआवजा काफी नहीं है.. और बोइंग को जवाबदेह बनाना जरूरी है. एंड्रयूज का दावा FAA के 14 मई 2025 को जारी एयरवर्थीनेस डायरेक्टिव पर आधारित है.. यह दिशानिर्देश बोइंग 787-8, 787-9 और 787-10 मॉडल्स के लिए था.. FAA ने कहा कि विमान के पोटेबल वॉटर सिस्टम में कपलिंग गलत तरीके से लगी होने से पानी रिसाव हो सकता है.. यह पानी इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट बे में घुस सकता है, जिससे शॉर्ट सर्किट होता है..
FAA ने कई रिपोर्ट्स का जिक्र किया.. जहां पानी रिसाव से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस गीले हुए.. इससे विमान की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.. डायरेक्टिव में बोइंग को निर्देश दिया गया कि सभी प्रभावित विमानों की जांच करें और सीलेंट लगाएं.. एयर इंडिया का क्रैश हुआ विमान भी 787-8 था, जो इस लिस्ट में शामिल है.. FAA ने चेतावनी दी कि अगर समस्या न सुलझाई गई, तो क्रैश हो सकता है..
आपको बता दें कि यह समस्या नई नहीं है.. बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को 2011 में लॉन्च किया गया था.. यह ईंधन बचाने वाला और पर्यावरण अनुकूल विमान है.. लेकिन इसमें बैटरी फायर, पानी रिसाव जैसी समस्याएं पहले भी आईं.. 2023-2024 में भी इसी तरह के रिसाव की रिपोर्ट्स थीं.. FAA ने 2025 में इसे गंभीर मानकर AD जारी किया.. एंड्रयूज ने कहा कि अगर बोइंग ने पहले कार्रवाई की होती, तो यह हादसा टल सकता था.. इस हादसे में मरने वाले ज्यादातर लोग भारतीय थे.. लेकिन कुछ विदेशी भी.. कई परिवारों ने अपना सब कुछ खो दिया..
एंड्रयूज ने अमेरिकी कानून के तहत बोइंग के खिलाफ मुकदमा दायर किया.. वे मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत मुआवजा मांग रहे हैं.. जो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में लागू होता है. उन्होंने FDR डेटा की मांग की, ताकि साबित हो सके कि शॉर्ट सर्किट हुआ था.. बोइंग ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की.. लेकिन जांच में सहयोग कर रही है.. एयर इंडिया ने कहा कि वे परिवारों के साथ हैं..
यह हादसा विमानन उद्योग के लिए सबक है.. बोइंग 787 जैसे आधुनिक विमानों में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम बहुत हैं.. पानी रिसाव जैसी छोटी समस्या बड़ा खतरा बन सकती है.. FAA के AD से सभी एयरलाइंस को अलर्ट मिला.. भारत में DGCA ने बोइंग 787 फ्लीट की जांच के आदेश दिए.. विशेषज्ञ कहते हैं कि मेंटेनेंस पर ज्यादा ध्यान दें.. पिछले सालों में बोइंग की कई समस्याएं आईं.. इससे कंपनी की साख पर असर पड़ा.. अब एयर इंडिया क्रैश से नई जांच होगी..
एयर इंडिया की 2025 में यह पहली बड़ी दुर्घटना नहीं थी.. साल में 9 घटनाएं हुईं, जैसे इंजन फायर, टर्बुलेंस.. लेकिन क्रैश सिर्फ एक.. यह दिखाता है कि छोटी समस्याओं को नजरअंदाज न करें.. दुनिया में पानी रिसाव से शॉर्ट सर्किट के केस 2013 में एक बोइंग 787 में बैटरी फायर हुआ.. 2020 में जापान एयरलाइंस में रिसाव समस्या. ये सब FAA को अलर्ट करते हैं..



