BJP ने नहीं उठाया रूपाणी के अंतिम संस्कार का खर्च, मोदी-शाह ने दिखाई बेरुखी!
बीजेपी सरकार की बेरूखी आई सामने... मोदी- शाह का असली चेहरा आया सामने... अपने पूर्व सीएम के अंतिम संस्कार से झाड़ा पल्ला...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की मौत एक दुखद हादसे में हुई थी.. जो पूरे देश को झकझोर देने वाला था.. 12 जून 2025 को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 क्रैश हो गई.. जिसमें 241 लोग मारे गए.. इनमें विजय रूपाणी भी शामिल थे.. यह हादसा इतना भयानक था कि बचाव दल को शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराने पड़े.. रूपाणी की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गई.. लेकिन अब एक नया विवाद सामने आया है.. भाजपा पार्टी जिसके लिए रूपाणी ने सालों तक मेहनत की… और बीजेपी ने उनके अंतिम संस्कार के खर्च को उठाने से इनकार कर दिया.. जिसको लेकर परिवार का कहना है कि पैसे की बात नहीं, बल्कि पार्टी का यह रवैया दुखद और असंवेदनशील है.. इस खबर में हम विजय रूपाणी के जीवन, हादसे की डिटेल्स, अंतिम संस्कार के खर्च और राजनीतिक प्रभाव पर बात करेंगे..
दोस्तों विजय रूपाणी का जन्म 2 अगस्त 1956 को रंगून में हुआ था.. उनका परिवार गुजरात का था.. लेकिन व्यापार के सिलसिले में विदेश में रहता था.. रूपाणी ने अपनी पढ़ाई राजकोट से की और कानून की डिग्री ली.. वे शुरू से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे.. और जनसंघ के समय से राजनीति में सक्रिय रहे.. 1980 के दशक में वे भाजपा में शामिल हुए और धीरे-धीरे ऊपर चढ़ते गए.. वे राजकोट से विधायक बने, फिर मंत्री और आखिरकार 2016 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने.. और उन्होंने 2021 तक यह पद संभाला.. रूपाणी को एक सादगीपूर्ण और मेहनती नेता के रूप में जाना जाता था.. और उन्होंने गुजरात में विकास कार्यों पर जोर दिया.. जिसमें जल संरक्षण, कृषि सुधार और औद्योगिक विकास शामिल है..
लेकिन 2021 में उन्होंने अचानक इस्तीफा दे दिया.. जिसके पीछे पार्टी के आंतरिक मतभेद बताए जाते हैं.. इस्तीफे के बाद वे राजनीति से थोड़े दूर हो गए.. लेकिन पार्टी के लिए काम करते रहे.. उनकी मौत से पहले वे लंदन जाने की तैयारी में थे.. लेकिन टिकट दो बार कैंसल करने के बाद आखिरकार उस फ्लाइट में सवार हुए.. यह उनकी किस्मत का खेल था कि 12 जून 2025 को उनका सफर हमेशा के लिए खत्म हो गया.. बता दें कि रूपाणी का योगदान भाजपा के लिए बहुत बड़ा था.. और उन्होंने गुजरात में पार्टी को मजबूत किया.. और नरेंद्र मोदी-अमित शाह की टीम का हिस्सा रहे.. लेकिन मौत के बाद जो हुआ, वह हैरान करने वाला है.. पार्टी ने उनके अंतिम संस्कार के खर्च से हाथ खींच लिया.. यह बात अब सार्वजनिक हो चुकी है.. और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है..
बता दें कि 12 जून 2025 की दोपहर एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ी.. फ्लाइट में 242 यात्री थे, जिनमें विजय रूपाणी भी शामिल थे.. उड़ान भरते ही कुछ मिनटों में प्लेन में तकनीकी खराबी आई और वह बीजे मेडिकल कॉलेज के बॉयज हॉस्टल पर क्रैश हो गया.. इस हादसे में 241 लोग मारे गए.. सिर्फ एक व्यक्ति जिंदा बचा.. बचाव कार्य में कई दिन लगे क्योंकि प्लेन के टुकड़े बिखर गए थे.. रूपाणी के शव की पहचान डीएनए टेस्ट से हुई, जो 15 जून को कन्फर्म हुई..
वहीं यह हादसा भारत के इतिहास में सबसे बड़े एयर क्रैश में से एक था.. जांच में पता चला कि प्लेन बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था और इसमें इंजन की समस्या हो सकती थी.. रूपाणी की मौत की खबर सुनकर पूरे गुजरात में शोक की लहर दौड़ गई.. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया.. मोदी ने कहा कि विजय भाई का जाना गुजरात और भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति है.. लेकिन अब सवाल यह है कि अगर वे इतने महत्वपूर्ण थे.. तो पार्टी उनके अंतिम संस्कार का खर्च क्यों नहीं उठा सकी..
वहीं हादसे के बाद रूपाणी के शव को राजकोट लाया गया.. जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ.. 16 जून 2025 को हजारों लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए.. गुजरात विधानसभा में भी उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.. लेकिन पीछे से एक अलग कहानी चल रही थी.. आपको बता दें कि अंतिम संस्कार और अंतिम यात्रा में करीब 20-25 लाख रुपये का खर्च आया.. इसमें फूलों की सजावट, टेंट, श्रद्धांजलि सभा की व्यवस्था और अन्य चीजें शामिल थीं.. खबरों के मुताबिक भाजपा ने साफ कह दिया कि यह खर्च रूपाणी परिवार खुद उठाएगा.. पार्टी के स्थानीय नेताओं ने व्यापारियों से कहा कि पैसे परिवार से वसूल लें.. जुलाई में फूल और टेंट वाले व्यापारी रूपाणी के घर गए और बिल मांगा.. परिवार को तब पता चला कि पार्टी ने कोई भुगतान नहीं किया है..
रूपाणी के पारिवारिक मित्र ने मीडिया को बताया कि पैसे की कोई कमी नहीं है, लेकिन पार्टी का यह व्यवहार बहुत दुखद है.. उन्होंने पहले कोई जानकारी भी नहीं दी.. परिवार ने बिल चुका दिया.. लेकिन उनका दर्द साफ झलक रहा है.. वहीं भाजपा की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, पार्टी का कहना है कि अंतिम संस्कार निजी मामला है और परिवार की जिम्मेदारी है.. यह बात हैरान करने वाली है क्योंकि रूपाणी ने पार्टी के लिए जीवन भर काम किया.. वे मुख्यमंत्री रहते हुए भी सादगी से रहते थे.. और पार्टी फंड में योगदान देते थे.. क्या पार्टी इतनी कंजूस हो गई है कि 25 लाख भी नहीं दे सकती..
विजय रूपाणी के परिवार में उनकी पत्नी अंजलि, बेटा राधिका और अन्य सदस्य हैं.. मौत के बाद परिवार सदमे में था.. लेकिन पार्टी के रवैये ने उन्हें और दुखी कर दिया.. एक पारिवारिक मित्र ने कहा कि विजय भाई ने भाजपा के लिए खून-पसीना एक किया.. गुजरात में पार्टी को मजबूत बनाने में उनका बड़ा हाथ था.. लेकिन मौत के बाद ऐसा व्यवहार? यह बेदर्दी है.. परिवार ने पैसे चुका दिए क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि व्यापारियों को परेशानी हो.. लेकिन उनका कहना है कि यह सम्मान की बात है, पैसे की नहीं..
वहीं यह घटना भाजपा की छवि पर सवाल उठाती है.. पार्टी जो खुद को ‘परिवार’ कहती है, वह अपने पूर्व मुख्यमंत्री के साथ ऐसा व्यवहार क्यों कर रही है.. क्या रूपाणी के इस्तीफे के पीछे कोई पुराना मतभेद था… बता दें कि रूपाणी ने जब 2021 में उन्होंने इस्तीफा दिया.. तो कहा गया कि मोदी-शाह से उनकी नहीं बन रही थी.. कुछ लोग तो साजिश की थ्योरी भी चला रहे हैं.. जैसे हादसा जानबूझकर कराया गया.. लेकिन जांच में ऐसा कुछ नहीं मिला.. यह मामला गुजरात की राजनीति को प्रभावित कर सकता है.. राजकोट रूपाणी का गढ़ था.. वहां लोग नाराज हो सकते हैं.. भाजपा को अब सफाई देनी होगी.. अगर पार्टी चुप रही, तो विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बना सकता है.. देश में पहले भी ऐसे मामले हुए हैं.. जैसे संजय गांधी या अन्य नेताओं की मौत.. लेकिन वहां पार्टियां सम्मान करती हैं… यहां भाजपा का रवैया अलग है..



