धर्मांतरण विरोधी कानून का मामला ‘सुप्रीम’ चौखट पर

बीजेपी शासित राज्यों को करारा झटका

  • शीर्ष अदालत ने चार राज्यों से मांगा जवाब
  • अदालत ने कानूनों पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई स्वीकारा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल में मुंह से खाने केबाद भाजपा नीत एनडीए सरकार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की चौखट बुलाया गया है। शीर्ष अदालत ने धर्मांतरण विरोधी कानून पर यूपी-उत्तराखंड समेत 4 राज्यों से जवाब मांगा है।
अदालत ने कानूनों पर रोक लगाने की याचिका पर राज्यों से चार हफ्तों में जवाब मांगा है। इसे लेकर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान को नोटिस जारी क्या गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह कानूनों की जांच करेगा। कोर्ट इस बात पर भी विचार करेगा कि क्या विभिन्न् हाईकोर्ट में लंबित याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित किया जाए या नहीं।

राज्यों के जवाब के बाद कानून पर रोक लगाने वाली मांग पर विचार

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यों के जवाब दाखिल होने के बाद कानून पर रोक लगाने की मांग पर विचार किया जाएगा। कोर्ट ने वकील सृष्टि अग्निहोत्री को याचिकाकर्ताओं की तरफ से नोडल वकील नियुक्त किया है। राज्यों की तरफ से वकील रूचिरा गोयल को नोडल वकील नियुक्त किया गया है।

एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दी चेतावनी

एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दी चेतावनी देते हुए कहा, अगर उन्हें बिहार चुनाव के किसी भी चरण में निर्वाचन आयोग की ओर से अपनाई गई प्रक्रिया में कोई भी अवैधता मिलती है, तो पूरी चुनाव प्रक्रिया रद्द कर दी जाएगी। कोर्ट ने बिहार में एसआईआर की वैधता पर अंतिम दलीलें सुनने के लिए 7 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा मानना है कि संवैधानिक संस्था भारत निर्वाचन आयोग बिहार में कानून और अनिवार्य नियमों का पालन कर रही है। कोर्ट ने आगे कहा कि वे बिहार में एसआईआर पर आंशिक रूप से राय नहीं दे सकते हैं, क्योंकि उनका अंतिम फैसला पूरे देश पर लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अगर बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली में कोई अवैधता पाई जाती है, तो पूरी प्रक्रिया को रद्द किया जा सकता है। पीठ ने स्पष्ट किया कि वो बिहार एसआईआर पर टुकड़ों में फैसला नहीं दे सकती क्योंकि उसका अंतिम फैसला केवल बिहार में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में आयोजित एसआईआर पर लागू होगा।

अगली सुनवाई 6 हफ्ते बाद होगी

लव-जिहाद और गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन के खिलाफ यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और मध्यप्रदेश और गुजरात में बने कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। मामले पर अगली सुनवाई 6 हफ्ते बाद होगी।

एसआईआर पर 7 अक्टूबर को होगी अंतिम बहस

मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने ये भी कहा कि वह ये मानता है कि एक संवैधानिक प्राधिकारी के रूप में भारत का निर्वाचन आयोग एसआईआर प्रक्रिया को पूरा करने में कानून और अनिवार्य नियमों का पालन कर रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार में एसआईआर अभ्यास की वैधता पर अंतिम बहस सुनने के लिए 7 अक्टूबर की तारीख तय की।

धर्मांतरण के आरोप में फंसाने की दलील

याचिकाकर्ताओं में जमीयत उलेमा ए हिंद और सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस जैसे कई संगठन शामिल हैं। याचिकाओं में कहा गया है कि ये कानून अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखने वाले जोड़ों को परेशान करने का जरिया बन गए हैं। इनकी आड़ में किसी को धर्मांतरण के आरोप में फंसाया जा सकता है।

बेटिंग ऐप मामले में प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा

  • युवराज, उथप्पा और सोनू सूद से होगी पूछताछ
  • मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने भेजा समन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप 1Xबेट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ शुरू की है। पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह, रॉबिन उथप्पा और अभिनेता सोनू सूद को अलग-अलग दिनों में जांच के लिए तलब किया गया है। इस मामले में पहले सुरेश रैना, शिखर धवन और मिमी चक्रवर्ती से भी पूछताछ की जा चुकी है। बेटिंग ऐप मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने मंगलवार, 16 सितंबर को जानकारी दी। रॉबिन उथप्पा (39 साल), युवराज सिंह (43 साल) और सोनू सूद (52 साल) को 1Xबेट नामक प्लेटफॉर्म से जुड़े एक मामले में अगले सप्ताह अलग-अलग दिन पेश होने और मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत अपने बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है। उथप्पा को 22 सितंबर को, युवराज सिंह को 23 सितंबर को और सोनू सूद को 24 सितंबर को पेश होने के लिए कहा गया है। इस मामले में पिछले कुछ हफ्तों में पूर्व क्रिकेटरों सुरेश रैना और शिखर धवन से भी पूछताछ की है। इस मामले में पूर्व टीएमसी सांसद मिमी चक्रवर्ती का बयान भी दर्ज किया है।

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईडी का पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे पर 7000 पेज का आरोपपत्र

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ 7,000 पन्नों का विस्तृत आरोपपत्र दाखिल किया है। ईडी का आरोप है कि चैतन्य 2,160 करोड़ रुपये के कथित घोटाले से प्राप्त 16.70 करोड़ रुपये के धन के लाभार्थी थे, जिसे उन्होंने अपनी रियल एस्टेट परियोजनाओं में निवेश किया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित शराब घोटाले के सिलसिले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ 7,000 पन्न०ों का आरोपपत्र दाखिल किया है। आरोपपत्र दाखिल होने के साथ ही चैतन्य की न्यायिक हिरासत आज समाप्त हो गई और उन्हें अदालत में पेश किया गया।

ये है मामला?

यह जांच कथित अवैध सट्टेबाजी ऐप्स से संबंधित है। आरोप है कि इस सट्टेबाजी ऐप ने कई लोगों और निवेशकों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है या भारी मात्रा में टैक्स की चोरी की है। वहीं कंपनी के अनुसार, 1Xबेट सट्टेबाजी इंडस्ट्री में 18 सालों के अनुभव के साथ विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म है। कंपनी के अनुसार, ब्रांड से जुडऩे वाले ग्राहक हजारों खेल आयोजनों पर सट्टा लगा सकते हैं, कंपनी की वेबसाइट और ऐप 70 भाषाओं में उपलब्ध हैं।

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