AAP विधायक चैतर वसावा को जमानत, जुलाई से थे जेल में बंद, कोर्ट ने लगाई शर्तें

AAP विधायक चैतर वसावा को लंबी सुनवाई के बाद जमानत मिल गई है... जुलाई से जेल में बंद वसावा की रिहाई पर कोर्ट ने कुछ कड़ी शर्तें भी लगाई हैं..      

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों गुजरात में आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत हुई है.. 22 सितंबर को गुजरात की राजनीति में एक बड़ा फैसला आया है.. जहां आम आदमी पार्टी के विधायक चैतर वसावा को गुजरात हाई कोर्ट ने नियमित जमानत दे दी है.. वे जुलाई से जेल में बंद थे.. यह जमानत कुछ शर्तों के साथ मिली है.. कोर्ट ने कहा है कि चैतर वसावा एक साल तक अपने निर्वाचन क्षेत्र डेडीयापाडा तालुका में नहीं जा सकेंगे.. यह फैसला न्यायमूर्ति एम. आर. मेंगडे ने सुनाया.. चैतर वसावा पर हत्या के प्रयास का आरोप था.. यह मामला उनके निर्वाचन क्षेत्र में एक बैठक के दौरान हुआ था..

आपको बता दें कि चैतर वसावा गुजरात के एक युवा और आदिवासी नेता हैं.. वे नर्मदा जिले के डेडीयापाडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.. उनकी उम्र करीब 35 साल है.. वे आम आदमी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं.. चैतर का जन्म आदिवासी समुदाय में हुआ.. वे गरीबों और आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ते हैं.. और उन्होंने राजनीति में आने से पहले सामाजिक कार्य किया.. वे आदिवासी अधिकारों, शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर देते हैं..

2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में चैतर ने बड़ा उलटफेर किया.. वे डेडीयापाडा सीट से जीते.. यह सीट आदिवासी बहुल है.. AAP ने गुजरात में पहली बार 5 सीटें जीतीं.. और चैतर उनमें से एक थे.. उनकी जीत BJP के लिए झटका थी.. क्योंकि यह इलाका पहले BJP का गढ़ था.. चैतर AAP के युवा चेहरे हैं.. वे अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी को गुजरात में मजबूत कर रहे हैं.. वे विधानसभा में आदिवासी मुद्दों पर बोलते हैं.. जैसे जंगल अधिकार, पानी की समस्या और रोजगार की बात करते हैं..

चैतर का परिवार साधारण है.. वे बोगाज गांव के रहने वाले हैं.. राजनीति में आने से पहले वे किसानी और सामाजिक काम करते थे.. AAP में शामिल होने के बाद वे तेजी से ऊपर आए.. पार्टी उन्हें गुजरात में आदिवासी चेहरे के रूप में पेश करती है.. लेकिन उनकी सक्रियता से विरोधी परेशान हैं.. उन पर पहले भी केस हुए हैं.. 2023 में एक अदालत ने उन्हें चोट पहुंचाने के मामले में 6 महीने की सजा सुनाई थी.. लेकिन वे अपील कर रहे हैं..

आपको बता दें कि यह मामला 5 जुलाई 2025 का है.. डेडीयापाडा प्रांत कार्यालय जगह थी.. वहां एक बैठक चल रही थी.. ‘आपणो तालुको वाइब्रेंट तालुको’ बैठक का नाम था.. यह स्थानीय समन्वय समिति की बैठक थी.. चैतर वसावा वहां विधायक के रूप में शामिल थे.. बैठक में कई अधिकारी और स्थानीय नेता थे.. प्राथमिकी के अनुसार चैतर वसावा गुस्से में आ गए.. वजह थी उनके नामित व्यक्ति की नियुक्ति पर ध्यान न देना.. और उन्होंने सागबारा तालुका पंचायत की महिला अध्यक्ष को अपशब्द कहे.. इस पर डेडीयापाडा तालुका पंचायत अध्यक्ष संजय वसावा ने विरोध किया.. संजय BJP के नेता हैं.. FIR कहती है कि चैतर ने संजय पर मोबाइल फोन फेंका.. इससे संजय के सिर पर चोट लगी.. चैतर ने गिलास से हमला करने की कोशिश भी की.. लेकिन पुलिस ने रोक लिया..

जानकारी के अनुसार यह घटना बैठक के दौरान हुई.. वहां पुलिस और अन्य लोग मौजूद थे.. संजय वसावा ने डेडीयापाडा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई.. चैतर पर भारतीय न्याय संहिता की कई धाराएं लगीं.. मुख्य धारा 109 है, जो हत्या के प्रयास की है.. ये सभी गंभीर आरोप हैं.. पुलिस ने चैतर को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया.. वे वडोदरा सेंट्रल जेल में बंद थे.. गिरफ्तारी के बाद चैतर वसावा को कोर्ट में पेश किया गया.. पुलिस ने कहा कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे.. अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया.. AAP ने इसे राजनीतिक साजिश बताया.. पार्टी का कहना है कि BJP चैतर को रोकना चाहती है.. क्योंकि वे आदिवासी इलाकों में लोकप्रिय हैं..

जुलाई से सितंबर तक वे जेल में रहे.. इस दौरान AAP ने कई विरोध प्रदर्शन किए.. अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर समर्थन दिया.. लेकिन कानूनी प्रक्रिया चली.. चैतर ने पहले राजपीपला सत्र अदालत में जमानत मांगी.. अदालत ने खारिज कर दी.. वजह थी उनके पुराने आपराधिक रिकॉर्ड.. 2023 में चोट पहुंचाने का केस था.. फिर चैतर ने गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया.. हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.. उनके वकील ने कहा कि आरोप झूठे हैं.. कोई गंभीर चोट नहीं लगी.. यह राजनीतिक द्वेष है.. अभियोजन पक्ष ने विरोध किया.. और उन्होंने कहा कि चैतर का व्यवहार विधायक के लायक नहीं..

वहीं इस महीने की शुरुआत में एक और घटना हुई.. गुजरात विधानसभा का मानसून सत्र था.. चैतर विधायक हैं, तो उन्हें सत्र में हिस्सा लेना था.. और उन्होंने अंतरिम जमानत मांगी.. पहले सत्र अदालत ने दी.. लेकिन पुलिस एस्कॉर्ट के साथ.. चैतर ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी.. हाई कोर्ट ने पुलिस एस्कॉर्ट हटा दिया.. लेकिन शर्तें लगाईं.. मीडिया से बात न करें, सभा न करें.. चैतर 8 सितंबर को जेल से निकले.. विधानसभा गए.. सत्र में हिस्सा लिया.. 10 सितंबर शाम को वापस जेल लौटे.. यह तीन दिन की जमानत थी.. AAP ने इसे छोटी जीत कहा.. लेकिन नियमित जमानत का इंतजार था..

22 सितंबर को हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया.. न्यायमूर्ति एम. आर. मेंगडे ने जमानत मंजूर की… लेकिन शर्त लगाई… एक साल तक डेडीयापाडा तालुका में प्रवेश नहीं.. सिर्फ अदालती सुनवाई के लिए जा सकेंगे.. जमानत की रकम 10,000 रुपये है.. कोर्ट ने कहा कि चैतर का व्यवहार सही नहीं था.. लेकिन जमानत के योग्य है.. कोर्ट ने पुराने केसों को भी देखा.. लेकिन जमानत दी.. AAP खुश है.. पार्टी ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं.. चैतर की टीम ने X पर पोस्ट किया..

वहीं कोर्ट की शर्त सख्त है.. डेडीयापाडा चैतर का घर है.. उनका वहां बोगाज गांव है.. निर्वाचन क्षेत्र भी यही है.. एक साल तक न जा सकना मुश्किल है.. वे रिमोट से काम कर सकते हैं.. लेकिन लोगों से मिलना कठिन.. AAP का कहना है कि यह अन्याय है.. लेकिन जेल से बाहर होना राहत है.. कोर्ट को लगा कि चैतर के जाने से कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है.. संजय वसावा का वहां विरोध है.. कोर्ट ने शांति बनाए रखने के लिए यह किया..

यह मामला राजनीतिक है.. गुजरात में BJP मजबूत है… AAP उभर रही है.. 2022 चुनाव में AAP ने 27% वोट लिए.. आदिवासी इलाकों में AAP मजबूत है.. चैतर जैसे नेता BJP को चुनौती देते हैं.. AAP का आरोप है कि BJP फर्जी केस बनाती है.. गुजरात AAP प्रमुख इसुदान गढ़वी ने कहा कि यह जीत जनता की है.. AAP कार्यकर्ता जश्न मना रहे है..

आपको बता दें कि चैतर पर यह पहला केस नहीं है.. 2023 में चोट पहुंचाने का केस था.. सजा हुई, लेकिन अपील में है.. गुजरात में AAP नेताओं पर केस बढ़े हैं.. जैसे मेहराज मलिक पर PSA लगा.. AAP कहती है.. BJP डरती है.. वहीं भारत में ऐसे केस आम हैं.. विपक्षी नेताओं पर आरोप लगते हैं.. लेकिन अदालतें फैसला करती हैं.. यहां हाई कोर्ट ने संतुलन बनाया..

वहीं अब ट्रायल शुरू होगा.. चैतर निर्दोष साबित करने की कोशिश करेंगे.. AAP गुजरात में मजबूत होगी.. अगले चुनाव 2027 में चैतर की भूमिका बड़ी होने वाली है.. लेकिन शर्त से काम मुश्किल हो सकता है.. वहीं यह मामला दिखाता है कि राजनीति और कानून कैसे जुड़े हैं.. जनता देख रही है.. AAP को समर्थन मिल सकता है…

 

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