उदासी को दूर भगाएंगे ये योगासन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
क्या आप अक्सर बिना वजह उदासी महसूस करते हैं? हर चीज होते हुए भी मन खाली सा लगता है? तो इसे सिर्फ मूड स्विंग कहकर न टालें। बार-बार उदासी, मन का थक जाना या खालीपन का एहसास, ये सब किसी गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या के संकेत हो सकते हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में डिप्रेशन, एंग्जायटी और इमोशनल थकावट आम होती जा रही है, लेकिन इसका इलाज हमारे भीतर ही योग और प्राणायाम में छिपा है। हालांकि अगर लगातार दो हफ्तों से ज़्यादा समय से आप निराशा, अनिच्छा, थकान, या आत्मग्लानि महसूस कर रहे हैं, तो किसी मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट से संपर्क करें। साथ ही इस तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्या से बचने के लिए नियमित योगाभ्यास भी कर सकते हैं। योग न सिर्फ शरीर को लचीला बनाता है, बल्कि यह मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे हैप्पी हार्मोन को भी संतुलित करता है।

बालासन

बालासन एक आरामदायक योगासन है जो शरीर और मन दोनों को शांत करने में मदद करता है। यह तनाव और चिंता को कम करके, पीठ दर्द से राहत दिलाने, पाचन में सुधार करने और शरीर को आराम देने में सहायक है। बालासन का अभ्यास मानसिक तनाव कम करता और आपके भीतर के डर और असुरक्षा की भावना को शांत करता है।

अनुलोम विलोम

यह ब्रीदिंग टेक्निक आपको मानसिक स्थिरता और भावनात्मक संतुलन प्रदान करती है। अनुलोम विलोम प्राणायाम के अभ्यास से मानसिक तनाव और चिंता में राहत मिलती है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है। अनुलोम-विलोम एक प्रकार की ब्रीदिंग एक्सरसाइज है, जिसमें, हम एक बार अपने नाक की दाहिनी तरफ से सांस लेते हैं और बाएं से छोड़ते हैं। इसके बाद इसी प्रक्रिया को दोहराएं। यह एक आसान प्रक्रिया लग सकती है, लेकिन लंबे समय में इसके फायदे अनेक हैं। यह प्राणायाम दिमाग और नर्वस सिस्टम के लिए काफी फायदेमंद है। दिल की बीमारियां, हाई ब्लड प्रेशर या किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीडि़त लोगों को अनुलोम-विलोम करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

उदासी के कारण

डिप्रेशन या एंग्जायटी डिसऑर्डर, हार्मोनल असंतुलन, नींद की कमी या अनियमित दिनचर्या, पोषण की कमी (क्च12, विटामिन ष्ठ)।

भस्त्रिका प्राणायाम

दिल को मजबूत बनाने, फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने और ऑक्सीजन का फ्लो भी बढ़ाने में भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास असरदार है। यह आसन तनाव और चिंता के प्रभावों का कम करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। अभ्यास के लिए रोजाना सुबह तीन या पांच मिनट नाक से गहरी और तेज सांस लें और छोड़ें।

शवासन

इस आसन के अभ्यास से तनाव और बेचैनी से राहत मिलती है। यह विश्राम आसन मानसिक थकान को दूर करता है और आपको आंतरिक शांति देता है। इस आसन के अभ्यास से मस्तिष्क शांत और तनाव व हल्के अवसाद से राहत पाने में मदद मिलती है। शवासन पूरे शरीर को आराम देता है। इस आसन से सिरदर्द, थकान और अनिद्रा की शिकायत को दूर किया जा सकता है। शवासन रक्तचाप कम करने में मदद करता है।

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