Rahul की बात का बड़ा असर? Modi का भयंकर विरोध! Gen Z ने तोड़ दिया Teleprompter!

राहुल गांधी के बयान के बाद माहौल गरमा गया है... पीएम मोदी को झेलना पड़ा जोरदार विरोध.. वहीं Gen Z ने सोशल मीडिया पर ट्रोल कर दिया Teleprompter...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों राहुल गांधी के बयानों का असर अब तेजी से दिखाई दे रहा है.. देश के युवाओं ने अपने हक की आवाज उठानी शुरू कर दी है.. इसी क्रम में अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर में एक ऐसी घटना घटी.. जिसने पूरे देश को हिला दिया.. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी रैली में भाषण दे रहे थे.. मंच पर चमकते टेलीप्रॉम्प्टर से गुजराती अंदाज में ‘विकसित भारत’ की बातें हो रही थी.. लेकिन भीड़ के बीच से एक 17 साल के नौजवान की आवाज ने सब कुछ बदल दिया.. उस युवक ने एक बैनर लहराया, जिस पर साफ लिखा था.. भूख हड़ताल रोको, लद्दाख को उसके अधिकार दो.. यह सिर्फ एक बैनर नहीं था.. बल्कि लद्दाख के हजारों लोगों की चीख थी.. जो महीनों से केंद्र सरकार के दरवाजे पर न्याय मांग रहे हैं.. और यह विरोध किसी और की नहीं.. बल्कि एक साधारण स्कूली छात्र का था.. जिसे तुरंत पुलिस ने हिरासत में ले लिया..

आपको बता दें कि यह घटना सिर्फ एक छोटी-सी सलाह नहीं.. बल्कि मोदी सरकार की 11 साल पुरानी नीतियों पर एक करारा थप्पड़ है.. आर्टिकल 370 हटाने के बाद लद्दाख को UT बनाने का वादा किया गया था.. लेकिन आज लद्दाख के लोग राज्य का दर्जा.. छठे शेड्यूल के तहत सुरक्षा और पर्यावरण की रक्षा मांग रहे हैं.. और इस विरोध की जड़ में हैं विपक्ष के नेता राहुल गांधी की वो बातें.. जिन्होंने युवाओं को जगाया.. राहुल ने हाल ही में लद्दाख के सोनम वांगचुक की भूख हड़ताल का समर्थन किया था.. और उन्होंने कहा था कि लद्दाख के लोग अपनी जमीन, संस्कृति और अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं.. मोदी सरकार को उनकी सुननी चाहिए.. राहुल की यह बात अब सड़कों पर उतर आई है. Gen Z, जो सोशल मीडिया पर ‘जुमला’ शब्द से तंग आ चुका है.. उन्होंने मोदी के टेलीप्रॉम्प्टर को चुप करा दिया..

वहीं सबसे पहले बात करते हैं लद्दाख की.. 2019 में जब मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया.. तो इसे ‘ऐतिहासिक कदम’ कहा गया.. वादा था कि विकास, समानता, सुरक्षा.. लेकिन क्या हुआ? लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश तो बना दिया.. लेकिन राज्य का दर्जा नहीं.. जिसका नतीजा यह हुआ कि लद्दाख के लोग आज भी बेरोजगारी, जमीन हड़पने और पर्यावरण तबाही से जूझ रहे हैं.. सोनम वांगचुक, वो क्लाइमेट एक्टिविस्ट जिन्होंने ‘थ्री इडियट्स’ फिल्म में भी अपनी पहचान बनाई.. पिछले कई महीनों से भूख हड़ताल पर हैं.. उनकी मांग साफ है कि लद्दाख को छठे शेड्यूल के तहत संवैधानिक सुरक्षा दो.. ताकि बाहरी लोग आकर उनकी जमीनें न खरीद सकें और संस्कृति बची रहे.. वांगचुक ने कहा कि हमारी जमीनें बिक रही हैं, पर्यावरण नष्ट हो रहा है.. केंद्र सरकार सो रही है.. और यह हड़ताल कोई नई बात नहीं है.. अप्रैल 2024 से लद्दाख में प्रदर्शन चल रहे हैं.. हजारों लोग सड़कों पर उतरे.. लेकिन मोदी सरकार ने सिर्फ मीटिंग्स कीं, कोई फैसला नहीं लिया..

अब सोचिए मोदी जी जब अरुणाचल में ‘बॉर्डर गांवों का विकास’ की बात कर रहे थे.. तो लद्दाख के बॉर्डर गांव क्यों उजड़ रहे हैं..  आंकड़े बताते हैं कि लद्दाख में बेरोजगारी दर 2024 में 18% से ऊपर पहुंच गई.. जबकि राष्ट्रीय औसत 8% है.. पर्यावरण मंत्रालय के अपने डेटा के मुताबिक, लद्दाख में 50 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स मंजूर हो चुके हैं.. जो हिमालयी पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचा रहे हैं.. लेकिन मोदी सरकार चुप क्यों.. क्योंकि वोट बैंक की राजनीति में लद्दाख जैसे दूरदराज इलाके बस ‘फोटो ऑप्स’ हैं..

राहुल गांधी ने मई 2025 में संसद में ही यह मुद्दा उठाया था.. और उन्होंने कहा कि मोदी जी, लद्दाख को धोखा मत दो.. 370 हटाने का मतलब था सशक्तिकरण.. लेकिन आपने सिर्फ कागजों पर UT बना दिया.. राहुल की यह बात अब अरुणाचल के एक युवक के बैनर में बदल गई.. यह असर है उस ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का.. जहां राहुल ने पूर्वोत्तर के मुद्दों को जोर-शोर से उठाया.. युवा अब समझ गए हैं कि टेलीप्रॉम्प्टर पर विकास की बातें बस चुनावी जुमले हैं..

अभी हाल ही में इटानगर का पोलो ग्राउंड मोदी की रैली से गूंज रहा था.. BJP ने इसे ‘विजय संकल्प रैली’ कहा.. जहां 20 हजार से ज्यादा लोग जुटे.. मोदी ने GST रिफॉर्म्स की तारीफ की.. कहा कि रसोई का बजट कम होगा, महिलाओं को राहत मिलेगी.. लेकिन बीच में वो पल आया.. जब Higio Obinwas ने बैनर लहराया.. वीडियो में साफ दिखता है कि युवक भीड़ में खड़ा है, हाथ में काला झंडा, और ऊंची आवाज में नारा लगाता है.. सुरक्षा बलों ने उसे घसीटकर बाहर निकाला.. BJP प्रवक्ता ने इसे ‘कांग्रेस का स्टंट’ कहा.. लेकिन सच्चाई यह है कि यह एक आम छात्र था.. जो सोशल मीडिया से प्रेरित होकर आया था..

वहीं यह पहली बार नहीं है.. मणिपुर में ‘मोदी गो बैक’ के नारे लगे.. नागालैंड में विरोध प्रदर्शन हुए.. पूर्वोत्तर में मोदी सरकार की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ बस कागजों पर है.. आंकड़े देखें अरुणाचल में सड़कें अभी भी टूटी हैं.. बाढ़ हर साल आती है.. लेकिन फंड्स कहां जाते हैं.. CAG रिपोर्ट 2024 के मुताबिक, पूर्वोत्तर के लिए आवंटित 1.5 लाख करोड़ में से 30% ही खर्च हुआ.. बाकी ‘पेपर वर्क’ में उड़ गया..

आपको बता दें कि Gen Z का यह विरोध खास है.. 17 साल का Higio स्कूल जाता है.. लेकिन वह जानता है कि लद्दाख का दर्द अरुणाचल से जुड़ा है.. दोनों बॉर्डर स्टेट्स हैं.. जहां चीन की धमकी हमेशा मंडराती है.. लेकिन मोदी सरकार की विदेश नीति.. LAC पर तनाव, गलवान घाटी की शहादत भूल गई.. राहुल गांधी ने जुलाई 2025 में कहा था कि चीन बॉर्डर पर घुसपैठ कर रहा है.. लेकिन मोदी जी ‘नो एक्सेस’ वाली मीटिंग्स में व्यस्त हैं.. युवा अब ऐसे जुमलों से तंग आ चुके हैं

सोनम वांगचुक इंजीनियर, शिक्षक और पर्यावरण योद्धा.. 2024 से लद्दाख के लिए लड़ रहा है.. उसकी हड़ताल अप्रैल में शुरू हुई, जब केंद्र ने लद्दाख ऑटोनॉमी कमिटी को नकार दिया.. वांगचुक ने 21 दिनों तक पानी तक नहीं पिया.. डॉक्टरों ने चेतावनी दी, लेकिन सरकार ने सिर्फ एक कमिटी बनाई जो आज तक रिपोर्ट नहीं सौंपी.. लद्दाख के लोग कहते हैं कि हम बिना विधानसभा के UT बने.. फैसले दिल्ली से आते हैं, जो हमारी जरूरतें नहीं समझते.. 2023 की जनगणना के मुताबिक, लद्दाख की आबादी सिर्फ 3 लाख है.. लेकिन 70% युवा बेरोजगार है टूरिज्म बूम है, लेकिन फायदा बाहरी कंपनियों को हो रहा है.. स्थानीय लोग मजदूरी करते हैं.. मोदी जी जब ‘आत्मनिर्भर भारत’ बोलते हैं.. तो लद्दाख क्यों आत्मनिर्भर नहीं बन पा रहा..

 

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