भारत बनाम पाकिस्तान वीमेंस मैच पर बोलीं अलका लांबा, कहा- पैसा देखा गया, भावनाएं नहीं देखी गईं

कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा कि पहलगाम में आतंकी हमले में निर्दोष लोग मारे गए, उनका परिवार आतंकियों को सजा दिलाने की बात करता है लेकिन उनकी कोई परवाह नहीं की गई.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा कि पहलगाम में आतंकी हमले में निर्दोष लोग मारे गए, उनका परिवार आतंकियों को सजा दिलाने की बात करता है लेकिन उनकी कोई परवाह नहीं की गई.

भारत बनाम पाकिस्तान महिला विश्व कप मैच पर अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि चाहे वह महिलाओं का मैच हो या पुरुषों का हो, मेरी निजी राय है कि भारत पाकिस्तान मैच नहीं होने चाहिए. उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का भी जिक्र किया और कहा हमारे निर्दोष लोग मारे गए, ऐसे माहौल में तो बिल्कुल भी मैच नहीं होने चाहिए थे. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि सबकुछ ताक पर रखकर सिर्फ पैसा और क्रिकेट को अहमियत दी गई.

अलका लांबा ने कहा, ”पहलगाम में आतंकी हमला होता है, हमारे निर्दोष लोग, बिल्कुल आम नागरिक मारे जाते हैं, उनका परिवार उनके लिए शहीदी का दर्जा मांगता है. वो छह आतंकियों को ढूंढकर उसे सजा दिलाने की बात करता है, लेकिन उनकी कोई परवाह ही नहीं है.”

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, ”देश क्या चाह रहा था, वो नहीं हुआ. तो पैसा देखा गया, भावनाएं नहीं देखी गईं हैं. मारे गए लोगों का परिवार भी नहीं चाहता था कि इस माहौल में क्रिकेट मैच हो, पहले न्याय दिलाइए, शहीदी का दर्जा दिलाइए, उन आतंकियों को सजा दिलाइए, सबकुछ ताक पर रखकर सिर्फ पैसा और क्रिकेट को अहमियत दी गई. इससे देश को बहुत पीड़ा पहुंची है.”

ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर सवाल उठाने वाले विरोधियों को जवाब भी दिया. उन्होंने कहा, ”जो लोग पूछते हैं कि राहुल गांधी को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ करने की क्या जरूरत थी. वो यात्रा आज भी उसका अस्तित्व और मायने रखती है. ये नफरत और जहर के बीज धर्म के आधार पर बो दिए गए हैं.”

उन्होंने बरेली का जिक्र करते हुए कहा, ”बरेली में अगर किसी मुस्लिम ने ‘आई लव मोहम्मद’ कह दिया है तो आपत्ति क्या थी? लेकिन आपने पूरा बरेली जला दिया. बुलडोजर चला रहे हैं, जिसे मुख्य न्यायाधीश जिसे अंसवैधानिक, गैरकानूनी बता रहे हैं. आज उसी आधार पर एक गर्भवती महिला को अस्पाताल और उसके डॉक्टर ने इलाज देने से मना कर दिया. ये अमानवीय और शर्मसार करने वाली घटना है. अस्पताल और उस डॉक्टर का लाइसेंस रद्द होना चाहिए. धर्म के आधार पर मुस्लिम और दलितों को टारगेट किया जा रहा है, वो रुकना चाहिए.”

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