किसानों की मदद के बजाए खुद ही मदद ले रही सरकार : शरद पवार

- बोले- गन्ना मिल पर शुल्क लगाने पर पुनर्विचार करें मुख्यमंत्री
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह बारिश से प्रभावित किसानों की मदद करने के बजाय ‘गन्ना किसानों’ से सीएमआरएफ में योगदान करवा रही है। उन्होंने सरकार से गन्ना मिल पर शुल्क लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। यह आलोचना सरकार द्वारा सीएमआरएफ के माध्यम से प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने के लिए मिल में गन्ने पर ‘लेवी’ (शुल्क) लगाने के कदम से उत्पन्न हुई है।
पवार ने कहा, मुझे आश्चर्य है कि महाराष्ट्र सरकार ने बाढ़ से प्रभावित मराठवाड़ा के किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए गन्ना किसानों से अतिरिक्त शुल्क वसूलने का फैसला किया है। मैं सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करता हूं। सरकार ने पिछले सप्ताह सीएमआरएफ के लिए मिल पर प्रति टन गन्ने पर 10 रुपये तथा बाढ़ प्रभावित किसानों की सहायता के लिए प्रति टन 5 रुपये का शुल्क लगाने का निर्णय लिया था। राजू शेट्टी, कांग्रेस विधान परिषद सदस्य सतेज पाटिल, विधायक रोहित पवार सहित कई किसान नेताओं ने इस शुल्क का विरोध किया है और इसे अनुचित और वित्तीय बोझ बताया है।
किसानों के हितों के खिलाफ काम कर रही राजग सरकार : अभय
कांग्रेस नेता अभय दुबे ने आरोप लगाया कि बिहार में राजग सरकार राज्य के किसानों के हितों के खिलाफ काम कर रही है और उनकी आजीविका के अवसर छीन रही है। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना के नाम पर निजी कंपनियां भारी मुनाफा कमा रही हैं। दुबे ने कहा, अपने कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प से किसान देश को अन्न दे रहे हैं, लेकिन केंद्र और राज्य दोनों जगह की राजग सरकारें उनकी आजीविका के अवसर छीन रही है, केंद्र सरकार द्वारा 2026-27 विपणन सत्र के लिए छह रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाने के हालिया निर्णय का उल्लेख करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि नीतीश सरकार ने उत्पादन लागत का मूल्यांकन और विश्लेषण नहीं किया, जबकि प्रक्रिया के तहत केंद्र एमएसपी तय करने से पहले राज्य सरकारों से यह आंकड़े एकत्र करता है।



