वोटर लिस्ट में घोटाला? ज्ञानेश कुमार बुरा फंसे! चुनाव पर लटकी तलवार!

बिहार की मतदाता सूची पर बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है... एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सूचियों में लाखों डुप्लिकेट नाम और फर्जी पते दर्ज हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों.. आज हम बात करेंगे एक ऐसे मुद्दे की जो हमारे लोकतंत्र की जड़ को हिला सकता है.. बिहार में चुनाव आयोग ने हाल ही में मतदाता सूची को “शुद्ध” करने का दावा किया था.. लेकिन रिपोर्ट्स बता रही हैं कि सूची में लाखों डुप्लिकेट वोटर हैं.. फर्जी पते हैं.. और यहां तक कि मृत लोगों के नाम भी दर्ज हैं.. बता दें कि भारत में हर पांच साल में चुनाव होते हैं.. और उसके लिए मतदाता सूची तैयार की जाती है.. इसमें हर वोटर का नाम, पता, उम्र और फोटो होता है.. बिहार में जुलाई 2025 में चुनाव आयोग ने ‘स्पेशल इंटेंसिव रिविजन’ नाम का अभियान शुरू किया.. इसका मकसद मतदाता सूची को साफ-सुथरा बनाना था.. आयोग ने कहा कि वे फर्जी वोटरों को हटाएंगे.. डुप्लिकेट नाम साफ करेंगे.. मृत लोगों के नाम काटेंगे, और नए वोटर जोड़ेंगे..

उन्होंने दावा किया कि यह अभियान बहुत सफल रहा.. जुलाई में आयोग ने बताया कि 20 लाख मृत लोगों के नाम हटा दिए गए.. और 7 लाख से ज्यादा डुप्लिकेट एंट्रीज साफ हो गईं.. 1 अक्टूबर 2025 को फाइनल सूची जारी हुई.. और आयोग ने कहा कि अब बिहार की वोटर लिस्ट दुनिया की सबसे सटीक है.. लेकिन अब रिपोर्ट्स आ रही हैं जो यह दावा झुठला रही हैं.. पत्रकारों और एनजीओ ने सूची की जांच की.. और जो मिला, वह चौंकाने वाला है..

सबसे पहले ‘रिपोर्टर्स कलेक्टिव’ नाम की एक जांच टीम ने तीन विधानसभा क्षेत्रों.. पिपरा, बगहा और मोतिहारी की सूची चेक की.. इन तीनों जगहों पर 80,000 से ज्यादा वोटर ऐसे पाए गए जिनके पते फर्जी या गलत हैं.. मतलब, कोई व्यक्ति जिसका असली घर तो पटना में है.. लेकिन सूची में उसे मुजफ्फरपुर का पता लिखा गया.. या फिर एक ही पते पर सैकड़ों नाम दर्ज हैं.. जांच में पता चला कि SIR अभियान के दौरान फॉर्म भरते समय पते कॉपी-पेस्ट कर दिए गए..

 

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