MP में कफ सिरप से इतने लोगों की मौत, कोल्ड्रिफ निर्माता कंपनी के मालिक गिरफ्तार
मध्य प्रदेश में जहरीली कफ सिरप से 20 बच्चों की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। SIT ने जहरीली कफ सिरप कोल्ड्रिफ बनाने वाली फार्मा कंपनी श्रीसन फार्मा के मालिक रंगनाथन गोविंदन को देर रात गिरफ्तार कर लिया है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः मध्य प्रदेश में जहरीली कफ सिरप से 20 बच्चों की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है।
SIT ने जहरीली कफ सिरप कोल्ड्रिफ बनाने वाली फार्मा कंपनी श्रीसन फार्मा के मालिक रंगनाथन गोविंदन को देर रात गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक, गोविंदन लंबे समय से फरार चल रहा था और पुलिस ने उसपर इनाम भी घोषित कर रखा था। अब उसे SIT की टीम ने छापेमारी कर पकड़ा है।
यह मामला तब सामने आया था जब किडनी फेल होने से राज्य में लगातार 20 बच्चों की मौत हुई थी। जांच में पाया गया कि इन बच्चों को जो कफ सिरप दिया गया था, वह जहरीला था और उसमें खतरनाक केमिकल डाइथिलीन गलाइकोल की मौजूदगी पाई गई थी।
दरअसल, रंगनाथन गोविंदन चेन्नई स्थित अपने घर और कांचीपुरम तमिलनाडु में स्थित फैक्ट्री पर ताला लगाकर अपनी पत्नी समेत फरार था. जानकारी के मुताबिक, जहरीला कफ सिरप कोल्ड्रिफ पीने से 20 मासूमों की मौत के बाद छिन्दवाड़ा के परासिया थाने में 5 अक्टूबर को दवा निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मा के संचालकगणों, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीण सोनी और अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 105,276 व ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 की धारा 27a के तहत मामला कायम किया गया था.
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीण सोनी को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. मगर बाकी की गिरफ्तारी अभी बाकी थी. दवा निर्माता कंपनी के मालिकों की गिरफ्तारी के लिए छिन्दवाड़ा एसपी अजय पांडे ने एक 12 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, SIT की टीम रंगनाथन को चेन्नई से भोपाल ला रही है, जहां उससे कफ सिरप के निर्माण, कच्चे माल की आपूर्ति, वितरण नेटवर्क और लाइसेंस से जुड़ी अनियमितताओं पर पूछताछ की जाएगी. जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि सिरप में घातक केमिकल कैसे शामिल हुआ और कंपनी की क्वालिटी जांच प्रक्रिया में इतनी गंभीर चूक क्यों हुई.
कोल्ड्रिफ नाम की इस कफ सिरप के सेवन से मध्य प्रदेश में 20 बच्चों की मौत हो गई थी. इसके बाद प्रदेशभर में आक्रोश और दहशत का माहौल बन गया था. स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत दवा की बिक्री पर रोक लगाई और संबंधित कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की. इस घटना ने प्रदेश में दवाओं की सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
आपको बता दें,कि रंगनाथन गिरफ्तारी से बचने के लिए पिछले कई हफ्तों से फरार चल रहा था. पुलिस ने उसके ऊपर इनाम घोषित करने के साथ-साथ तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कई इलाकों में उसकी तलाश तेज कर दी थी. इसी सिलसिले में गठित SIT ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और स्थानीय सूत्रों की मदद से आरोपी का पता लगाया और उसे चेन्नई के एक अपार्टमेंट से धर दबोचा.



