चिराग-पीके का राजनीतिक बाटी चोखा! एनडीए को झटका

- 17 अक्टूबर तक भरे जाएंगे नामांकन
- सिर्फ 6 दिन का समय शेष, उम्मीदवार तो छोडिय़े अभी तक तय नहीं हो सका है कौन कहां से लड़ेगा चुनाव
- बिहार विधानसभा चुनाव पहले चरण की सीटों के लिए नोटिफिकेशन जारी
- एनडीए में माथापच्ची जारी वहीं इंडिया गठबंधन ने अंदरखाने में तय कर लिया सीट शेयरिंग फार्मूला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण कि सीटों के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। बिहार में 17 अक्टूबर तक नामांकन का पहला दौर चलेगा। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों के लिए 6 नवंबर को मतदान होना है। नामांकन की अंतिम तारीख 17 अक्टूबर है और नामांकन पत्रों की जांच 18 अक्टूबर को होगी। 20 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। पहले चरण में चुनाव लडऩे के इच्छुक उम्मीदवारों को नामांकन के लिए केवल छह दिन का ही समय बचा है। 11 अक्टूबर को दूसरा शनिवार और 12 अक्टूबर को रविवार होने के कारण अवकाश है जिसकी वजह से दो दिन नामांकन दाखिल नहीं हो सकेंगे।
उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए की चटनी मिक्सर मशीन
बाटी चोखा बिना चटनी के स्वाद नहीं देता इसलिए चिराग—पीके चाहते हैं कि चटनी का काम उपेन्द्र कुशवाहा करें और पूरी राजनीतिक डिश का स्वाद बदल दें। एनडीए की ओर से उपेन्द्र कुशवाहा को मैदान में उतारा जाना तय किया जा चुका है। यह वही नेता हैं जो सामाजिक समीकरणों को ग्राइंड करने में माहिर माने जाते हैं। ओबीसी और अन्य पिछड़ा वोट बैंक में इनकी पकड़ मजबूत है और भाजपा-जेडीयू दोनों ही इन्हें अपनी गुप्त रेसिपी में मिलाना चाहते हैं। लेकिन खेल यही है कि उपेन्द्र कुशवाह किस बर्तन में अपना स्वाद डालेंगे? क्योंकि बिहार की राजनीति में एक बार आपने गलत कड़ाही में चटनी डाल दी, तो पूरा पकवान कड़वा हो जाता है। और आज की स्थिति यह है कि एनडीए का स्वाद लगातार बेस्वाद होता जा रहा है। बिहार में कोइरी जाति को कुशवाहा के नाम से भी जाना जाता है।
एनडीए में हालात खराब , ,चिराग-पीके खराब कर रहे है खेल
एनडीए का हाल इन दिनों वैसा ही है जैसे कोई रसोइया एक साथ चार बर्तन चढ़ा दे और हर बर्तन में अलग-अलग आवाज़ें आने लगें। केंद्र से लेकर पटना तक तनाव की बासी गंध तैर रही है। चिराग पासवान जो कभी पीएम मोदी का हनुमान कहलाते थे अब पीके यानी प्रशांत किशोर के साथ राजनीतिक बाटी-चोखा बनाने की फिराक में लगे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चिराग भाजपा को उसी रेसिपी में पकाने की तैयारी कर रहे हैं जिसमें नीतीश कुमार को उन्होंने 2020 में जलाया था। पीके यानी प्रशांत किशोर इस बार कंसल्टेंट नहीं कुकिंग मास्टर के रोल में हैं। उनका मानना है कि बिहार की राजनीति अब जाति से नहीं जमीनी संगठन और डिजिटल नाड़ी से जीती जाएगी। इसीलिए उन्होंने चिराग के लिए एक यंग बिहार मिशन की रेसिपी तैयार की है जिसमें डाटा का नमक युवाओं का प्याज और नाराज किसानों का तड़का डाला जा रहा है। उधर भाजपा के भीतर भी उबाल है।संजय जायसवाल, गिरिराज सिंह, और मंगल पांडे जैसे नेता अंदर ही अंदर सवाल पका रहे हैं कि आखिर नीतीश कुमार के बार-बार लौटने और चिराग के उभार के बीच पार्टी का मूल चेहरा कहां है? मसलन भाजपा के अंदर यह सवाल गूंज रहा है कि क्या हम जेडीयू के भात में बस चटनी हैं या असली चूल्हा हमारे पास है?
अब सिर्फ छह दिन का समय बचा
नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब सिर्फ छह दिन का समय शेष बचा है। मगर सत्ताधारी एनडीए गठबंधन के भीतर अभी भी माथापच्ची जारी है। भाजपा और जेडीयू के बीच सीट बंटवारे को लेकर ठंडी जंग चल रही है। नीतीश कुमार की पार्टी चाहती है कि 2020 की तर्ज पर सम्मानजनक सीटें मिलें जबकि भाजपा इस बार खुद को सीनियर पार्टनर के रूप में पेश करना चाहती है। दोनों में अंदरखाने तीखी बहसें जारी हैं और यही वजह है कि अब तक उम्मीदवारों की लिस्ट को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। उधर, चिराग पासवान और प्रशांत किशोर (पीके) का नया प्रयोग भी एनडीए के समीकरण बिगाड़ सकता है। चिराग ने कई सीटों पर अपनी दावेदारी ठोक दी है जिन पर भाजपा या जेडीयू दोनों नाखुश हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के शब्दों में चिराग को हम सहयोगी मानें या चुनौती यह ही तय नहीं हो पा रहा। इसी असमंजस ने पूरे गठबंधन को भट्टी पर रख दिया है। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन ने अंदरखाने में अपना फार्मूला तय कर लिया है मगर औपचारिक घोषणा अभी बाकी है।
पुण्यतिथि पर याद किए गए नेता जी
- पिता मुलायम सिंह को अखिलेश ने दी श्रद्धांजलि
- रामगोपाल बोले- जो लोग दिल्ली का रास्ता नहीं जानते थे उन्हें सांसद बनाया
- पीएम मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे समेत दिग्गजों ने अर्पित किए पुष्प
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की तीसरी पुण्यतिथि पर सैफई स्थित समाधि स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। अखिलेश यादव ने परिवार के साथ पुष्प अर्पित किए। समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जहां पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने उन्हें नमन किया। वहीं पीएम मोदी, क ांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकर्जुन खरगे, यूपी के सीएम योगी ने उन्हे पुष्पाजंलि अर्पित की। सपा के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने मुलायम सिंह को याद करते हुए कहा कि जो लोग दिल्ली का रास्ता नहीं जानते थे उन्हें उन्होंने सांसद बना दिया।
सैफई में बनेगा नेताजी का भव्य स्मारक : अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की तीसरी पुण्यतिथि पर सैफई में उनके सम्मान में एक स्मारक बनाने की घोषणा की। नेताजी (मुलायम सिंह यादव) सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते रहेंगे और अपने आदर्शों और विचारों के साथ जीवित रहेंगे। मंच पर उपस्थित सभी लोग और हमारे सामने बैठे समाजवादी परिवार के सभी सदस्यों ने राजनीति के हर उतार-चढ़ाव में समाजवादी आंदोलन का साथ दिया है।
पद्म विभूषण मुलायम सिंह यादव को विनम्र श्रद्धांजलि : योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। आदित्यनाथ ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, पूर्व रक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, ‘पद्म विभूषण’ मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!




