मोदी जादू खत्म, 10-11 मंत्री देंगे इस्तीफा, रिवाबा बनेंगी मंत्री
गुजरात की सियासत में बड़ा उलटफेर तय माना जा रहा है... सूत्रों के मुताबिक जल्द ही राज्य मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल होने वाला है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों गुजरात की राजनीति में इन दिनों एक बड़े बदलाव की हलचल मची हुई है.. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की सरकार जल्द ही अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने वाली है.. सूत्रों के मुताबिक यह बदलाव आने वाले दिनों में हो सकता है.. इस फेरबदल में कई नए चेहरे मंत्री बन सकते हैं.. जबकि कुछ पुराने मंत्रियों को उनके पद से हटाया जा सकता है.. यह सब 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है.. गुजरात में भाजपा की सरकार मजबूत है.. लेकिन पार्टी लोकल बॉडी चुनावों और आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहती है..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की.. जिसमें गुजरात कैबिनेट के विस्तार पर चर्चा हुई.. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल खुद दिल्ली गए और पीएम मोदी व गृह मंत्री अमित शाह से मिले.. यह बैठक 13 अक्टूबर 2025 को हुई.. और उसके बाद से ही कैबिनेट में बदलाव की अफवाहें तेज हो गईं.. भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा भी इस बैठक में शामिल थे..
2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने रिकॉर्ड जीत हासिल की थी.. भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया.. और दिसंबर 2022 में 17 मंत्रियों ने शपथ ली.. गुजरात में अधिकतम 27 मंत्री हो सकते हैं.. लेकिन अभी केवल 17 ही हैं.. यानी 10 पद खाली हैं.. इन चुनावों के बाद से अब तक कोई बड़ा फेरबदल नहीं हुआ है.. मुख्यमंत्री पटेल ने अपनी सरकार को स्थिर रखा.. लेकिन अब पार्टी हाईकमान को लगता है कि नए चेहरों को शामिल करके सरकार को और तरोताजा बनाना जरूरी है..
2022 के कैबिनेट में कनु देसाई (वित्त मंत्री), राघवजी पटेल (कृषि), कुंवरजी बावलिया (जल आपूर्ति), बलवंतसिंह राजपूत (उद्योग), मुलुभाई बेरा (पर्यटन), कुबेर डिंडोर (शिक्षा), भानुबेन बाबरिया (सामाजिक न्याय), परशोत्तम सोलंकी (मत्स्य और पशुपालन), बच्चूभाई खाबड़ (पंचायत), मुकेश पटेल (वन और पर्यावरण), भिखुसिंह परमार (खाद्य और नागरिक आपूर्ति), और कुंवरजी हलपति (आदिवासी विकास) शामिल प्रमुख नाम थे.. अब इनमें से कई अब हटाए जा सकते हैं..
सूत्रों के अनुसार 8 से 10 मंत्रियों को उनके पद से हटाया जा सकता है.. वहीं, 13 से 15 नए चेहरे मंत्री बन सकते हैं.. लेकिन सभी 27 पद नहीं भरे जाएंगे, कुछ खाली रहेंगे.. यह फेरबदल दिवाली से पहले, संभवत: 16 नवंबर 2025 से पहले हो सकता है.. आपको बता दें कि हटाए जा सकने वाले मंत्रियों में कनु देसाई, भानु बाबरिया, राघवजी पटेल, कुंवरजी बावलिया, मुलुभाई बेरा, बलवंतसिंह राजपूत, कुबेर डिंडोर, परशोत्तम सोलंकी, बच्चूभाई खाबड़, मुकेश पटेल, भिखुसिंह परमार, और कुंवरजी हलपति शामिल हैं.. इनमें से कुछ खुद पद छोड़ सकते हैं.. जबकि कुछ को प्रदर्शन के आधार पर हटाया जाएगा..
नए मंत्रियों में सौराष्ट्र क्षेत्र से कई नाम सामने आ रहे हैं.. क्योंकि भाजपा वहां अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है.. सौराष्ट्र में आम आदमी पार्टी की एंट्री से भाजपा सतर्क है.. जिसको लेकर रिवाबा जडेजा, जीतू वाघानी, अर्जुन मोडवाडिया, जयेश रादड़िया, हर्ष सांघवी (प्रमोशन), अल्पेश ठाकोर, हार्दिक पटेल, सीजे चावड़ा, शंकर चौधरी, उदय कांगड़, अमित ठाकर, अमित पॉपटलाल शाह, हिरा सोलंकी, महेश कासवाला, कौशिक वेकरिया, संदीप देसाई, संगीता पाटिल, अनिरुद्ध दवे, और पंकज देसाई जैसे नेताओं को मौका मिल सकता है..
आपको बता दें कि रिवाबा जडेजा भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी हैं.. वे जामनगर उत्तर से विधायक हैं.. 2022 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतीं.. रिवाबा क्षत्रिय समुदाय से हैं.. और महिला सशक्तिकरण पर खुलकर बोलती हैं.. सौराष्ट्र से होने के कारण उनका नाम मंत्री पद के लिए सबसे आगे है.. वे युवा चेहरा हैं और भाजपा को महिलाओं और युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने में मदद कर सकती हैं.. रिवाबा ने राजनीति में आने से पहले सामाजिक कार्य किए हैं.. वे जामनगर में स्थानीय मुद्दों पर सक्रिय हैं. अगर वे मंत्री बनती हैं.. तो यह भाजपा की महिला सशक्तिकरण की नीति को मजबूत करेगा..
अर्जुन मोडवाडिया पहले कांग्रेस में थे.. और गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं.. हाल ही में वे भाजपा में शामिल हुए.. और पोरबंदर से उपचुनाव जीते.. वे अनुभवी नेता हैं और सौराष्ट्र में मजबूत पकड़ रखते हैं.. भाजपा उन्हें मंत्री बनाकर कांग्रेस से आए नेताओं को संदेश देना चाहती है.. मोडवाडिया क्षत्रिय समुदाय से हैं.. और स्थानीय चुनावों में पार्टी को फायदा पहुंचा सकते हैं.. उनकी राजनीतिक यात्रा लंबी है.. वे कई बार विधायक रह चुके हैं.. और विधानसभा में विपक्ष के नेता भी थे.. अगर मंत्री बनते हैं.. तो वे विकास और जल संसाधन जैसे विभाग संभाल सकते हैं..
जीतू वाघानी भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं.. वे 2016 से 2020 तक गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे.. भवनगर से विधायक और ब्राह्मण समुदाय से हैं.. उन्होंने पार्टी को कई चुनावों में जीत दिलाई.. पहले शिक्षा मंत्री रह चुके हैं.. वहीं अब उनका नाम फिर मंत्री पद के लिए है.. वाघानी संगठन में मजबूत हैं.. और सौराष्ट्र में ब्राह्मण वोटों को साध सकते हैं.. वे विज्ञान और तकनीक जैसे क्षेत्रों में रुचि रखते हैं..।
हर्ष सांघवी वर्तमान में राज्य स्तर के गृह मंत्री हैं।.. उनका प्रमोशन होकर कैबिनेट मंत्री बन सकते हैं.. वे युवा हैं और सूरत से विधायक भी है.. सांघवी पटेल समुदाय से हैं और कानून-व्यवस्था पर अच्छा काम किया है.. अगर प्रमोशन होता है, तो वे महत्वपूर्ण विभाग संभाल सकते हैं.. जयेश रादड़िया लेवा पटेल समुदाय से हैं.. और किसानों में लोकप्रिय है.. वे पूर्व मंत्री हैं और सहकारिता क्षेत्र में सक्रिय है.. अल्पेश ठाकोर ओबीसी नेता हैं, पहले कांग्रेस में थे.. हार्दिक पटेल पाटीदार आंदोलन के नेता थे.. अब भाजपा में है.. सीजे चावड़ा भी कांग्रेस से हैं.. ये सभी युवा चेहरे हैं जो जातिगत समीकरण साधेंगे..
वहीं यह फेरबदल कई कारणों से हो रहा है.. सबसे बड़ा कारण 2027 का विधानसभा चुनाव है.. भाजपा 2022 में 156 सीटें जीती थी.. लेकिन अब लोकल चुनाव आने वाले हैं.. नगर निगम, जिला पंचायत आदि.. पार्टी AAP और कांग्रेस से मुकाबला करना चाहती है.. जातिगत बैलेंस भी महत्वपूर्ण है.. पटेल, ओबीसी, क्षत्रिय, ब्राह्मण, आदिवासी आदि का प्रतिनिधित्व करना है.. सौराष्ट्र में ज्यादा मंत्री बनाकर क्षेत्रीय बैलेंस को मजबूत बनाना है.. कुछ मंत्रियों पर विवाद हैं.. जिसमें बच्चूभाई खाबड़ का नाम शामिल है.. बच्चूभाई खाबर के दोनों लड़कों पर मनरेगा घोटाले का आरोप है.. और जेल भी जा चुके हैं.. ऐसे में उनका मत्री पद से हटाया जाना लगभग तय माना जा रहा है.. भाजपा युवा और नए चेहरों को मौका देकर सरकार को डायनामिक बनाना चाहती है..



