SC में शिवसेना विवाद के बीच राउत का दावा, शिंदे को मिला मोदी-शाह का निर्देश
संजय राउत ने अपने बयान में कहा कि जब-जब शिवसेना पार्टी और चुनाव चिह्न का सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले की सुनवाई कांट्रैक्टर नजदीक आता है, तब तब शिंदे डर की वजह से अमित शाह और मोदी से मुलाकात करते हैं.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः शिवसेना और उसके चुनाव चिन्ह को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे विवाद पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. शिवसेना UBT के नेता संजय राउत ने दावा किया है कि अमित शाह और मोदी ने एकनाथ शिंदे को सुझाव दिया है कि महानगरपालिका चुनावों के बाद पार्टी को बीजेपी में मिलाना होगा. उन्होंने कहा कि शिंदे को पता है कि कोर्ट में यह मामला टिक पाना और चुनाव चिन्ह उन्हें मुश्किल है.
शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत के एक बयान ने पूरी महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि मोदी और अमित शाह ने एकनाथ शिंदे को आदेश दिया है कि नगर निगम चुनाव के बाद उन्हें अपनी पार्टी को बीजेपी में विलय करना होगा. सांसद का यह बयान उस समय आया जब शिवसेना पार्टी और उसके चुनाव चिन्ह को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही थी.
संजय राउत ने अपने बयान में कहा कि जब-जब शिवसेना पार्टी और चुनाव चिह्न का सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले की सुनवाई कांट्रैक्टर नजदीक आता है, तब तब शिंदे डर की वजह से अमित शाह और मोदी से मुलाकात करते हैं. उन्होंने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह और मोदी ने उन्हें सुझाव दिया है कि महानगरपालिकाओ के चुनाव बाद वह अपनी पार्टी को बीजेपी में विलय कर दे. राउत ने कहा कि शिंदे को पता है कि कोर्ट में उनका मुद्दा नहीं टिक पाएगा पार्टी और चुनाव चिन्ह उन्हें नहीं मिलेगा.
सांसद ने कहा कि भारत ही नहीं दुनिया की नजरें भारतीय संविधान और न्याय व्यवस्था पर टिकी हैं, इसलिए शिवसेना का सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामला महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ गया, तो दुनिया का भारत के संविधान और न्याय व्यवस्था से भरोसा उठ जाएगा.
क्या है मामला?
यह मामला 2022 में शुरू हुआ था, जब शिवसेना पार्टी दो गुटों में बंट गई थी, जिसमें एक पार्टी उद्धव ठाकरे की और दूसरी पार्टी एकनाथ शिंदे की बनी. दोनों पार्टियों ने दावा किया है कि धनुष-बाण चुनाव चिन्ह उनकी पार्टी का है. चुनाव आयोग ने 2023 में मतों के आधार पर यह चिन्ह और नाम शिंदे गुट को दे दिया था. चुनाव आयोग के इस फैसले को उद्धव ठाकरे ने चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 12 नवंबर की तारीख तय की है.



