इंडो-पैसिफिक डायलॉग में नौसेना प्रमुख बोले-समुद्र सिर्फ भारत का रास्ता नहीं, बल्कि साझा धरोहर है
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा कि समुद्र सिर्फ व्यापार के रास्ते नहीं हैं, बल्कि ये मानवता की साझा धरोहर हैं. उन्होंने कहा कि देशों की समृद्धि अब समुद्री सुरक्षा से सीधी जुड़ी है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारतीय नौसेना प्रमुख एड मिरल दिनेश के त्रिपाठी ने इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग (IPRD)-2025 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि समुद्र सिर्फ व्यापार के रास्ते नहीं हैं, बल्कि ये मानवता की साझा धरोहर हैं. इस वार्षिक सम्मेलन में 30 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने सोमवार ( अक्टूबर) को इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग
(IPRD)-2025 के उद्घाटन सत्र में कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और विकास एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि शांति, स्थिरता और सहयोग से ही यह क्षेत्र आगे बढ़ सकता है.
इस वार्षिक सम्मेलन में 30 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए. नौसेना प्रमुख ने इसे भारत की रणनीतिक सोच और साझेदारी बढ़ाने का एक अहम मंच बताया. अपने संबोधन में नौसेना प्रमुख कहा कि भारत ने अपनी समुद्री नीति को सागर (Security and Growth for All in the Region) से आगे बढ़ाकर अब महासागर
(Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) नाम दिया है. इसका मतलब है कि भारत अब क्षेत्रीय सुरक्षा और साझा विकास पर ज्यादा ध्यान देगा.
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा कि समुद्र सिर्फ व्यापार के रास्ते नहीं हैं, बल्कि ये मानवता की साझा धरोहर हैं. उन्होंने कहा कि देशों की समृद्धि अब समुद्री सुरक्षा से सीधी जुड़ी है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन का जिक्र करते हुए कहा कि समुद्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जीवनरेखा हैं. अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि आज समुद्री सुरक्षा कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है.
तीन बड़ी चुनौतियां
1.वैश्विक व्यापार में मंदी: रेड सी संकट और जहाज़ी रास्तों में रुकावट से दुनिया की सप्लाई चेन पर असर पड़ा है.
2.अवैध गतिविधियां: समुद्र में मछली चोरी, नशे और हथियारों की तस्करी, मानव तस्करी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं.
3.तकनीकी खतरे: साइबर अटैक, GPS जामिंग और ड्रोन तकनीक नई सुरक्षा चुनौतियां बन रही हैं.
भारतीय नौसेना की पहलें
नौसेना प्रमुख ने कहा कि इंफॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर इंडियन ओशन रीजन (IFC-IOR) अब पूरे क्षेत्र में समुद्री जानकारी साझा करने का केंद्र बन गया है. उन्होंने बताया कि भारत ने AIKEYME जैसे अभ्यासों और नई तकनीकों के जरिए साझेदारी को मजबूत किया है.
उन्होंने कहा कि भारत मानता है कि वास्तविक शक्ति वही है जो साझा की जाए. उन्होंने कहा कि भारत अब साझेदार देशों के साथ संयुक्त अभ्यास, को-प्रोडक्शन और समुद्री निगरानी बढ़ा रहा है. नौसेना प्रमुख ने कहा कि समुद्री सुरक्षा और विकास दो पहिए हैं जो साथ चलें तो ही क्षेत्र आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि IPRD-2025 हमारे लिए नए विचार और साझा समाधान लाएगा.



