रास्ते में अर्थी देखने का क्या महत्व है और उस समय क्या करें? जानिए विस्तार से
अक्सर लोगों को रास्ते में किसी काम के लिए निकलते समय अर्थी या शवयात्रा दिखाई देती है। इससे मन में सवाल उठता है कि जिस काम के लिए जा रहे है, वह पूरा होगा कि नहीं, और कहीं यह कोई अशुभ संकेत तो नहीं है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः अक्सर लोगों को रास्ते में किसी काम के लिए निकलते समय अर्थी या शवयात्रा दिखाई देती है। इससे मन में सवाल उठता है कि जिस काम के लिए जा रहे है, वह पूरा होगा कि नहीं, और कहीं यह कोई अशुभ संकेत तो नहीं है।
कई बार किसी खास काम के लिए घर से निकलने के कुछ दूर पर रास्ते में अर्थी या शवयात्रा देखाई दे जाती है, जिसके बाद मन में एक सवाल खड़ा होने लगता है कि जिस काम के लिए जा रहे हैं वो पूरा होगा भी या नहीं, कहीं ये को कोई अशुभ संकेत तो नहीं है. इस तरह के सवालों का जवाब ज्योतिष में मिलता है. आसपास होने वाली तमाम गतिविधियों को लेकर शकुन और अपशकुन के बारे में बताता है.
अगर रास्ते में अर्थी देखाई देती है तो ये शुभ संकेत है. यह आपके काम में सफलता और सुखद भविष्य का संकेत देता है. अगर आप पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर जा रहे हों और रास्ते में अर्थी दिखे, तो यह जीवन के एक नए आरंभ का संकेत माना गया है. वहीं यदि अर्थी दक्षिण दिशा की ओर जा रही हो, तो मौन श्रद्धांजलि देकर आगे बढ़ना शुभ होता है. एक कथा के मुताबिक, भगवान शिव की बारात निकलने से पहले भी एक अर्थी निकली थी, जो इसे शुभ संकेत बनाता है.
अर्थी दिख जाए तो क्या करें?
जैसे ही अर्थी दिखाई दे वैसे ही कुछ पल रुककर ईश्वर का स्मरण करें और मन में शांति का भाव रखें. इस दौरान “राम नाम सत्य है” बोलकर श्रद्धांजलि देनी चाहिए. साथ ही साथ मन में यह संकल्प लेना चाहिए कि “मैं अपने दिन का शुभारंभ अच्छे कर्म से करूंगा.” वहीं, अगर मन विचलित होने लग जाए तो तो तीन बार “ॐ नमो नारायणाय” या “ॐ नमः शिवाय” का जाप करना चाहिए, जिससे मन को शांति मिलेगी और कार्य सफल होगा. इसके अलावा अर्थी के साथ कुछ कदम भी चल सकते हैं.
मान्यता है कि शव या अर्थी देखना जीवन के नश्वर होने की याद दिलाता है. यह दृश्य मनुष्य को अपने कर्म सुधारने, सत्य बोलने और दूसरों की सहायता करने की प्रेरणा देता है इसलिए शास्त्रों में इसे डरने का नहीं, बल्कि आत्मचिंतन का अवसर माना गया है. इसे जीवन की सच्चाई का एक सकारात्मक प्रतीक भी माना गया है और यह भी माना जाता है कि मरने वाला व्यक्ति अपने साथ आपके दुख और कष्ट ले जाता है.


