BJP विधायकों-मंत्रियों को लग्जरी फ्लैट, गरीबों के घरों पर बुलडोजर, मोदी का दोहरा चरित्र उजागर
बीजेपी विधायकों-मंत्रियों को मिलेंगे लग्जरी फ्लैट... गरीबों के घरों पर चल रहा बुलडोजर... गरीबों को धोखा दे रहे मोदी, खतरे में कुर्सी?

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात की राजधानी गांधीनगर में एक तरफ भाजपा के विधायकों.. और मंत्रियों के लिए 325 करोड़ रुपये की लागत से बने आलीशान फ्लैटों का उद्घाटन हो रहा है.. वहीं राज्य में गरीबों, खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों में बुलडोजरों से घर उजाड़े जा रहे हैं.. यह दोहरा चरित्र न सिर्फ आम जनता के टैक्सपेयर्स के पैसे की बर्बादी को दर्शाता है.. बल्कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों की नीतियों में अमीरों-अधिकारियों के प्रति नरमी.. और गरीबों के प्रति क्रूरता को भी उजागर करता है.. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 23 अक्टूबर 2025 को भाई दूज के शुभ अवसर पर सेक्टर-17 में स्थित इस नए विधायक आवास परिसर का उद्घाटन किया.. लेकिन सवाल यह उठता है कि जब देश में गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई का बोझ आम आदमी झेल रहा है.. तब इतने विशाल पैमाने पर नेताओं के लिए लग्जरी सुविधाएं क्यों… और दूसरी ओर, अवैध निर्माण के नाम पर गरीबों के झोपड़पट्टियां क्यों चूर-चूर की जा रही हैं.. क्या यह ‘अमीरों का राजा, गरीबों का दुश्मन’ वाली राजनीति नहीं…
इस नए आवास परिसर की बात करें तो यह 12 ब्लाक और नौ मंजिला टावरों में फैला हुआ है.. जिसमें कुल 216 फ्लैट हैं.. प्रत्येक फ्लैट 3 बीएचके का है.. जिसका कालीन क्षेत्र लगभग 170 वर्ग मीटर है.. इनमें ऑफिस रूम, वेटिंग एरिया, नौकरानी कक्ष, किचन, डाइनिंग रूम, लिविंग रूम विद बालकनी, ड्रेसिंग रूम और दो शौचालय जैसी सुविधाएं हैं.. हर फ्लैट पूरी तरह फर्निश्ड है, जिसमें एयर कंडीशनिंग, एलईडी टीवी, फ्रिज, आरओ सिस्टम, सोफे, पंखे और गेस्ट रूम शामिल हैं.. परिसर में मीटिंग रूम, लाइब्रेरी, लैंडस्केप गार्डन, ऑडिटोरियम, इंटरनेट लाउंज, इनडोर गेम जोन, जिम, स्विमिंग पूल, कम्युनिटी हॉल, कैंटीन, योग जोन, जॉगिंग ट्रैक.. और ड्राइवर-रसोइया के लिए अलग प्रवेश द्वार जैसी लग्जरी सुविधाएं हैं.. 24 घंटे सुरक्षा व्यवस्था के साथ दो लिफ्ट प्रति ब्लॉक भी हैं.. अधिकारियों का दावा है कि यह पुराने विधायक आवासों को ध्वस्त कर बनाया गया है.. जो 1995 से जर्जर हो चुके थे..
गुजरात विधानसभा में वर्तमान में 182 विधायक हैं.. लेकिन 2027 के चुनावों के बाद संख्या बढ़कर 230 हो सकती है.. इन फ्लैटों को विधायकों, मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों को आवंटित किया जाएगा.. किराया मात्र 37 रुपये मासिक रखा गया है.. जो जनता के पैसे से बने इन महलों के लिए एक मजाक जैसा लगता है.. अमित शाह ने उद्घाटन के दौरान कहा कि यह परिसर विधायकों को एक ही जगह रहने से जनता से संवाद आसान करेगा.. और समस्याओं का समाधान तेज होगा.. लेकिन विडंबना यह है कि विधानसभा और सचिवालय के पास स्थित यह लोकेशन विधायकों को ‘आराम’ देगी.. जबकि राज्य के लाखों गरीबों को सड़कों पर लुटेरा जीवन जीना पड़ रहा है.. निर्माण की लागत 220 से 325 करोड़ तक बताई जा रही है.. जो टैक्सपेयर्स का पैसा है.. सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इसे ‘टैक्सपेयर्स की लूट’ करार दिया है.. एक पोस्ट में कहा गया.. अमित शाह 220 करोड़ के 216 लग्जरी 4 बीएचके एमएलए क्वार्टर्स का उद्घाटन करेंगे.. जनता का पैसा सही जगह इस्तेमाल हो रहा है..
वहीं अब बात करते हैं गरीबों पर बुलडोजर की.. गुजरात में 2025 में कई जगहों पर अवैध निर्माण के नाम पर गरीबों के घर तोड़े गए.. अप्रैल-मई में अहमदाबाद के चंडोला तालाब इलाके में 7,000 से अधिक मुस्लिम बहुल घरों.. दुकानों और मस्जिदों को बुलडोजर से चूर किया गया.. यह इलाका कथित ‘बांग्लादेशी घुसपैठियों’ का हब बताया गया.. लेकिन प्रभावित परिवारों ने दावा किया कि वे दशकों से यहां रह रहे भारतीय नागरिक हैं.. जिनके पास वोटर आईडी, आधार और राशन कार्ड हैं.. गुजरात हाईकोर्ट के आदेश पर शुरू यह अभियान था.. लेकिन नोटिस के बिना और बिना पुनर्वास के घर उजाड़े गए.. मुस्लिम संगठनों ने इसे ‘अमानवीय’ बताया.. और कहा कि गर्मी में महिलाओं-बच्चों को सड़क पर छोड़ दिया गया.. संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने भी भारत से अल्पसंख्यकों के खिलाफ मनमानी तोड़फोड़ रोकने को कहा..
सितंबर 2025 में गांधीनगर में ही 700 अवैध अतिक्रमणों पर बुलडोजर चले.. जिसमें 100 संरचनाएं तोड़ी गईं.. जमीन की कीमत 1000 करोड़ बताई गई.. मार्च में अपराधियों से जुड़ी अवैध संपत्तियों पर अभियान चला.. जिसमें झोपड़ियां और घर सील किए गए.. जनवरी में जामनगर में बलात्कार के आरोपी के घर तोड़े गए.. ये कार्रवाइयां ‘बुलडोजर जस्टिस’ का हिस्सा हैं.. जो भाजपा शासित राज्यों में मुस्लिमों को निशाना बनाती हैं.. गुजरात हाईकोर्ट ने कई मामलों में नोटिस की मांग की.. लेकिन अमल कमजोर रहा..
आपको बता दें कि यह विरोधाभास मोदी सरकार की पोल खोलता है.. एक ओर ‘गरीब कल्याण’ का नारा, दूसरी ओर गरीबों के घर तोड़ना.. विपक्षी नेता इसे ‘हिपोक्रिसी’ कहते हैं.. गुजरात में हाल ही में कैबिनेट विस्तार हुआ.. जिसमें 19 नए मंत्री शामिल किए गए.. लेकिन ये फ्लैट इन्हीं नेताओं के लिए हैं.. जबकि राज्य में बाढ़, सूखा और गरीबी से जूझ रहे लोग हैं.. 2026-27 के विधानसभा चुनावों से पहले यह लग्जरी प्रोजेक्ट भाजपा को वोट दिलाने का हथियार हो सकता है.. लेकिन गरीबों का गुस्सा कुर्सी छीन सकता है..



