मोदी को मुंह पर चुनौती देंगे केजरीवाल, 31 अक्टूबर को होगा आमना-सामना
31 अक्टूबर को गुजरात की सियासत में जोरदार मुकाबला... जिस दिन पीएम मोदी राज्य में रहेंगे.. उसी दिन भगवंत मान के साथ अरविंद केजरीवाल की...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों गुजरात की धरती पर 31 अक्टूबर को एक ऐसी सियासी घटना होने वाली है.. जो देश की राजनीति को नई दिशा दे सकती है.. एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरदार वल्लभभाई पटेल की.. 150वीं जयंती पर ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ में राष्ट्रीय एकता दिवस का भव्य आयोजन करेंगे.. वहां परेड की सलामी लेंगे, देश को संबोधित करेंगे.. और एकता का संदेश देंगे… दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल.. और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सौराष्ट्र के लिमड़ी विधानसभा क्षेत्र के सुदामदा गांव में किसान महापंचायत करेंगे.. यह आयोजन किसानों के दर्द को आवाज देने.. और सरकार पर दबाव बनाने के लिए है… दोनों कार्यक्रम एक ही दिन होने से गुजरात की सियासत में हलचल मच गई है.. एक तरफ एकता और विकास का प्रतीक.. तो दूसरी तरफ किसानों की पीड़ा का प्रतीक..
आपको बता दें कि सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था.. वे भारत के पहले गृह मंत्री बने और आजादी के बाद 565 रियासतों को एकजुट करने वाले हीरो थे.. उनकी वजह से भारत एक मजबूत देश बना.. इसलिए 2015 से 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है.. इस साल 2025 में उनकी 150वीं जयंती है, जो खास है.. सरदार पटेल को ‘लौह पुरुष’ कहा जाता है.. क्योंकि उन्होंने कठिन परिस्थितियों में देश को जोड़ा.. गुजरात में उनका जन्मस्थान होने से राज्य हमेशा इन आयोजनों का केंद्र रहता है..
इस बार की जयंती को भव्य बनाने के लिए गुजरात सरकार ने महीनों से तैयारी की है.. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, जो दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है.. जो सरदार पटेल की याद दिलाती है.. यह नर्मदा जिले के केवड़िया में बनी है.. यहां परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम और एयर फोर्स का फ्लाई-पास्ट होगा.. प्रधानमंत्री मोदी ने खुद लोगों से ‘रन फॉर यूनिटी’ में शामिल होने की अपील की है.. यह दौड़ एकता का प्रतीक है.. पूरे देश में स्कूलों, कॉलेजों और ऑफिसों में कार्यक्रम होंगे.. गुजरात में तो लाखों लोग इकट्ठा होंगे..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के ही हैं.. इसलिए सरदार पटेल से उनका खास लगाव है.. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन भी उन्होंने 2018 में किया था.. 31 अक्टूबर को वह सुबह 7 बजे सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देंगे.. फिर एक घंटे की चल समारोह का नेतृत्व करेंगे.. इसमें बीएसएफ के ऊंट और कुत्ता दस्ते, गैलेंट्री अवॉर्ड विजेता.. और 900 कलाकार हिस्सा लेंगे.. ये कलाकार भारत की नृत्य, संगीत और नाटक से विविधता दिखाएंगे.. एयर फोर्स के विमान आसमान में उड़ान भरेंगे..
मोदी का संबोधन देश को लाइव प्रसारित होगा.. डीडी न्यूज पर सुबह 7 बजे से लाइव टेलीकास्ट होगा.. गुजरात सरकार ने एक्टा नगर में 11 डोम टेंट लगाए हैं.. 7 मेहमानों के लिए, 2 पुलिस के लिए और 2 खाने के लिए.. 9,000 से ज्यादा लोग रुक सकेंगे.. मेडिकल काउंटर, पार्किंग और सैनिटेशन ब्लॉक भी तैयार हैं.. रोशनी और सजावट से जगह जगमगा रही है.. यह आयोजन सिर्फ जश्न नहीं, बल्कि देश की एकता पर जोर देगा.. मोदी कह चुके हैं कि सरदार पटेल की एकता आज भी प्रासंगिक है..
आपको बता दें कि यह मोदी जी का गुजरात दौरा कैबिनेट फेरबदल के बाद पहला बड़ा होगा.. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हाल ही में मंत्रिमंडल में बदलाव किया.. सौराष्ट्र क्षेत्र से मंत्रियों की संख्या बढ़ाई गई है.. भावनगर से जितेंद्र वाघाणी को कृषि मंत्री बनाया गया.. यह कदम AAP के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए माना जा रहा है.. सौराष्ट्र किसान बहुल क्षेत्र है.. जहां AAP ने हाल के वर्षों में मजबूत पकड़ बनाई है…
बता दें जब एक तरफ एकता का जश्न होगा.. वहीं सौराष्ट्र में AAP किसानों के मुद्दों पर हमला बोलेगी.. पार्टी ने 31 अक्टूबर को लिमड़ी विधानसभा के सुदामदा गांव में किसान महापंचायत का आयोजन किया है.. यहां केजरीवाल और भगवंत मान पहुंचेंगे.. AAP के पूर्व प्रदेश प्रमुख और विधायक गोपाल इटालिया ने कहा कि यह महापंचायत आंखें खोल देगी.. किसानों की वेदना सरकार तक पहुंचेगी.. इटालिया ने सौराष्ट्र के किसानों से बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील की..
यह आयोजन किसानों के लंबे संघर्ष का हिस्सा है.. गुजरात में किसान बेमौसम बारिश, सूखा और फसल नुकसान से त्रस्त हैं.. खासकर कपास, मूंगफली और गेहूं की खेती घाटे का सौदा बन गई है.. सरकार पर आरोप है कि वह किसानों की अनदेखी कर रही है.. AAP नेता कहते हैं कि बीजेपी सरकार अमीरों के साथ है.. किसानों के साथ नहीं.. महापंचायत में केजरीवाल पंजाब मॉडल बताएंगे.. जहां किसानों को 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिला.. भगवंत मान पंजाब के अनुभव साझा करेंगे..
सुदामदा गांव सुरेंद्रनगर जिले में है.. यहां सैकड़ों किसान इकट्ठा होंगे.. कार्यक्रम में भाषण, चर्चा और प्रस्ताव पास होंगे.. AAP का मकसद है कि सरकार MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) लागू करे.. कर्ज माफी दे और बीमा बढ़ाए.. जिसको लेकर इटालिया ने कहा कि हर आफत में किसान नुकसान उठाता है.. सरकार अहंकारी हो गई है.. यह महापंचायत सरदार पटेल की जयंती पर होने से सियासी रंग ले लेगी.. AAP कह रही है कि सरदार पटेल किसानों के मसीहा थे.. उनकी जयंती पर किसानों का दर्द उठाना सही है..
गुजरात के किसान पिछले कुछ सालों से मुश्किल में हैं.. 2024-25 में बेमौसम बारिश ने कपास की फसल बर्बाद कर दी.. सौराष्ट्र के बोटाद, भावनगर और अमरेली जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए.. किसानों को उनकी फसल का पूरा दाम नहीं मिला.. मार्केटिंग यार्ड में कटौती हुई.. AAP ने बोटाद में प्रदर्शन किया.. जहां नेता राजू करपड़ा को पुलिस ने हिरासत में लिया.. फिर हडदड़ा गांव में पंचायत रखी गई.. लेकिन हिंसा हो गई.. राजू करपड़ा और प्रवीण राम गिरफ्तार हुए..
इससे पहले सितंबर 2025 में भारी बारिश से महापंचायत स्थगित हो गई थी.. लेकिन अब 31 अक्टूबर को फिर से हो रही है.. किसान कहते हैं कि कपास पर आयात शुल्क माफ करने से विदेशी माल सस्ता हो गया.. स्थानीय किसान हार गए.. दूध किसानों का भी आंदोलन चल रहा है.. AAP ने डेडियापाड़ा में भी विरोध किया.. केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में हमने किसानों को न्याय दिया, गुजरात में भी देंगे.. भगवंत मान ने हाल ही में केजरीवाल की तारीफ की.. कहा कि पंजाब मॉडल पूरे देश के लिए उदाहरण है…
सौराष्ट्र गुजरात का अहम क्षेत्र है.. जहां 50 से ज्यादा विधानसभा सीटें है.. यहां किसान वोटर ज्यादा हैं.. AAP ने 2022 चुनावों में यहां अच्छा प्रदर्शन किया.. मौजूदा प्रदेश प्रमुख इसुदान गढ़वी ने सौराष्ट्र में सक्रियता बढ़ाई… वे पत्रकार से नेता बने हैं.. उनकी रणनीति खास है.. सरदार पटेल और गुजरात के पहले बीजेपी सीएम केशुभाई पटेल का जिक्र करते हैं.. इससे स्थानीय भावनाओं को छूते हैं… गढ़वी कहते हैं कि सरदार पटेल एकता के प्रतीक थे.. लेकिन आज किसान बंटे हुए हैं…
बीजेपी को AAP का बढ़ता प्रभाव पसंद नहीं है.. इसलिए कैबिनेट में सौराष्ट्र से मंत्रियों को बढ़ाया.. जितेंद्र वाघाणी को कृषि मंत्री बनाकर किसान मुद्दों पर फोकस किया.. भूपेंद्र पटेल सरकार कहती है कि किसानों के लिए 1 लाख करोड़ का पैकेज दिया है.. लेकिन विपक्ष कहता है कि यह कागजी है.. 31 अक्टूबर को दोनों पार्टियां मैदान में उतरेंगी.. AAP इसे ‘धमाकेदार एंट्री’ बता रही है.. जबकि बीजेपी इसे ‘एकता का पर्व’ कह रही है..
गुजरात में बीजेपी 25 साल से सत्ता में है.. लेकिन AAP ने दिल्ली और पंजाब के मॉडल से यहां चुनौती दी.. 2022 में AAP को 5 सीटें मिलीं.. लेकिन वोट शेयर 13% था.. सौराष्ट्र में यह 20% से ऊपर था.. अब 2027 चुनाव नजदीक हैं.. केजरीवाल का दौरा AAP को बूस्ट देगा.. गोपाल इटालिया जैसे नेता ग्रासरूट पर काम कर रहे.. वे कहते हैं कि किसान महापंचायत से सरकार की नींद उड़ेगी..



