द्रौपदी मुर्मू बनीं दो फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली देश की पहली राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने सेना के प्रति अपने आभार को व्यक्त करते हुए कहा कि मैं भारतीय वायु सेना और एयर फोर्स स्टेशन, अंबाला की पूरी टीम को इस उड़ान को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए बधाई देता हूं.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू ने बुधवार को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर राफेल एयरक्राफ्ट में उड़ान भरी. उन्होंने कहा कि राफेल पर उड़ान भरना मेरे लिए एक यादगार अनुभव है. इससे पहले मूर्मू ने 2023 में सुखोई 30 MKI में उड़ान भरी थी. मूर्मू भारतीय वायुसेना के दो फाइटर एयरक्राफ्ट में उड़ान भरने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर राफेल एयरक्राफ्ट में उड़ान भरी. उन्होंने इसे एक यादगार अनुभव बताया और कहा कि इस शक्तिशाली राफेल पर पहली उड़ान ने उन्हें देश की रक्षा क्षमता पर फिर से गर्व महसूस कराया है. राफेल विमान पर चढ़ने से पहले राष्ट्रपति ने जी-सूट पहना था.
वह भारतीय वायु सेना के दो फाइटर एयरक्राफ्ट में उड़ान भरने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति हैं. इससे पहले, उन्होंने 2023 में सुखोई 30 MKI में उड़ान भरी थी. यह एक ऐतिहासिक अवसर है, जो भारतीय वायुसेना के गौरव और देश में बढ़ती नारी शक्ति को दर्शाता है.
राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “राफेल पर उड़ान भरना मेरे लिए एक यादगार अनुभव है. इस ताकतवर राफेल एयरक्राफ्ट पर पहली उड़ान ने मेरे अंदर देश की रक्षा क्षमताओं के लिए नए सिरे से गर्व की भावना भर दी है.” राष्ट्रपति ने सेना के प्रति अपने आभार को व्यक्त करते हुए कहा कि मैं भारतीय वायु सेना और एयर फोर्स स्टेशन, अंबाला की पूरी टीम को इस उड़ान को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए बधाई देता हूं.
ऐसा पहली बार नहीं है जब राष्ट्रपति मूर्मू ने किसी फाइटर एयरक्राफ्ट से उड़ान भरी हो. इससे पहले वह 8 अप्रैल
2023 को असम के तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भर चुकी हैं. अंबाला एयरबेस देश का प्रमुख सामरिक ठिकाना है, जहां राफेल स्क्वाड्रन गोल्डन एरोज तैनात है.
राफेल वही विमान है जिसका इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर के समय किया गया था. इस विमान ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था और उनके ठिकानों और एयरबेस पर सटीक हमले कर अपनी घातक मारक क्षमता साबित की थी. बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम हमले के बाद 7 मई को शुरू हुआ था, जो 10 मई को दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति के साथ समाप्त हुआ.



