क्लाउड सीडिंग नाकाम होने पर घमासान

- आप और कांग्रेस ने साधा दिल्ली सरकार पर निशाना
- विपक्ष बोला- जनता के करोड़ों रू पये किये बर्बाद
- दिल्ली सरकार ने कहा- तकनीक को पूरी तरह समझना जरूरी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए सरकार ने वैज्ञानिक प्रयासों के तहत दो लगातार क्लाउड सीडिंग प्रयोग किए, लेकिन फिलहाल बारिश कराने में सफलता नहीं मिल सकी है। इसको लेकर सियासी घमासान मच गया है। आप और कांग्रेस ने साधा भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। हालांकि बाद में आईआईटी कानपुर की टीम ने अगला प्रयोग तब तक रोकने का निर्णय लिया है, जब तक वातावरण में पर्याप्त नमी यानी करीब 50 फीसदी से अधिक न हो जाए। आईआईटी कानपुर ने मंगलवार को प्रस्तावित अगली क्लाउड सीडिंग गतिविधि को अपर्याप्त नमी के कारण रोक दिया।
दिल्ली सरकार ने कहा है कि प्रयोग के बाद पूर्वी दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर 0.1 से 0.2 मिमी की हल्की फुहार दर्ज हुई, जिसे सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। हर प्रयोग उन्हें यह समझने में मदद कर रहा है कि असल वातावरण में कितनी कृत्रिम बारिश संभव है। अधिकारियों ने कहा है कि अब आगे की कोशिशें मौसम की स्थिति देखकर ही की जाएंगी। सरकार का मानना है कि तकनीक को पूरी तरह समझना जरूरी है, ताकि किसी दूसरे देश की तरह गड़बड़ी न हो, जैसे दुबई में क्लाउड सीडिंग के बाद अचानक आई बाढ़ ने नुकसान पहुंचाया था।
सीएम सिर्फ बयानबाजी और प्रचार पर ध्यान दे रही हैं: देवेंद्र
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार का क्लाउड सीडिंग का दूसरा प्रयास भी विफल साबित हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिर्फ बयानबाजी और प्रचार पर ध्यान दे रही हैं, जबकि प्रदूषण, सफाई और यमुना की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।देवेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली में वायु और जल प्रदूषण के हालात चिंताजनक हैं, लेकिन सरकार केवल क्लाउड सीडिंग जैसे दिखावटी प्रयोगों पर करोड़ों रुपये बर्बाद कर रही है। उन्होंने बताया कि हाल के प्रयोग पर 3.21 करोड़ रुपये खर्च हुए, जो केवल 30 मिनट की उड़ान और सिल्वर आयोडाइड के छिडक़ाव तक सीमित था। इसके बावजूद सरकार इसे सफलता बताने की कोशिश कर रही है, जबकि न तो प्रदूषण में कोई कमी आई और न ही हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा से पहले आम आदमी पार्टी की सरकार ने भी कृत्रिम वर्षा कराने की योजना बनाई थी, जिसे भाजपा ने भ्रष्टाचार बताकर रद्द किया था। लेकिन अब वही प्रयोग भाजपा सरकार ने दोबारा शुरू किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि रेखा गुप्ता सरकार अपने केन्द्रीय नेतृत्व को खुश करने के लिए जनता के पैसे से असफल प्रयोग दोहरा रही है। देवेंद्र यादव ने सवाल उठाया कि जब प्रदूषण का मुख्य कारण वाहनों का धुआं, धूल और औद्योगिक उत्सर्जन है, तो सरकार इन मोर्चों पर ठोस कदम क्यों नहीं उठा रही। यादव ने कहा कि विशेषज्ञों की चेतावनियों और पर्यावरणीय शर्तों को नजरअंदाज कर क्लाउड सीडिंग कराना न केवल जनता के पैसों की बर्बादी है, बल्कि यह दिखाता है कि रेखा गुप्ता सरकार के पास प्रदूषण नियंत्रण की कोई ठोस नीति नहीं है।
दिल्लीवालों को गुमराह कर रही रेखा सरकार : भारद्वाज
आप नेता सौरभ भारद्वाज और कृत्रिम बारिश के लिए फ्लेयर छोड़ता राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए भाजपा सरकार ने कराई क्लाउड सीडिंग योजना को आम आदमी पार्टी ने पूरी तरह फेल करार दिया है। आप ने तीखा हमला बोलते हुए इसे भाजपा सरकार का महाघोटाला और जनता के पैसे की बर्बादी बताया। आप नेताओं ने कहा कि जब केंद्र की भाजपा सरकार की तीन प्रमुख एजेंसियां सीपीसीबी, आईएमडी और सीएक्यूएम ने पहले ही दिल्ली में सर्दियों के दौरान कृत्रिम वर्षा संभव नहीं होने के बारे में बोल दिया था, तो मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने 3.5 करोड़ रुपये खर्च कर क्लाउड सीडिंग का ड्रामा क्यों किया? भाजपा की केंद्र सरकार ने संसद में कहा था कि दिल्ली में क्लाउड सीडिंग व्यावहारिक नहीं है। फिर भी रेखा गुप्ता सरकार ने वैज्ञानिकों की राय को दरकिनार कर दिल्लीवालों का पैसा उड़ाया। जब बादल खुद बारिश कर सकते हैं तो रासायनिक छिडक़ाव क्यों? यह जनता के टैक्स के पैसे पर किया गया सर्कस है। भारद्वाज ने बताया कि भाजपा सरकार ने दिवाली के अगले दिन कृत्रिम वर्षा कराने की घोषणा की थी, लेकिन बार-बार तारीख बदलने के बाद 28 अक्तूबर को छठ पर्व के दौरान जब बादल घिरे दिखे, तो सरकार ने जल्दबाजी में क्लाउड सीडिंग कर दी, फिर भी दिल्ली में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई। सरकार ने टीवी कैमरों के सामने ड्रामा रचा, लेकिन न बारिश हुई, न प्रदूषण घटा। दिल्ली सचिवालय के पास तो दो स्मॉग गन चलाकर दिखावा किया गया।



