BJP पर वोट चोरी के आरोप, सीनियर नेता दो-दो बार वोट डालते पकड़े गए

दोस्तों बिहार में ऐतिहासिक 65 फीसद वोटिंग ने न सिर्फ सारे रिकार्ड को तोड़ दिया है बल्कि ये बात भी पूरी तरह से साफ हो गई है कि इंडिया गठबंधन सिर्फ जीत नहीं रहा बल्कि उसकी लहर चल रहा है और ये लहर वैसी ही है जैसी साल 2000 में राबड़ी देवी के लिए चली थी

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दोस्तों बिहार में ऐतिहासिक 65 फीसद वोटिंग ने न सिर्फ सारे रिकार्ड को तोड़ दिया है बल्कि ये बात भी पूरी तरह से साफ हो गई है कि इंडिया गठबंधन सिर्फ जीत नहीं रहा बल्कि उसकी लहर चल रहा है और ये लहर वैसी ही है जैसी साल 2000 में राबड़ी देवी के लिए चली थी और अब 25 साल के बाद कुछ वैसे ही बड़ा करिशमा बिहार में होने जा रहा है।

आपको बता दें कि बहुत बड़ी खबर निकल कर सामने आई है कि पहले राउंड के चुनाव में इंडिया गठबंधन को 121 में से 80 सीटें मिलने जा रही हैं और इंडिया गठबंधन ऐतिहासिक जीत की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है और इतना ही नहीं बिहार में वोटचोरी करते हुए बीजेपी न सिर्फ पकड़ी गई है बल्कि ज्ञानेश कुमार जी भी बुराी तरह एक्सपोज हो गए हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर कैसे इंडिया को पहले चरण में एतिहासिक जीत मिलती दिख रही है और 121 में इंडिया को 80 सीटों को दावा कहां से समाने आया है, और कैसे बिहार में सरेआम हो रही वोटचोरी पर ज्ञानेश कुमार जी एक्सपोज हो गए हैं, ये हम आपको आगे अपनी इस आठ मिनट की रिपोर्ट में बताने वाले हैं।

दोस्तों बिहार में प्रथम फेज का 121 सीटों पर चुनाव हो चुका है और इस बार जनता ने ऐतिहासिक लगभग 65 फीसद मतदान करके इतिहास रच दिया है। आपको बता दें कि बिहार में पहली बार इतना फीसद मतदान हुआ है और आमतौर पर आज तक देश में जो ट्रेंड रहा है उसमें बंपर मतदान होना एंटी इनकंबेंसी ही मानी जाती है यानि इंडिया गठबंधन के लिए न सिर्फ ये शुभ संकेत है बल्कि दावा तो यहां तक कि जिन 121 सीटों पर चुनाव हुए हैं उनमें 80 सीटों पर इंडिया गठबंधन को बंपर जीत मिलती दिखाई दे रही है। आपको बता दें कि जो जीत की वजह है वो कोई समान्य बात नहीं है बल्कि बड़ा उलटफेर हुआ है।

पहली बात तो जनता बिल्कुल से मन बना चुकी है कि सरकार को बदलना है, अब और बिहार को एनडीए नहीं चहिए तो दूसरी ओर सबसे बड़ी बात यह हुई है नीतीश कुमार का जो सबसे तगड़ा वोट अति पिछड़ा माना जाता था, वो पूरी तरह से टूट गया है, जिन सीटों पर जदयू लड़ रही है वो अति पिछड़ा में तो बंटवारें की स्थिति यानि कि जदयू और इंडिया में दिखाई दे रही है लेकिन जहां जदयू नहीं लड़ रही है वहां पूरी तरह से अति पिछड़ा वर्ग एनडीए के साथ खड़ा नहीं दिखाई दे रहा है।

ऐसे में अति पिछड़ा वोट पहले चरण के चुनाव में न सिर्फ बदल गया है बल्कि माना जा रहा है कि अब बिहार में सरकार भी बदलने जा रही है और इसके पीछे की दूसरी मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि क्योंकि जो अति पिछड़ा था वो ये बात पूरी तरह से जान गया है कि क्योंकि अब नीतीश कुमार को बिहार कर सीएम नहीं बनना है तो ऐसे में वो तेजस्वी पर ही दांव खेल रहा है।

आपको बता दें कि जदयू और खासतौर से नीतीश कैंप ने यह बात पहले ही कह दी थी कि नीतीश को सीएम फेस घोषित कीजिए लेकिन पीएम साहब और उनके चाणक्य जी अपना अन्य राज्यों वाली पॉलिटिक्स खेलते रहे यानि कि अगर चुनाव में सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी रोकने के लिए सीएम फेस और मंत्रियों को बदल दो जैसा कि अभी गुजरात पीएम साहब ने खेल खेला लेकिन ये खेल बिहार में उनको उल्टा पड़ गया है क्योंकि नीतीश कैंप के वोटर ने जदयू के अलावा दूसरी एनडीए की सीटों पर खुद को किनारे कर दिया है, और यही वजह है कि बिहार के पहले चरण के मतदान में एनडीए को 80 सीटें जीतने के दावे सामने आ रहे हैं।

आपको बता दें कि इसके पीछे तर्क लभगग 65 प्रतिशत की बंपर वोटिंग है। आपको बता दें कि साल 2000 में बिहार में सबसे 62.57 फीसद मतदान हुए थे और इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल को बंपर वोट मिले थे, हालांकि राबड़ी देवी के नेतृत्व में लड़े गए इस चुनाव में राजद को पूर्ण बहुमत तो नहीं मिला था लेकिन राबड़ी देवी सीएम बनी थी और अब कुछ ऐसी ही लहर और कुछ ऐसे की वोटिंग प्रतिशत एक बार फिर से कहीं न कहीं ये इशारा कर रहे है कि इंडिया गठबंधन को बहुत बड़ी जीत मिलती दिख रही है।

सोशल मीउिया पर एक दो नहीं सैकड़ो कई एक वीडियो ऐसे तैर रहे हैं जो कहीं न कहीं ये दावे सही साबित करते दिख रहे है। आपको बता दें कि इसमें जेन जी का बहुत बड़ा योगदान दिखाई दे रहा है। बिहार का जेन जी सिर्फ तेजस्वी सरकार नहीं लाने के लिए आतुर बल्कि वो हर स्तर पर इसके लिए प्रयास कर रहा है और अगर जरुरत पड़ रही है तो पुलिस से सीधा पंगा ले रहा है।

जहां उसे लगता है कि वोटचोरी, फर्जी वोटिंग और दबंगई का खतरा है, ऐसे में वो कैमरा लेकर तैनता है। आप एक और वीडियो देखिए कैसे विधायक जी पहुंचे हैं और उनके मुंह पर पुलिस बल के बीच में उनके खिलाफ वोटचोर गद्दी छोड़ के नारे लग रहे है। आपको बात दें कि यही वजह है कि बिहार में हर जगह से इंडिया के जीतने की खबरें आ रही है बल्कि तेजस्वी के साथ खड़ा जेन जी पुलिस प्रशासन, नेता सबसे अकेले ही मोर्चा लिए हुए है और वो हर कीमत पर तेजस्वी की सरकार को बनाने के लिए आतुर है।

ऐसे में साफ है कि एक ओर जहां नीतीश बाबू के अति पिछड़े वोटर्स इस चुनाव में टूट रहे हैं और उनको सीएम फेस न घोषित करने का बड़ा खमियाजा एनडीए को भुगतना पड़ा है तो वही इंडिया गठबंधन के लिए रिकार्ड वोटिंग बिहार में नया इतिहास लिखने जा रही है। आपको बता दें कि एक ओर जहां इंडिया गठबंधन को बंपर वोटिंग से जीत मिलने की संभावना बनती दिख रही है तो दो जगहों पर वोट होने का मतलब वोट चोरी न होने की बात पर चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार एक्सपोज हो गए हैं।

आपको बता दें कि जब राहुल गांधी ने वोटचोरी का पहला खुलाासा किया था तो उसके बाद ज्ञानेश कुमार जी ने ये बात साफतौर पर कही थी कि दो जगह वोट होने का मतलब ये थोड़ी नहीं है कि अगर दो जगह वोट है तो वोट चोरी हो रही है लेकिन अब इसका सबूत किसी और ने नहीं खुद बीजेपी ने ही दे दिखा है। आपको बता दें कि आरएसएस के प्रचारक सांसद राकेश सिन्हा सरेआम वोटचोरी करते पकड़े गए हैं। आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने अपने एक्स पर एक पोस्ट की है।

इस पोस्ट में बताया गया है बल्कि खुद राकेश सिन्हा के एक्स अकाउंट की दो अपलोड फोटो हैं । पहली कल की है यानि कि राकेश सिन्हा ने कल यानि 6 नंवबर को अपने पैतृक गांव मनसेपुर बेगूसराय में परिवार के साथ वोट किया है और इसकी फोटो भी उन्होंने अपने एक्स पर अपलोड की है। इसके अलावा राकेश सिन्हा के ही एक्स अकाउंट पर पिछले दिनो हुए दिल्ली के चुनाव मंे भी 5 फरवरी 2025 को भी वोटिंग की तस्वीर अपलोड की गई थी।

अब सवाल यह है कि एक ही साल में जब सांसद राकेश सिन्हा दो-दो बार दो दो राज्यों में वोट डाल रहे है तो क्या ये वोटर स्कैम नहीं है। कैसे किसी व्यक्ति को दो-दो जगह दो-दो बार वोट करने का अधिकार दे दिया गया है और वो ज्ञानेश जी कहां गायब है और क्यों नहीं आकर इसपर बयान देेते हैं कि दो जगह वोटर होने से दो जगह वोट पड़ सकता है और राकेश सिन्हा ने साबित कर दिया है कि देश में दोहरा वोट वोटचोरी का एक साधन है और जब राकेश सिन्हा जैसे लोग ये काम इतनी आसानी से कर सकते हैं तो तो कैसे प्री प्लान के साथ ये सबकुछ नहीं हो सकता है।

ऐसे में एक ओर जहां राहुल गांधी के वोटचारी के दावों पर न सिर्फ मोहर लग रही है बल्कि ये बात भी बहुत हद तक साफ हो गई है कि ज्ञानेश जी दो जगह वोटर होना इस बात की दलील नहीं कि दोनों जगह वोट पड़ा है का ज्ञान फेल हो गया है और साबित हो गया है कि वोटचोरी दोहरे वोट से हो सकती है लेकिन न तो राकेश सिन्हा के खिलाफ एक्शन लिया गया है और न ही उनको कोई नोटिस इशू हुआ है लेकिन आपको बात दें कि पूरी मामले में न सिर्फ चुनाव अयोग एक्सपोज हुआ है बल्कि बीजेपी और आरएसएस की वोटचोरी में शामिल होने का खेल भी खुल गया है। ऐसे में बिहार में इंडिया गठबंधन का डंका बज रहा है और न सिर्फ बंपर वोटिंग हो रही है बल्कि इंडिया गठबंधन को पहले ही चरण में 80 सीटें जीतने का दावा सामने आ चुका है।

पूरे मामले पर आपका क्या मामना है कि क्या बिहार में इस बार तेजस्वी सरकार आने जार ही है। क्या बीजेपी ने नीतीश कुमार को साइड लाइन लगाकर खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी नहीं मार ली है कि और अति पिछड़ा वोट बीजेपी से हट गया है। क्या तेजस्वी के बंपर जीत की संभावनाओं में जेन जी का अहम योगदान नहीं है। क्या जिस तरह से बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने दो जगह वोट डाला है क्या ये ज्ञानेश की दोहरे वोट पर वोटचोरी न होने के दावा का सबसे बड़ा झूठ एक्सपोज नहीं हुआ है।

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