Bollywood एक्टर ने बड़े बेटे को खो दिया, 11 साल में ही दुनिया छोड़ गया लाड़ला, सदमे में आया पिता!

किसी भी माँ-बाप के लिए अपने बच्चे को खोना आसान नहीं होता है। आख़िर जिस बच्चे को वो बड़े नाजों से पाल-पोसकर बड़ा करते हैं..

4पीएम न्यूज नेटवर्क: किसी भी माँ-बाप के लिए अपने बच्चे को खोना आसान नहीं होता है। आख़िर जिस बच्चे को वो बड़े नाजों से पाल-पोसकर बड़ा करते हैं..वही जब अचानक से उनका साथ छोड़ जाये। तो, उससे होने वाले दर्द की कल्पना भी हम नहीं कर सकते हैं।

ठीक कुछ इसी बुरे सदमे से बॉलीवुड का वो एक्टर गुजरा..जिसने अपने बेटे को महज़ 11 साल की उम्र में खो दिया था। जी हाँ, जिस उम्र में एक बच्चा ठीक से हँसना-खेलना और कूदना सीखता है..उसी उम्र में इस हीरो का लाड़ला बेटा हमेशा-हमेशा के लिए इस दुनिया से दूर चला गया।

4pmbollywood की इस रिपोर्ट में हम जिस एक्टर की बात कर रहे हैं..वो कोई और नहीं, बल्कि शेखर सुमन हैं। जो सिर्फ़ एक एक्टर नहीं बल्कि सिंगर, एंकर, प्रोड्यूसर-डायरेक्टर सब हैं। उन्हीं शेखर सुमन ने अपने 11 साल के बेटे का निधन अपनी आंखों के सामने देखा था।

दरअसल, ये बात आज से कई सालों पहले की है। जब शेखर और उनकी बीवी को पता चला था कि उनके बड़े बेटे आयुष को एक गंभीर बीमारी है। उस वक्त काफ़ी देर हो चुकी थी..जिसकी वजह से आयुष को लाख कोशिशों के बाद भी बचाया नहीं जा सका था।

तो, अपने इस दर्द को शेखर सुमन ने जमाने के आगे अप्रैल 2024 में जाहिर किया था। इस दर्द को याद करते हुए वो पहली बार रो भी पड़े थे। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया—मेरे बड़े बेटे की असमय मौत हो गई। विडंबना है कि उसका नाम आयुष था, जिसका मतलब होता है लंबी आयु, लेकिन वह बहुत जल्दी हमें छोड़कर चला गया। उस वक्त लगा था कि जिंदगी बिखर गई, इसे अब कैसे समेटूंगा? मुझे याद है कि उस दिन मैं उसके बगल में बैठकर उसका हाथ पकड़े हुए था। जब वह दुनिया को अलविदा कहने वाला था तो उसे एक दिव्य रोशनी दिखाई दी, जिसके बारे में वह लगातार बातें कर रहा था। वह 9-10 साल का था। अचानक वो संस्कृत के श्लोक पढ़ने लगा, जो कि उसे आता ही नहीं था। उस समय उसे देखकर सब हैरान थे।

शेखर ने आगे बताया था— जाने से पहले उसने मेरा हाथ पकड़ा और कहा कि पापा मुझे नहीं जाना है। उसे एहसास हो रहा था कि वह जा रहा है। उसने सबको आई लव यू कहा। आप समझ सकते हैं हमारे ऊपर क्या गुजरी होगी? लोग सुन सकते हैं, समझ सकते हैं, लेकिन मेरा दर्द महसूस नहीं कर पाएंगे। दर्द आपको ही सहना होता है। बस बेटे की यादें बची हैं। हम हर दिन उससे बात करते हैं। इस तरह के दुख का पहाड़ जब आप पर टूटता है तो सबसे पहले आपका विश्वास भगवान से उठता है। मन में आता है कि भगवान ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया? मैंने तो हमेशा उनकी पूजा की है।

शेखर के मुताबिक, बेटे की मौत के बाद उन्होंने सबसे पहले मंदिर जाना बंद कर दिया। घर में भगवान की जो भी मूर्तियां थीं, सब हटा दी थी। उन्होंने भगवान से कहा कि “जब वो उनके बेटे को नहीं बचा सके तो वो किसके भगवान हैं।”लेकिन फिर धीरे-धीरे शेखर इस दर्द से बाहर निकलें। बात अब शेखर सुमन की करें तो, वो बॉलीवुड के एक ऐसे सितारे हैं..जो मल्टी टैलेंटेड हैं। एक्टर-सिंगर-एंकर-डायरेक्टर-कॉमेडियन और नेता..इन सभी रूपों में उन्होंने अपनी पहचान बनाई है।हालांकि, सफलता के इस मुक़ाम तक पहुंचने की राह उनके लिए बिलकुल आसान नहीं थी।

शेखर सुमन का जन्म 7 दिसंबर 1962 को पटना, बिहार में हुआ था। उनका पूरा नाम शेखर सुमन श्रीवास्तव है। उनके पिता का नाम फतेहचंद श्रीवास्तव और माता का नाम उषा श्रीवास्तव था। मिडिल क्लास फ़ैमिली में जन्मे शेखर का बचपन स्ट्रगल से भरा था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई सेंट ज़ेवियर्स स्कूल, पटना से की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज में दाखिला लिया, जहां से उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में ग्रेजुएशन किया। बचपन से ही उन्हें एक्टिंग और म्यूज़िक में इंटरेस्ट था। स्कूल के नाटकों और कॉलेज के थिएटर में वो हमेशा एक्टिव रहते थे।

दिल्ली में रहते हुए उन्होंने थिएटर ग्रुप्स से जुड़कर एक्टिंग की बारीकियाँ सीखीं। उनके लिए थिएटर एक मंदिर की तरह था। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद शेखर सुमन ने मुंबई का रुख किया, जहाँ हर किसी का सपना बॉलीवुड का हिस्सा बनने का होता है। लेकिन यह सफ़र आसान नहीं था। शुरुआती दौर में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा — ऑडिशन दर ऑडिशन, रिजेक्शन, और पैसे की तंगी। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी।

उन्हें अपने करियर का पहला बड़ा ब्रेक मिला, साल 1984 में फ़िल्म “उत्सव” से, जिसका डायरेक्शन गिरिश कर्नाड ने किया था और इसके प्रोड्यूवर शशि कपूर थे। इस फिल्म में उन्होंने रेखा, शशि कपूर, और अमजद खान जैसे दिग्गज सितारों के साथ काम किया। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ज़्यादा हिट नहीं रही, लेकिन शेखर सुमन की एक्टिंग की खूब तारीफ़ हुई।

इसके बाद, उन्होंने और भी फिल्म्स में काम किया..लेकिन किस्मत उनका साथ नहीं दे रही थी और उनकी फ़िल्में चल नहीं रही थी। जिसके बाद उन्होंने छोटे पर्दे यानी कि टीवी का रूख किया। फिर, यही फैसला उनके करियर का टर्निंग पॉइंट बना। 80 और 90 के दशक में उन्होंने कई सुपरहिट टीवी सीरियल्स किए..जिससे उन्हें घर-घर में पहचान मिल गई।

1993 में उन्होंने ‘देख भाई देख’ सीरियल किया। इसमें उन्होंने समीर दीवान का किरदार निभाया, जिसे दर्शकों ने बेहद पसंद किया। उनके कॉमिक टाइमिंग और डायलॉग डिलीवरी ने उन्हें टीवी का सुपरस्टार बना दिया।

फिर उन्होंने ‘Reporter’ शो में एक पत्रकार की भूमिका निभाई। वहीं, सीरियल Movers & Shakers उनके करियर की पहचान बन गया। ये भारत का पहला Late Night Talk Show था, जिसे उन्होंने होस्ट किया। इसमें उन्होंने मिमिक्री और गेस्ट इंटरव्यू के ज़रिए इंडियन टेलीविज़न पर एक नया ट्रेंड शुरू किया। इस शो ने उन्हें सिर्फ़ टीवी स्टार नहीं, बल्कि एक ब्रांड बना दिया।

टीवी के साथ-साथ शेखर सुमन ने फ़िल्में भी लगातार की। जिनमें, ‘उत्सव’, ‘अनुभव’, ‘मंज़िलें’, ‘प्यारी बहनिया बन के आओ रे’, ‘चलो इश्क़ लड़ाएँ’, और ‘हीरोज़’ शामिल रहीं। फिर 2006 में उन्होंने अपने बेटे के साथ फिल्म”Heartless” बनाई, जिसका निर्देशन उन्होंने खुद किया। यह फिल्म मेडिकल ड्रामा थी और इसमें पिता-बेटे के रिश्ते की कहानी दिखाई गई थी।

वहीं, शेखर सुमन सिर्फ़ एक्टर ही नहीं, बल्कि एक अच्छे सिंगर भी हैं। 2008 में उन्होंने अपना म्यूज़िक एल्बम “दिल मे है कुछ बात” रिलीज़ किया। इस एल्बम में उनके रोमांटिक गाने थे। फिल्मी जगत में शानदार करियर के बाद शेखर सुमन ने राजनीति में भी अपनी किस्मत आज़माई। 2009 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से जुड़कर “पटना साहिब” लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। उनके सामने बीजेपी से शत्रुघ्न सिन्हा थे। शेखर उनसे चुनाव हार गए थे।

बात शेखर सुमन की कमाई के बारे में करें तो, वो एक्टिंग, टीवी शोज़, एड, लाइव इवेंट्स और प्रोडक्शन से पैसा कमाते हैं। उनकी नेट वर्थ लगभग ₹20-25 करोड़ रुपये के बीच मानी जाती है। वो मुंबई में एक आलीशान घर में रहते हैं और कई लग्ज़री गाड़ियों के मालिक भी हैं।

पर्सनल लाइफ की बात करें तो, शेखर सुमन ने साल 1983 में अलका सुमन से शादी की। उनके दो बेटे हुए— आयुष सुमन और अध्ययन सुमन। लेकिन, 1994 में उनके बड़े बेटे आयुष की दिल की बीमारी से सिर्फ़ 11 साल की उम्र में मौत हो गई। ये घटना शेखर और उनके परिवार के लिए बेहद दर्दनाक थी। वहीं, शेखर के दूसरे बेटे अध्ययन सुमन बॉलीवुड में एक्टिव हैं। वो पिछले 17 साल से फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हैं, हाँ वो बात अलग है कि आज भी उनका स्ट्रगल जारी है।

अध्ययन ने 2008 में आई फिल्म ‘हाल-ए-दिल’ से डेब्यू किया था। इसके बाद वो ‘राज द मिस्ट्री कंटिन्यूज’, ‘हिम्मतवाला’, ‘इश्क क्लिक’ जैसी फिल्मों में नजर आए। हालांकि, अध्ययन फिल्मों से ज्यादा एक्ट्रेस कंगना रनौत के साथ अपने अफेयर की वजह से चर्चा में रहे। फिर, एक साल के अंदर ही दोनों का ब्रेकअप हो गया। जिसके बाद अध्ययन ने एक इंटरव्यू में कंगना पर कई संगीन आरोप भी लगाए थे। अध्ययन के मुताबिक, कंगना उन्हें पीटती थीं। इतना ही नहीं, अध्ययन ने कंगना पर काला जादू करने का आरोप भी लगाया था।

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