दूसरे चरण की वोटिंग से Bihar की बदली हवा, NDA की उड़ी नींद, आई महागठबंधन की आंधी !
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में रिकॉर्ड तोड़ मतदान ने सियासी गलियारों में भूचाल ला दिया है....ये वोटिंग प्रतिशत न सिर्फ पिछले सभी रिकॉर्ड्स को तोड़ता है, बल्कि ये भी संकेत देता है कि जनता अब बदलाव के मूड में है

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में रिकॉर्ड तोड़ मतदान ने सियासी गलियारों में भूचाल ला दिया है….ये वोटिंग प्रतिशत न सिर्फ पिछले सभी रिकॉर्ड्स को तोड़ता है, बल्कि ये भी संकेत देता है कि जनता अब बदलाव के मूड में है….मतदाताओं की इस जबरदस्त भागीदारी ने मानो ये ऐलान कर दिया है कि NDA की 20 साल की सरकार….जिसके मुखिया नीतीश कुमार हैं…उनके लिए अब सत्ता में बने रहना मुश्किल है….
पूरे चुनाव प्रचार के दौरान NDA खासकर बीजेपी उम्मीदवारों को जनता की ओर से तीखी नाराजगी का सामना करना पड़ा…लेकिन ये गुस्सा सिर्फ प्रचार तक सीमित नहीं रहा…ये मतदान के दिन भी खुलकर सामने आया…जिसने NDA खेमे में घबराहट पैदा कर दी है….तो दूसरे चरण की वोटिंग में कितने प्रतिशत हुआ मतदान….जिससे NDA खेमे की उड़ी नींद…और आखिर क्यों मतदान के बीच में ही बीजेपी ने खटखटाया चुनाव आयोग का दरवाजा?…
दोस्तों, बिहार विधानसभा चुनाव ने इतिहास के पन्नों में एक नया अध्याय जोड़ दिया है…जिसकी कल्पना शायद ही किसी ने की हो…आजादी के बाद पहली बार इतनी जबरदस्त मतदान भागीदारी देखी गई….पहले चरण में जनता का जो जोश उमड़ा था…उससे भी कहीं ज्यादा उत्साह दूसरे चरण में दिखा…जहां माहौल ऐसा बन गया था कि पहले चरण का रिकॉर्ड टूटना होना तय था और हुआ भी वैसा ही……11 नवंबर को 20 जिलों की 122 सीटों पर दूसरे चरण का मतदान संपन्न हुआ….जिसमें 1302 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद हो गई…
पहले चरण में 65.08 प्रतिशत वोटिंग ने सत्ता पक्ष की नींद हराम कर दी थी…..लेकिन दूसरे चरण में ये आंकड़ा लगभग 70 प्रतिशत तक पहुंच गया….और अभी ये और बढ़ने की संभावना है…..अब इससे NDA की मुश्किलें दोगुनी हो गईं….क्योंकि इतना बड़ा मतदान आमतौर पर सत्ता विरोधी लहर का संकेत माना जाता है…पहले चरण से बीजेपी को जो झटका लगा था….दूसरे चरण ने उसे और गहरा कर दिया….दोनों चरणों में बंपर वोटिंग ने साफ कर दिया कि जनता बदलाव की बाट जोह रही है…..
दूसरे चरण की मतदान में सुबह तक NDA खेमे में जबरदस्त आत्मविश्वास था….बीजेपी और उसके सहयोगी नेता बड़े-बड़े दावे कर रहे थे….लेकिन जैसे-जैसे दोपहर में वोटिंग प्रतिशत बढ़ता गया…उनके चेहरे मुरझाने लगे….कई जगहों से बीजेपी नेताओं को खदेड़े जाने के वीडियो वायरल हुए….जनता की नाराजगी साफ झलक रही थी…नीतीश सरकार के खिलाफ गुस्सा मतदान के दिन भी खुलकर सामने आया और कुछ इलाकों में तो लोगों ने चुनाव का बहिष्कार तक कर दिया….ये सारी घटनाएं एंटी-इनकंबेंसी की लहर को और मजबूत कर रही थीं…..जिससे एनडीए की चिंता चरम पर पहुंच गई…
वहीं, महागठबंधन का हौसला बुलंद हो गया…क्योंकि उच्च मतदान उनके पक्ष में माहौल बना रहा था…..जनता का ये उत्साह सत्ता पक्ष के लिए खतरे की घंटी बन गया….महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने मतदान के बीच में ही अपने एक्स हैंडल से एक भावुक अपील की….उन्होंने लिखा कि…मन गदगद है, मेरे बिहार ने कमाल कर दिखाया है। हर जगह से बम्पर वोटिंग की ख़बर आ रही है।
बुजुर्ग, महिलाएं, युवा, व्यापारी, किसान, हर जाति, हर वर्ग बढ़-चढ़ कर लोकतंत्र के इस महोत्सव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहा है। ये क्रम रुके नहीं, ये कदम थमें नहीं। मैं करबद्ध होकर सभी बिहारवासियों से अपील करता हूँ कि मतदान स्थल पर जाकर जरूर अपने मत का प्रयोग करें, आपकी उँगली की नीली स्याही आपके भविष्य को स्वर्णिम बनाने का कार्य करेगी। आपका दबाया हुआ एक बटन अगले पाँच सालों के आपकी शक्ति, सुरक्षा, समृद्धि, शांति और भविष्य को तय करेगा। इसलिए निकलिए घर से, वोट डालिये अपने बिहार के लिए, एक सही सरकार के लिए। जय हिन्द, जय बिहार
तेजस्वी की इस अपील का असर साफ दिखा…क्योंकि दूसरे चरण में वोटिंग पहले चरण से भी ज्यादा हो गई…महागठबंधन का उत्साह दोगुना हो गया…उच्च मतदान देखकर महागठबंधन में खुशी की लहर दौड़ गई…जबकि कथिततौर पर बीजेपी पूरी तरह बौखला गई…इसका सबूत ये है कि मतदान के बीच में ही बीजेपी ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया…बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की कि आरजेडी अपने सोशल मीडिया हैंडल से झूठी खबरें फैला रही है और आचार संहिता का उल्लंघन कर रही है……..
पहले चरण में तो ज्यादातर शिकायतें आरजेडी की तरफ से आ रही थीं…लेकिन इस बार बीजेपी ने खुद शिकायत दर्ज की….इससे साफ जाहिर है कि बीजेपी अपनी हार की आहट सुन चुकी है….रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग ने उसके आत्मविश्वास को चूर-चूर कर दिया…
दूसरा चरण शुरू से ही एनडीए के लिए मुसीबत बनकर खड़ा था…20 जिलों की 122 सीटों में से कई ऐसी सीटें थीं…जहां 2020 में मामूली अंतर से फैसला हुआ था…15 सीटों पर 3000 से कम और तीन सीटों पर 1000 से भी कम वोटों से जीत-हार तय हुई थी….2020 में एनडीए ने इनमें से 66 सीटें जीती थीं…जबकि महागठबंधन 49 पर सिमट गया….RJD ने 33, कांग्रेस ने 11 और CPI-ML ने पांच सीटें हासिल की थीं…
बाद में चार विधायक और जुड़ने से RJD का आंकड़ा बढ़ा…..वहीं बीजेपी को 42, JDU को 20….जीतन राम मांझी की HAM को 4 सीटें मिली थीं…जबकि एक निर्दलीय और बसपा के 1 विधायक के JDU में शामिल होने से NDA की कुल सीटें 68 हो गई थीं….इस बार बीजेपी 53, JDU 44, LJP-R की 15, राष्ट्रीय लोक मोर्चा 4 और हम 6 ने सीटों पर चुनाव लड़ा….महागठबंधन की बात करें…तो RJD सबसे आगे है…जो 71 सीटों पर मैदान में है….कांग्रेस 37, CPI-ML 6, CPM 2 और CPI 6 उम्मीदवारों के साथ उतरी….दूसरे चरण की 122 सीटें मुख्य रूप से बिहार के बाहरी और सीमावर्ती इलाकों में हैं…….सबसे चर्चित क्षेत्र सीमांचल के चार जिले हैं….
अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार…..सर्वे रिपोर्ट्स और महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा के बाद जनता को नया विकल्प मिला है….चंपारण में भी महागठबंधन बीजेपी को पछाड़ सकता है….जहां पहले बीजेपी का दबदबा था…..कांग्रेस यहां मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है.और राहुल गांधी की मेहनत जमीनी स्तर पर रंग ला सकती है….कुल मिलाकर ये चरण NDA के लिए इसलिए भी खतरनाक है…क्योंकि सीमांचल में मुस्लिम आबादी ज्यादा है और वक्फ कानून को लेकराकर बीजेपी के खिलाफ गुस्सा चरम पर है………बीजेपी ने सहयोगियों को ज्यादा सीटें दीं….लेकिन प्रचार में उन्हें दिक्कत हुई….JDU और LJP-R ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारे……लेकिन JDU ने पिछली बार के मुकाबले कम मुस्लिम चेहरे दिए….ये उम्मीदवार भी समुदाय का गुस्सा शांत नहीं कर पाए…..वक्फ कानून पर सवालों से बचते रहे….क्योंकि जवाब नहीं था….
RJD ने NDA की इस नाराजगी को अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश की….महागठबंधन की मुस्लिमों पर पहले से पकड़ मजबूत है और वक्फ कानून ने इसे और बढ़ा दिया…मुस्लिम-यादव गठजोड़ पर फोकस किया….जो बिहार की 32 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करता है……इससे दूसरे चरण में महागठबंधन को बड़ा फायदा होने की उम्मीद थी….मतदान प्रतिशत की बात करें…तो सबसे कम वोट नवादा में पड़े….यहां केवल 60 प्रतिशत वोट ही डाले गए…..सबसे ज्यादा किशनगंज में यानी….79 प्रतिशत वोट पड़े….अन्य आंकड़ो की बात करें…तो अररिया में 67.79%, औरंगाबाद में 64.48%, गया में 67.50%, मधुबनी में 61.79%, पूर्णिया में 73.79%, पूर्वी चंपारण में 69.31% और सुपौल में 70.69% वोट पड़े….
यहां सीएम नीतीश कुमार की सरकार के कई मंत्रियों की साख दांव पर थी….बंपर वोटिंग से एक ओर जहां महागठबंधन में खुशी का माहौल है…वहीं बीजेपी नेताओं का विरोध और बढ़ता मतदान….विपक्ष के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है….कहा तो ये तक जा रहा है कि ज्यादा वोटिंग सत्ता विरोधी होती है….दोनों चरणों की बंपर भागीदारी ने NDA के चेहरे उतार दिए……..BJP समझ गई कि जीत मुश्किल है….इसलिए कई सीटें सहयोगियों को सौंप दीं ताकि स्ट्राइक रेट बचा रहे और हार का ठीकरा उन पर फोड़ा जाए…..खासकर 6 प्रमुख जिलों में…… तीन पहले चरण में और तीन दूसरे में……….फिलहाल, बंपर वोटिंग के बाद रुझान साफ हो गए….जनता का मूड बदलाव का है…..जिसकी वजह से बीजेपी टेंशन में है….तो वहीं सीएम नीतीश सतर्क हो चुके हैं…..



