काउंटिंग से पहले वोट चोरी का बड़ा खेल? बक्सों की चेकिंग में क्या निकला?

जैसे रात के अंधेरे में चोर लुटेरे डाका डालते हैं, क्या कल रात ट्रक भरकर वोटों की चोरी की कोशिश हुई है? बीती रात 3 बिहार में मतों की गिनती से पहले सासाराम में स्ट्रॉग रूम का सीसीटीवी कैमरा बंद हो गया और इसी बीच बक्सों से भरा एक ट्रक के घुस गया जिसके बाद भारी हंगामा हो गया।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: जैसे रात के अंधेरे में चोर लुटेरे डाका डालते हैं, क्या कल रात ट्रक भरकर वोटों की चोरी की कोशिश हुई है? बीती रात 3 बिहार में मतों की गिनती से पहले सासाराम में स्ट्रॉग रूम का सीसीटीवी कैमरा बंद हो गया और इसी बीच बक्सों से भरा एक ट्रक के घुस गया जिसके बाद भारी हंगामा हो गया।

इसको लेकर विपक्ष ने धडा़धड़ ट्वीट करके चुनाव आयोग और प्रशासन को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। इसके वीडियो सौशल मीडिया पर तमाम तरह से सवाल उठ रहे हैं। तो आखिर इन बक्सों की चेकिंग के बाद क्या कुछ सामने आया है और इसको लेकर विपक्षी दसों ने कैसे चुनाव आयोग पर हमला बोलने का मौका दे दिया है, सब बताएंगे आपको इस वीडियो में।

सासाराम की रात कभी इतनी घुटती और सवालों से भरी नहीं दिखी जितनी कल दिखाई दी। जब आधी रात के करीब 3 बजे तकिया बाजार समिति में स्थित दिनारा विधानसभा के स्ट्रांग रूम की तरफ बक्सों से लदा एक ट्रक, बिना किसी सूचना और पारदर्शिता के स्ट्रांग रूम के परिसरों में दाखिल हुआ। जो जगह सुरक्षा और निगरानी के लिए बनाई गई थी, वहीँ अचानक अजनबी वाहन का आना और उसके साथ CCTV का बंद हो जाना, इस स्थिति ने वोट चोरी के शक को इतना गहरा दिया कि प्रत्याशी और उनके कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया और उन्होंने वहां हंगामा शुरू कर दिया।

घटना के बाद अफवाह फैल गई कि स्ट्रांग रूम में ईवीएम बदली जा रही है। इस अफवाह के बाद सातों विधानसभा क्षेत्रों के कई प्रत्याशी देर रात घटनास्थल पर पहुंच गए। कई प्रत्याशी अपने भारी समर्थक दल के साथ रातभर मतगणना स्थल के बाहर जमे रहे और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते रहे। स्थानीय लोग, मतगणना के लिए आई व्यवस्थाओं को देखने आये प्रतिनिधि, और राजनीतिक कार्यकर्ता सब हैरान थे कि आखिर इतनी संवेदनशील घड़ी में ऐसा क्यों होने दिया गया? प्रत्याशियों ने सवाल उठाया कि बिना जांच किए अंदर ट्रक क्यों ले जाया गया और सीसीटीवी कैमरा को बंद क्यों किया गया है?

रिपोर्टें कहती हैं कि यह घटना मतगणना केंद्र के पास हुई और इसी वजह से माहौल तिलमिला गया। देखते ही देखते सातों विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश प्रत्याशी तकिया बाजार समिति के गेट पर पहुंच गए और फिर जबरदस्त विरोध का सिलसिला शुरू हो गया। जिसके चलते रात को ही भारी संख्या में पुलिस बल को यहां बुलाना पड़ा। जहां पुलिस को लाठीचार्ज कर भीड़ को खाली करवाना पड़ा। पुलिस की लाठी से सासाराम के प्रत्याशी सत्येंद्र शाह एवं एक पत्रकार भी चोटिल हुए हैं। हालांकि पुलिस अधीक्षक ने लाठीचार्ज को गलत और बेबुनियाद बताया है।

वहीं रातों कात इसको लेकर विपक्षी दलों की तरफ से एक्स पर भर भर कर पोस्ट किया गया और चुनाव आयोग से इसपर जवाब मांगा गया। RJD के ऑफीशियल हैंडल ने इसको लेकर एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि- “कथित तौर पर EVM से भरा हुआ ट्रक सासाराम के मतगणना केंद्र बिना किसी पूर्व सूचना और पारदर्शिता के जिला प्रशासन द्वारा क्यों घुसाया गया? ट्रक चालकों को सामने लाए बिना क्यों भगा दिया गया? 2 बजे से यहां CCTV कैमरा का फीड क्यों बंद रहा? पूरा फुटेज जारी किया जाए! ट्रक में क्या है प्रशासन बताए!

चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण तुरंत आए अन्यथा हजारों लोग वोटचोरी रोकने के लिए मतदान केंद्र तुरंत पहुंचेंगे।” राजद की नेता कंचना यादव ने भी इसपर पोस्ट करते हुए लिखा कि “चुनाव आयोग जो अब चोर आयोग बन गया है, होश में आओ। यह ईवीएम से भरा हुआ ट्रक सासाराम में क्यों घूम रहा है? होश में आकर जवाब नहीं दोगे, चोरी करोगे तो समझ लो, जनता तुम्हारे होश भी उड़ा देगी। हज़ारों लोग एक आवाज़ पर मिनटों में पहुँच जाएंगे।” कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंधे पाटिल ने भी इसपर पोस्ट करते हुए कहा कि- “रात 3:00 बजे सासाराम के स्ट्रांग रूम में बक्से से भरी ट्रक आखिर दाखिल क्यों हुई। एग्जिट पोल से माहौल बनवाएंगे।

रात में वोट चोरी कराएंगे। तभी तो फर्जी चाणक्य कहलाएंगे।” वहीं राजद प्रवक्ता प्रियंका भारती ने भी इस पर पोस्ट किया कि- “सासाराम में आधी रात में बक्से से भरा हुआ ट्रकस्ट्रॉंग रूम के अंदर घुसा। आखिर प्रशाशन घुसने कैसे दिया? ट्रक चालकों को सामने लाए बिना क्यों भगा दिया गया? 2 बजे से यहां CCTV कैमरा का फीड क्यों बंद रहा? पूरा फुटेज जारी किया जाए! ट्रक में क्या है प्रशासन बताए!”

तो इसी तरह से सोशल मीडिया पर ये वीडियोज वायरल हो रही थी और उधर ग्राउंड पर हंगामा तेज हो गया। हंगामे की सूचना मिलते ही जिला अधिकारी उदिता सिंह और पुलिस अधीक्षक रौशन कुमार तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। दोनों अधिकारियों ने मौके पर ट्रक की जांच की, जिसमें खाली बक्से पाए गए। डीएम ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच कराई जा रही है, और यदि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है तो विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

हम हर लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता की बात करते हैं — वोट हमारी कोशिश, हमारी आवाज़ का कागज़ी सबूत है — और अगर इसी वोट की रक्षा की जिम्मेदारी निभाने वाले संस्थान की निष्पक्षता पर प्रश्न उठते हैं, तो सवाल उठाना नागरिक का अधिकार ही नहीं, कर्तव्य भी बन जाता है। सासाराम की घटना ने वही सवाल गूंजा दिये: ट्रक में क्या था? प्रशासन ने किस औचित्य से बिना सूचना के वाहन को परिसर में प्रवेश करवा दिया? ट्रक के ड्राइवरों और साथियों को क्यों नहीं रोका गया और CCTV फीड रात को अचानक क्यों बंद रहा?

राजनीतिक मोर्चों पर यह भावनाएँ और तेज़ हैं। जब किसी पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता आधी रात जाग कर अपने मतों की रक्षा के लिए खड़े हो जाते हैं, तो वह सिर्फ पार्टी का आक्रोश नहीं, जनता के हक की गठरी का ख्याल भी होता है। अनेक रिपोर्टों में कहा गया कि स्थानीय कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया, और उन्होंने कैमरों के बंद होने और अनसूचित प्रवेश पर जवाब मांगा। यह गुस्सा अकेला न होकर चिंतित नागरिकों की आवाज़ भी है — क्या हमारी चुनावी व्यवस्था इतनी असुरक्षित है कि देर रात अंधेरे में फैसले लिए जा सकते हैं?

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