AAP के बाद कांग्रेस ने बढ़ा दी मोदी की टेंशन, युवाओं को दे दी बड़ी जिम्मेदारी

बीजेपी और मोदी की गुजरात में लगातार पसीने छुड़ा रही... आप के बाद अब कांग्रेस ने भी ऐसा दांव चल दिया है... जिससे बीजेपी की धड़कने बढ़ गई है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से ठीक पहले कांग्रेस ने गुजरात में एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाया है.. पार्टी ने युवा नेता श्रीनिवास बीवी को गुजरात का सह-प्रभारी नियुक्त किया है.. यह फैसला ऐसे समय में आया है.. जब गुजरात में कांग्रेस को आम आदमी पार्टी से कड़ी चुनौती मिल रही है.. और भाजपा की मजबूत पकड़ को तोड़ने की कोशिशें तेज हो रही हैं.. श्रीनिवास बीवी कोविड महामारी के दौरान ‘ऑक्सीजन मैन’ के नाम से मशहूर हुए थे.. अब गुजरात में कांग्रेस की कमान संभालेंगे.. राज्य के मुख्य प्रभारी मुकुल वासनिक बने रहेंगे.. इस नियुक्ति के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि.. क्या राहुल गांधी बिहार चुनावों के नतीजों के बाद गुजरात पर ज्यादा फोकस करेंगे..

श्रीनिवास बीवी का जन्म कर्नाटक में हुआ था.. वे पूर्व क्रिकेटर हैं और अंडर-16 तथा अंडर-19 स्तर पर कर्नाटक की टीम के लिए खेल चुके हैं.. 2003 में एक मैच के दौरान आंख में चोट लगने के बाद उनका क्रिकेट करियर रुक गया.. इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा.. 2006 में वे युवा कांग्रेस से जुड़े.. और 2010 में राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय हुए.. 2019 से 2024 तक वे भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे..

कोविड-19 महामारी के दौरान श्रीनिवास बीवी ने पूरे देश में लोगों की मदद करके सुर्खियां बटोरीं… वे और उनकी टीम ने ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर, अस्पताल बेड.. और दवाइयों की व्यवस्था की.. हजारों एसओएस कॉल्स पर उन्होंने तुरंत मदद पहुंचाई.. इस वजह से उन्हें ‘ऑक्सीजन मैन’ का खिताब मिला.. उनकी टीम ने लाखों लोगों की जान बचाई.. और युवा कांग्रेस को एक नई पहचान दी.. अब कांग्रेस ने उन्हें गुजरात का सह-प्रभारी बनाकर युवा ऊर्जा को राज्य में लाने की कोशिश की है..

श्रीनिवास की नियुक्ति 11 नवंबर 2025 को हुई.. एआईसीसी ने उन्हें गुजरात प्रभारी का पद दिया.. जो मुकुल वासनिक के साथ मिलकर काम करेंगे.. पार्टी सूत्रों के मुताबिक.. यह फैसला गुजरात में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए लिया गया है.. जहां 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं.. गुजरात भाजपा का गढ़ माना जाता है.. 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 156 सीटें जीतीं.. जबकि कांग्रेस सिर्फ 17 सीटों पर सिमट गई.. AAP ने 5 सीटें जीतकर अपनी मौजूदगी दर्ज की.. लेकिन उसके बाद स्थिति बदली है.. कांग्रेस के 5 विधायक भाजपा में चले गए.. जिससे पार्टी के विधायकों की संख्या घटकर 12 रह गई.. AAP ने एक विधायक को निष्कासित किया.. इसलिए उसके पास अब 4 विधायक हैं.. वहीं, भाजपा के विधायकों की संख्या बढ़कर 161 हो गई है.. 182 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा की पकड़ मजबूत है..

आपको बता दें कि जून 2025 में हुए उपचुनावों में AAP ने बड़ा उलटफेर किया.. विसावदार सीट पर AAP ने भाजपा को हराया.. जबकि कडी सीट भाजपा ने जीती.. इन नतीजों से साफ है कि गुजरात में AAP कांग्रेस की जगह लेने की कोशिश कर रही है.. कांग्रेस ने जुलाई 2025 में अपना राज्य अध्यक्ष बदला… शक्तिसिंह गोहिल की जगह अमित चावड़ा को प्रदेश प्रमुख बनाया गया.. अमित चावड़ा पांच बार विधायक रह चुके हैं.. और पटेल समुदाय से हैं.. लेकिन उनकी दूसरी पारी में वे ज्यादा सुर्खियां नहीं बटोर पाए.. पार्टी को उम्मीद थी कि वे संगठन को मजबूत करेंगे.. लेकिन AAP के नेता ज्यादा चर्चा में हैं..

गुजरात में AAP तेजी से उभर रही है.. अरविंद केजरीवाल ने जुलाई 2025 में कांग्रेस से गठबंधन तोड़ दिया.. और कहा कि AAP अकेले चुनाव लड़ेगी.. और उन्होंने कांग्रेस और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि दोनों पार्टियां ‘पति-पत्नी’ जैसी हैं.. और सांठगांठ करती हैं.. केजरीवाल ने पूछा कि AAP के विधायक जेल क्यों जाते हैं.. जबकि कांग्रेस के नहीं.. उन्होंने गुजरात में ‘गुजरात जोड़ो अभियान’ शुरू किया,.. जिससे AAP की लोकप्रियता बढ़ी..

AAP के नेता जैसे गोपाल इटालिया, चैतर वसावा, इसुदान गढ़वी, राजू करपड़ा.. और प्रवीण राम ने अपनी फैन फॉलोइंग बनाई है.. वे स्थानीय मुद्दों पर सक्रिय हैं.. और कांग्रेस से ज्यादा सुर्खियां बटोर रहे हैं.. AAP ने किसानों के मुद्दे पर भाजपा को घेरा.. और कहा कि गुजरात में 30 साल की भाजपा सरकार खत्म हो सकती है.. जैसे 1985 में कांग्रेस की सरकार गिरी थी.. कांग्रेस को AAP की इस बढ़त से चिंता है.. पार्टी सूत्रों का मानना है कि AAP कांग्रेस के वोट काट रही है.. जिससे भाजपा को फायदा हो रहा है.. गुजरात में कांग्रेस टुकड़ों में बंटी दिख रही है… जबकि AAP एकजुट है..

राहुल गांधी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता बनने के बाद गुजरात पर फोकस बढ़ाया है.. और उन्होंने कहा कि भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर हराने का रास्ता गुजरात से होकर जाता है.. अप्रैल 2025 में उन्होंने गुजरात कांग्रेस को मजबूत करने के लिए दो तरह के घोड़े वाली रणनीति बताई.. एक जो दौड़ते हैं और दूसरे जो लड़ते हैं.. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि लोगों का विश्वास जीतें..

जुलाई 2025 में राहुल गांधी गुजरात दौरे पर गए और नए जिला अध्यक्षों से मिले.. उन्होंने टिकट वितरण को प्रदर्शन से जोड़ा.. अक्टूबर 2025 में वे हर विधानसभा क्षेत्र में जाने की योजना बना रहे हैं.. मिशन गुजरात के तहत वे जमीनी जानकारी इकट्ठा करेंगे.. राहुल गांधी की प्रतिष्ठा गुजरात से जुड़ी है.. क्योंकि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है.. वे कहते हैं कि कांग्रेस ही आरएसएस और भाजपा को हरा सकती है.. लेकिन पार्टी को आंतरिक कलह का सामना करना पड़ रहा है.. अप्रैल 2025 में राहुल ने गुजरात कांग्रेस में सफाई की.. और कुछ नेताओं को निलंबित किया…

अक्टूबर 2025 में गुजरात भाजपा ने बड़ा कैबिनेट फेरबदल किया.. पूरे मंत्रिमंडल ने इस्तीफा दिया और 26 नए मंत्री बनाए गए.. जिनमें रिवाबा जडेजा जैसी नई चेहरे शामिल हैं.. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ही बने रहे.. यह फेरबदल स्थानीय निकाय चुनावों से पहले हुआ.. जो चार महीने बाद होने हैं.. भाजपा का दावा है कि यह ताजगी लाने के लिए है.. लेकिन कांग्रेस कहती है कि एंटी-इनकंबेंसी की वजह से ऐसा हुआ.. लेकिन कांग्रेस इस दावे को मजबूती से नहीं उठा पाई..

आपको बता दें कि ऊषा नायडू गुजरात में तैनात थीं.. उनको मध्य प्रदेश भेजा गया.. यह बदलाव कांग्रेस के लिए मौका दे सकता है.. लेकिन पार्टी को संगठन मजबूत करना होगा.. बता दें कि बिहार चुनाव 2025 के नतीजे कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हैं.. अगर पार्टी अच्छा प्रदर्शन करती है.. तो गुजरात में ‘मिशन’ तेज होगा.. 2027 में गुजरात और पंजाब चुनाव हैं.. कांग्रेस को AAP की चुनौती से निपटना होगा.. श्रीनिवास बीवी की नियुक्ति से युवा वोटरों को आकर्षित करने की कोशिश है.. वे युवा कांग्रेस के पूर्व प्रमुख हैं.. इसलिए संगठन को सक्रिय कर सकते हैं..

 

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