कॉर्बेट टाइगर रिजर्व अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, उत्तराखंड सरकार को दिए निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तराखंड सरकार को निर्देश दिया कि जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जो भी नुकसान हुआ है, उसकी पूरी क्षतिपूर्ति की जाए। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत में डाली गई याचिका में पेड़ों की अवैध कटाई और गैरकानूनी निर्माण के खिलाफ याचिका डाली गई थी। इसे लेकर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कई निर्देश जारी करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त की गई केंद्रीय सशक्त समिति (सीईसी) से परामर्श कर तीन महीने के अंदर सभी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करना सुनिश्चित करें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “सीईसी उत्तराखंड द्वारा तैयार की गई पारिस्थितिक पुनर्स्थापन योजना की निगरानी करेगी।” अदालत ने राज्य सरकार को अवैध पेड़ कटाई की भरपाई के लिए कदम उठाने का भी निर्देश दिया। सीजेआई ने कहा, “अगर पर्यटन को बढ़ावा देना है, तो यह इको-टूरिज्म के तौर पर होना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि हमने मुख्य इलाके में अपने परिवारों से दूर कार्य करने वाले कर्मियों के लिए विशेष प्रावधान लाने का निर्देश दिया है।
फैसले के मुताबिक, उत्तराखंड सरकार को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति करनी होगी। अदालत ने कहा, “टाइगर सफारी के मामले में हमने दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह 2019 के नियमों के तहत होना चाहिए। बचाव केंद्र स्थापित किए जाएं और उपचार-देखभाल में सहयोग हो। ये केंद्र टाइगर सफारी के करीब हों। वाहनों की संख्या को रेगुलेट किया जाए।” बेंच ने तीन महीने के अंदर एक बाघ संरक्षण योजना तैयार करने का भी आदेश दिया।

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