संभल में जामा मस्जिद-हरिहर मंदिर विवाद: पदयात्रा का एलान.. बैरिकेडिंग हटा जुटने लगे लोग

कैलादेवी मंदिर के महंत और जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर मामले में सिविल न्यायालय में दायर याचिका के वादी ऋषिराज गिरि महाराज ने बुधवार को पदयात्रा निकालने का एलान किया था। इसके बाद शहर में सुरक्षा व्यवस्था हाई अलर्ट पर कर दी गई है। मंदिर परिसर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। भीड़ बढ़ने पर पुलिस ने बैरियर लगाकर रोकने की कोशिश की लेकिन मौके पर पहुंचे महंत ऋषिराज गिरि महाराज ने उन्हें हटवाकर लोगों को मंदिर परिसर तक पहुंचने दिया।
इसके बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु और साधु-संत परिसर में जुटने लगे। स्थिति को देखते हुए सीओ आलोक भाटी फोर्स के साथ कैलादेवी मंदिर पर पहुंचे। पुलिस फोर्स और पीएसी के जवान पूरी तरह मुस्तैद हैं। शहर के संवेदनशील इलाकों जामा मस्जिद, चौधरी सराय और प्रमुख चौराहों पर भी अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है।
धारा 163 लागू, जुलूस पर रोक
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने स्पष्ट किया है कि जिले में धारा 163 लागू है, जिसके तहत भीड़ इकट्ठा करने या जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि किसी को भी कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने नहीं दिया जाएगा। थाना प्रभारियों और अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों को लगातार पेट्रोलिंग और निगरानी में लगाया गया है।
ड्रोन से निगरानी, खुफिया इकाई सक्रिय
पदयात्रा को लेकर शहर में तनाव की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाए हैं। सुबह सीओ आलोक कुमार के नेतृत्व में फोर्स ने पैदल मार्च किया। जामा मस्जिद के आसपास ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है। स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) को भी सक्रिय कर दिया गया है, ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति को तुरंत नियंत्रित किया जा सके।
यह था मामला
19 नवंबर 2024 को सिविल न्यायालय संभल में यह दावा दायर किया गया था कि जामा मस्जिद का मूल स्वरूप श्री हरिहर मंदिर था। इस दावे के एक वर्ष पूरा होने पर कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरि ने बुधवार को पदयात्रा निकालने का आह्वान किया। चर्चा है कि यह पदयात्रा जामा मस्जिद के आसपास तक ले जाई जा सकती है, जिसके चलते पुलिस प्रशासन और अधिक सतर्क हो गया है।
हरिहर स्थल की परिक्रमा उद्देश्य
महंत ऋषिराज गिरि महाराज पहले भी कह चुके हैं कि पदयात्रा का उद्देश्य अधिक से अधिक सनातनियों को जोड़ना और हरिहर स्थल की परिक्रमा करना है। इसी के चलते सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर परिसर की ओर बढ़ रही है।
भारी फोर्स तैनात
एएसपी कुलदीप सिंह भारी पुलिस बल के साथ कैलादेवी मंदिर पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। जामा मस्जिद क्षेत्र में बैरिकेडिंग कर सुरक्षा को चाकचौबंद किया गया है। पुलिस, पीएसी और आरआरएफ का संयुक्त बल प्रमुख स्थानों पर तैनात है।
यह हैं वाद दायर करने वाले वादीगण
जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा कर वाद को दायर करने वाले वादीगण में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, पार्थ यादव, महंत ऋषिराज गिरि, राकेश कुमार, जीतपाल सिंह यादव, मदनपाल, वेदपाल और दीनानाथ शामिल हैं।
जामा मस्जिद का मामला यह था
19 नवंबर 2024 को हिंदू पक्ष की ओर से कोर्ट में जो वाद दायर किया गया था, उसमें उन्होंने हरिहर मंदिर होने का दावा किया था। कोर्ट ने अधिवक्ता रमेश सिंह राघव को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया था। कोर्ट कमिश्नर 19 नवंबर को सर्वे करने के लिए पहुंचे थे लेकिन सर्वे पूरा नहीं हुआ था।
इसके बाद 24 नवंबर को दोबारा से सर्वे करने के लिए गए थे। इस दौरान बवाल हो गया था। जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। 29 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इस बवाल में 107 लोगाें की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस बवाल में सांसद जियाउर्रहमान बर्क, जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली भी आरोपी हैं।
एएसआई की टीम से अभद्रता करने का दूसरा आरोपी गिरफ्तार नहीं
जामा मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों से अभद्रता करने में शामिल आरोपी काशिफ खान की पुलिस तलाश कर रही है। टीम आठ अक्तूबर को जामा मस्जिद के गुंबद का निरीक्षण करने के लिए पहुंची थी। इस दौरान टीम को रोका गया और अभद्रता की गई। पुलिस ने सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और धमकाने की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इसमें एक आरोपी हफीज की गिरफ्तारी हो चुकी है। दूसरे आरोपी की तलाश की जा रही है।

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