दुबई का बजट: तेल से परे कमाई और निवेश की नई रणनीति

शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मक्तूम ने 2026 से 2028 तक के लिए 302.7 अरब दिरहम यानी लगभग 83 अरब अमेरिकी डॉलर का बजट पास कर दिया है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क:  नमस्कार दोस्तों 4PM मिडिल ईस्ट में आपका इस्तकबाल है। 4PM के इस चैनल पर हम आपके लिए लेकर आते हैं खाड़ी देशों से जुड़ी जरूरी जानकारी और रोचक कहानियां। साथ ही यहां हम दुनिया तमाम बड़ी खबरों को आपके समाने पेश करते हैं।

इसी कड़ी में आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी खबर की जो सबके लिए काफी अहम साबित हो सकती है। आज की इस वीडियो में हम बात करने वाले हैं दुबई के नए रिकॉर्ड तोड़ने वाले बजट की। जी हाँ, शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मक्तूम ने 2026 से 2028 तक के लिए 302.7 अरब दिरहम यानी लगभग 83 अरब अमेरिकी डॉलर का बजट पास कर दिया है। ये दुबई का अब तक का सबसे बड़ा बजट है। तो चलिए बिना टाइम वेस्ट किए, बहुत ही आसान भाषा में समझते हैं कि इस बजट में क्या-क्या खास है, पैसा कहाँ-कहाँ लगने वाला है।

और आम आदमी यानी आप-हम जैसे लोगों को इसका क्या फायदा होगा। सबसे पहले तो ये समझ लीजिए कि 302.7 अरब दिरहम मतलब कितना पैसा होता है।अगर हम इसे भारतीय रुपयों में देखें तो ये लगभग 7 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा बैठता है। इतना पैसा तीन साल में खर्च होगा। यानी हर साल करीब 2.3 लाख करोड़ रुपये। सोचिए कितना बड़ा अमाउंट है।

ऐसे में अब बड़ा सवाल ये आता है कि इतना पैसा आएगा कहाँ से? दुबई की कमाई का सबसे बड़ा सोर्स है तेल नहीं, बल्कि अब ट्रेड, टूरिज्म, लॉजिस्टिक्स, रियल एस्टेट और फाइनेंशियल सर्विसेज हैं। दुबई ने बहुत पहले ही तेल पर अपनी निर्भरता कम कर दी थी। आज तेल से सिर्फ 3-4% राजस्व आता है, बाकी 96-97% नॉन-ऑयल सेक्टर से आता है। ये बजट भी इसी स्ट्रैटेजी का हिस्सा है। तो चलिए अब देखते हैं पैसा कहाँ-कहाँ लगने वाला है।

इनसे से हम आपको टॉप 6 सबसे बड़े सेक्टर बताते हैं। सबसे पहले बात करते हैं इंफ्रास्ट्रक्चर यानी सड़क, मेट्रो, एयरपोर्ट, बंदरगाह से सबसे ज्यादा 87 अरब दिरहम लगते हैं। जी हाँ, सबसे बड़ा हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर को मिला है। इसका मतलब नई मेट्रो लाइन्स आएंगी, सड़कें और चौड़ी होंगी, दुबई एयरपोर्ट और अल मकतूम एयरपोर्ट को और बड़ा किया जाएगा। अगर आप दुबई आते-जाते हैं तो अगले 3-4 साल में आपको ट्रैफिक जाम बहुत कम लगेगा और ट्रैवल बहुत आसान हो जाएगा।

बात की जाए पब्लिक और सोशल डेवलपमेंट की तो यहाँ से 76 अरब दिरहम के करीब लगते हैं। दुबई सरकार ने साफ कहा है कि वो अपने लोगों की लाइफ क्वालिटी को दुनिया में नंबर वन बनाना चाहती है। इसके लिए स्कूल-कॉलेज, हॉस्पिटल्स, अफोर्डेबल हाउसिंग पर भारी निवेश होगा। खास बात ये है कि अमीराती नागरिकों के लिए हाउसिंग बिल्कुल फ्री या बहुत कम कीमत पर मिलेगी। बात की जाए पब्लिक सेफ्टी और सिक्योरिटी यानी पुलिस, साइबर सिक्योरिटी, ज्यूडिशियल सिस्टम की तो यहाँ करीब 37 अरब दिरहम लगते हैं।

दोस्तों जैसा की आप जानते हैं दुबई दुनिया का सबसे सेफ शहर बना रहेगा। नए AI बेस्ड कैमरे, साइबर सिक्योरिटी सिस्टम, और कोर्ट सिस्टम को और तेज किया जाएगा। मतलब आप दुबई में रात को 3 बजे भी बेफिक्र घूम सकते हैं। वहीं ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स पर करीब 31 अरब दिरहम जाते हैं। दुबई दुनिया का नंबर वन लॉजिस्टिक्स हब बनना चाहता है। इसके लिए नई शिपिंग लाइन्स, कार्गो टर्मिनल्स, और ड्रोन डिलीवरी सिस्टम पर काम होगा। अमेजन जैसी कंपनियों के लिए दुबई बेस्ट जगह बनेगा।

गवर्नमेंट एफिशिएंसी और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की बात की जाए तो इस क्षेत्र में करीब 25 अरब दिरहम लगते हैं। अब सारे सरकारी काम 5 मिनट में हो जाएंगे। नया ऐप आएगा जिसमें आपको किसी ऑफिस जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। चाहे वीजा रिन्यूअल हो, ड्राइविंग लाइसेंस हो या बिल पेमेंट, सब मोबाइल पर। इसके अलावा एनवायरनमेंट और क्लीन एनर्जी में 22 अरब दिरहम जाते हैं। यानी दुबई 2050 तक 100% क्लीन एनर्जी पर चलना चाहता है। इसके लिए नए सोलर प्लांट्स, वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट्स, और इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन पूरे शहर में लगाए जाएंगे। 2030 तक 50% गाड़ियाँ इलेक्ट्रिक होंगी।

दुबई की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बुनियादी ढांचा है। 2026-2028 में, एक्सपो 2030 की तैयारी के लिए 50 अरब दिरहम आवंटित किए गए हैं। दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विस्तार, अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विकास और दुबई मेट्रो के नए चरण शामिल हैं। इसके अलावा, रोड नेटवर्क और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स जैसे दुबई सस्टेनेबल सिटी को बढ़ावा मिलेगा। यह निवेश दुबई को 2030 तक 25 मिलियन पर्यटकों का लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगा।

दुबई, जो यूएई का सबसे अधिक आबादी वाला और आर्थिक रूप से सक्रिय अमीरात है, ने पिछले दशकों में तेल-आधारित अर्थव्यवस्था से बहु-क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था की ओर संक्रमण किया है। यह बजट उस यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जहां पर्यटन, रियल एस्टेट, लॉजिस्टिक्स, फाइनेंस और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। 2026 के लिए अकेले व्यय 99.5 अरब दिरहम निर्धारित है, जो पिछले वर्षों की तुलना में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वहीं जानकारी के लिए आपको बता दें कि दुबई का बजट चक्र तीन वर्षीय होता है, जो वित्तीय योजना को लंबी अवधि के लिए स्थिर बनाता है। 2023 में 2024-2026 के लिए 246.6 अरब दिरहम का बजट मंजूर किया गया था, जबकि 2024 में 2025-2027 के लिए 272 अरब दिरहम का रिकॉर्ड बजट आया।

अब 2026-2028 का यह बजट 302.7 अरब दिरहम के साथ एक नया रिकॉर्ड स्थापित करता है, जो दुबई की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को प्रतिबिंबित करता है।मंजूरी की प्रक्रिया दुबई कार्यकारी परिषद द्वारा शुरू की गई, जिसमें वित्त विभाग, आर्थिक विकास विभाग और अन्य हितधारकों ने भाग लिया। शेख मोहम्मद ने इसे अपनी आधिकारिक क्षमता में मंजूरी दी, जो दुबई की कानूनी प्रणाली के अनुरूप है।

दोस्तों शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम दुबई के मॉडर्न चेहरे के वास्तुकार हैं। 2006 से शासक के रूप में, उन्होंने दुबई को रेगिस्तानी रेत से वैश्विक मेट्रोपोलिस में बदल दिया। उनका D33 एजेंडा 2033 तक दुबई को 400 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखता है। यह बजट उसी विजन का हिस्सा है, जो “पीपल, प्रॉस्पेरिटी और पीस” पर आधारित है। शेख मोहम्मद ने कहा, “हमारा देश समृद्धि, स्थिरता और उच्च जीवन स्तर की ओर बढ़ रहा है।”

आपको बता दें कि उनके नेतृत्व में, दुबई ने COVID-19 महामारी के बाद तेज रिकवरी की, जहां 2024 में GDP 3.2 प्रतिशत बढ़ी। यह बजट विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को आकर्षित करने पर जोर देता है, जो 2024 में 1.05 ट्रिलियन दिरहम पहुंच गया।

ऐसे में यह बजट दुबई की अर्थव्यवस्था को कई स्तरों पर प्रभावित करेगा। सबसे पहले, रोजगार सृजन: 2026-2028 में 300,000 नई नौकरियां, मुख्य रूप से टेक और टूरिज्म में। साथ ही SMEs के लिए फंडिंग से स्टार्टअप इकोसिस्टम मजबूत होगा, जहां दुबई पहले से ही 2,000 से अधिक स्टार्टअप्स होस्ट करता है। \ दुबई एयरशो और एक्सपो जैसे इवेंट्स से 2026 में 18 मिलियन विजिटर्स का लक्ष्य।वैश्विक संदर्भ में, यह बजट यूएई की फेडरल बजट से अलग है, जो संघीय स्तर पर केंद्रित है।

दुबई का यह बजट अमीरात-विशिष्ट है, जो स्थानीय विकास पर फोकस करता है। हालांकि, वैश्विक चुनौतियां जैसे मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक तनाव बाधा डाल सकते हैं, लेकिन दुबई की विविध अर्थव्यवस्था इसे मजबूत बनाती है। सामाजिक रूप से, बजट स्वास्थ्य और शिक्षा पर निवेश से जीवन स्तर सुधरेगा। दुबई की 85 प्रतिशत एक्सपैट आबादी को लाभ मिलेगा, जैसे कि सब्सिडाइज्ड हाउसिंग। पर्यावरणीय रूप से, सस्टेनेबिलिटी फंड से दुबई 2050 तक नेट-जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करेगा। यह UAE की नेशनल क्लाइमेट स्ट्रैटेजी से जुड़ा है।

तो ऐसे में दोस्तों अगर आप दुबई में नौकरी करते हैं या करने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए फायदे ही फायदे हैं। जैसे ज्यादा जॉब्स आएंगी, खासकर टेक, हेल्थकेयर, एजुकेशन और टूरिज्म में। सैलरी में भी बढ़ोतरी होगी क्योंकि कंपनियाँ ज्यादा निवेश करेंगी लिविंग कॉस्ट पहले से थोड़ा ज्यादा है, लेकिन अब अफोर्डेबल हाउसिंग बढ़ेगी तो किराया कंट्रोल में रहेगा। वहीं घूमने की दृष्टि से बात की जाए तो अगर आप दुबई घूमने आते हैं तो आपको मेट्रो से हर जगह आसानी से पहुँच जाएंगे नए थीम पार्क्स, म्यूजियम, और बीचेज बनेंगे।

2027-28 तक दुबई में 25 मिलियन टूरिस्ट्स आने का टारगेट है, यानी और सस्ते होटल, फ्लाइट्स और पैकेज मिलेंगे। वहीं अगर आप दुबई में बिजनेस करना चाहते हैं तो जीरो टैक्स पॉलिसी तो है ही अब नए फ्री जोन्स, आसान रूल्स और डिजिटल अप्रूवल सिस्टम से बिजनेस शुरू करना 10 मिनट का काम हो जाएगा। वहीं इसको लेकर खास बातें जो शेख मोहम्मद ने खुद कही उसकी बात करें तो इसे लेकर उन्होंने कहा कि हमारा मकसद सिर्फ पैसा कमाना नहीं, अपने लोगों को दुनिया की सबसे खुशहाल जिंदगी देना है।” कोई भी अमीराती बेघर नहीं रहेगा। हर नागरिक को घर, अच्छी सैलरी और हेल्थकेयर फ्री मिलेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि दुबई 2030 तक दुनिया का टॉप 3 सिटी बनेगा लिविंग, बिजनेस और टूरिज्म में।”

दोस्तों शेख मोहम्मद द्वारा मंजूर यह 302.7 अरब दिरहम का बजट दुबई को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाएगा। D33 एजेंडा के साथ संरेखित, यह विकास, नवाचार और सततता को बढ़ावा देगा। जैसा कि शेख हमदान ने कहा, यह दुबई की महत्वाकांक्षाओं का रोडमैप है। भविष्य में, दुबई न केवल मध्य पूर्व का, बल्कि विश्व का केंद्र बनेगा। अब कुछ लोग कहते हैं कि दुबई सिर्फ अमीरों के लिए है। ये बिल्कुल गलत है। इस बजट में 60% से ज्यादा पैसा सोशल वेलफेयर, एजुकेशन और हेल्थ पर जा रहा है।

मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास के लिए भी ढेर सारे प्रोग्राम्स हैं। दोस्तों, कुल मिलाकर ये बजट दुबई को अगले लेवल पर ले जाने वाला है। 2030 तक दुबई ऐसा शहर बनेगा जिसकी मिसाल दुनिया में कहीं नहीं मिलेगी। खैर आपको क्या लगता है? क्या दुबई सच में दुनिया का बेस्ट शहर बन पाएगा?

Related Articles

Back to top button