पूर्व CIA अफसर का बड़ा बयान, कहा- भारत के साथ मजबूत संबंधों की जरूरत
सीआईए अधिकारी रहे लॉलर ने कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी में उनके कार्यकाल के दौरान भारत-अमेरिका संबंधों में जो झिझक थी, उसे समझाना मुश्किल है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: सीआईए अधिकारी रहे लॉलर ने कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी में उनके कार्यकाल के दौरान भारत-अमेरिका संबंधों में जो झिझक थी, उसे समझाना मुश्किल है. उन्होंने कहा, भारत सोवियत संघ के प्रति हमसे कहीं ज़्यादा दोस्ताना था. भारत के कई सैन्य हथियार सोवियत संघ के थे. मुझे लगता है कि हमें भारत को और तकनीक देनी चाहिए.
अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के पूर्व अधिकारी जेम्स सी लॉलर ने ट्रंप प्रशासन की नीतियों को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने अमेरिकी विदेश नीति की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका को भारत के साथ मजबूत संबंधों की जरूरत है. बता दें किपूर्व सीआईए अधिकारी और एजेंसी के एंटी-प्रोलिफरेशन डिवीजन के पूर्व प्रमुख जेम्स सी लॉलर के अनुसार, अमेरिका को भारत के साथ और भी मजबूत संबंध बनाने चाहिए. लॉलर ने कहा कि वह कभी पूरी तरह से समझ नहीं पाए कि भारत और अमेरिका कभी विरोधी नहीं रहे, लेकिन कभी सच्चे दोस्त भी नहीं रहे, जबकि उनके कई समान हित थे.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कभी-कभी अमेरिकी विदेश नीति एक बड़ी पहेली होती है. मुझे उम्मीद है कि अमेरिका को भारत के साथ और भी मज़बूत संबंधों की जरूरत है. हमारे ज़्यादातर हित एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. हमारी अर्थव्यवस्थाएं जीवंत हैं.
अमेरिका में हमारे सबसे प्रतिभाशाली लोगों में कई जातीय भारतीय शामिल हैं. लॉलर ने कहा कि दोनों देश लोकतांत्रिक ढांचे साझा करते हैं और समान आर्थिक आकांक्षाओं के बीच गतिरोध नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आप एक लोकतंत्र हैं. हम एक लोकतंत्र हैं. आप ज़्यादा समाजवादी नीतियों से हटकर ज़्यादा पूंजीवाद की ओर बढ़ रहे हैं. मुझे लगता है कि गतिरोध की बजाय साथ मिलकर काम करने से हम कहीं ज़्यादा मजबूत हो सकते हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें एक दिन भारत आने की उम्मीद है, और कहा, मैं पहले कभी भारत नहीं गया. लेकिन मैं कभी न कभी जरूर जाना चाहूंगा. उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत-अमेरिका संबंधों में कई बदलाव आए हैं, खासकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान. ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क लगाने और भारत को टैरिफ किंग कहने के बाद दोनों देशों के रिश्ते एक मुश्किल दौर में पहुंच गए थे.
बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति ने 25 प्रतिशत का और शुल्क लगा दिया, यह कहते हुए कि यह भारत द्वारा रूसी तेल खरीदना जारी रखने की सज़ा है. ट्रंप ने भारत और अन्य देशों पर रूस-यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित करने का भी आरोप लगाया.
भारत के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को बार-बार खारिज किया, बाद में जब संबंध सुधरे, तो ट्रंप ने बार-बार दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर देगा. भारतीय पक्ष ने सार्वजनिक रूप से ऐसी बातचीत की पुष्टि नहीं की. टकराव का एक और बड़ा मुद्दा ट्रंप का बार-बार यह दावा था कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से भारत और पाकिस्तान को संभावित परमाणु युद्ध में जाने से रोका है.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पर तनाव
उन्होंने यह दावा ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पर तनाव की अवधि का जिक्र करते हुए किया, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें 25 नागरिक और एक पर्यटक मारे गए थे. भारत ने लगातार इस बात का खंडन किया है. नई दिल्ली ने कहा है कि नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम सैन्य संचालन महानिदेशकों के माध्यम से द्विपक्षीय रूप से हुआ था और इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता शामिल नहीं थी. भारत ने यह भी दोहराया है कि जम्मू-कश्मीर सहित पाकिस्तान के साथ किसी भी मुद्दे को द्विपक्षीय रूप से सुलझाया जाना चाहिए.
इस बीच, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पदों पर 25 वर्षों तक सीआईए के संचालन अधिकारी रहे लॉलर ने कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी में उनके कार्यकाल के दौरान भारत-अमेरिका संबंधों में जो झिझक थी, उसे समझाना मुश्किल है. उन्होंने कहा, भारत सोवियत संघ के प्रति हमसे कहीं ज़्यादा दोस्ताना था. भारत के कई सैन्य हथियार सोवियत संघ के थे. मुझे लगता है कि हमें भारत को और तकनीक देनी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने ऐसी खबरें पढ़ी हैं कि प्रमुख भारतीय कंपनियों ने अब रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया है और इसे गहरे सहयोग का एक रास्ता बताया. लॉलर ने कहा कि दोनों देशों, जिनमें चीन भी शामिल है, की रणनीतिक चिंताएं समान हैं, और उन्होंने आग्रह किया कि पुरानी सोच को त्यागना होगा. उन्होंने कहा, शीत युद्ध समाप्त हो चुका है. आइए और अधिक पारस्परिक हितों को तलाशने का प्रयास करें. हम साथ मिलकर काम करके और भी मज़बूत हो सकते हैं.



