स्काई ड्रोन: उन्नत सेंसर और रियल-टाइम इंटेलिजेंस से लैस निगरानी प्रणाली, इतना कमजोर होगा दुश्मन

स्काई ड्रोन में हाई-रेजोल्यूशन ऑप्टिकल और इंफ्रारेड कैमरे, एडवांस सेंसर और रियल टाइम डेटा ट्रांसमिशन सिस्टम लगे हुए हैं. इसकी मदद से यह दुश्मन की खुफिया जानकारी, रडार लोकेशन, एनिमी कम्युनिकेशन और मूवमेंट की पूरी डीटेल सेना तक तुरंत पहुंचा देता है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: स्काई ड्रोन में हाई-रेजोल्यूशन ऑप्टिकल और इंफ्रारेड कैमरे, एडवांस सेंसर और रियल टाइम डेटा ट्रांसमिशन सिस्टम लगे हुए हैं. इसकी मदद से यह दुश्मन की खुफिया जानकारी, रडार लोकेशन, एनिमी कम्युनिकेशन और मूवमेंट की पूरी डीटेल सेना तक तुरंत पहुंचा देता है.

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार रक्षा क्षेत्र में लगातार स्वदेशी को बढ़ावा दे रहा है. इसके लिए मेक इन इंडिया अभियान भी चलाया जा रहा है. इसी मेक इन इंडिया अभियान को बढ़ावा देते हुए स्वदेशी स्टार्ट अप डिफेंस कंपनी (NITRODYNAMICS AEROSPACE AND DEFENCE PRIVATE LIMITED) ने भारतीय सेना और नौसेना को एक नए हाई-टेक सर्विलांस ड्रोन स्काई गार्ड का प्रपोजल भेजा है. इस गार्ड को अत्याधुनिक लार्ज यूएवी (Large UAV) लंबी अवधि तक निगरानी मिशन चलाने के लिए तैयार किया गया है.

स्काई गार्ड की सबसे बड़ी क्षमता यह है कि वह 6 से 7 दिन तक लगातार आसमान में उड़ान भर सकता है. इतनी लंबी एंड्योरेंस इसे दुश्मन की गतिविधियों पर बिना रुके नजर बनाए रखने में बेहद कारगर बनाती है. खास तरीके से बनाए गए इस ड्रोन में हाई-रेजोल्यूशन ऑप्टिकल और इंफ्रारेड कैमरे, एडवांस सेंसर और रियल-टाइम डेटा ट्रांसमिशन सिस्टम लगे हुए हैं. इसकी मदद से यह दुश्मन की खुफिया जानकारी, रडार लोकेशन, एनिमी कम्युनिकेशन और मूवमेंट की पूरी डीटेल सेना तक तुरंत पहुंचा देता है.

इसकी खासियत यह भी है कि यह बहुत कम आवाज करता है, ऑटोनॉमस फ्लाइंग सिस्टम और सुरक्षित कम्युनिकेशन चैनल के साथ स्काई गार्ड को सेना की जरूरतों के हिसाब से मॉड्यूलर तरीके से तैयार किया गया है. सीमा सुरक्षा, रीकॉन मिशन, नेवी ऑपरेशन, लॉ एंड ऑर्डर, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण निगरानी हर क्षेत्र में भी इसका उपयोग किया जा सकता है.

कानपुर स्थित कंपनी के ड्रोन को अगर भारतीय सेना के बेडे में शामिल कर लिया जाता है, तो सेना को इसका फायदा मिल सकता है. सुरक्षा काफी मजबूत हो सकती है. साथ ही देश की हवाई निगरानी क्षमता में बड़ी बढ़ोतरी कर सकता है. पिछले कुछ सालों से मोदी सरकार रक्षा से जुड़े मामलों में विदेशी निर्भरता कम करने को लेकर लगातार मुहिम  में लगी है और इसके लिए स्वदेशी को बढ़ावा दे रही है.

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