क्या 2014 के लोकसभा चुनाव में CIA और मोसाद ने रची थी साजिश! कांग्रेस नेता का सनसनीखेज दावा

कांग्रेस के एक नेता की ओर से 2014 के लोकसभा चुनाव को लेकर एक सनसनीखेज दावा किया गया है. कुमार केतकर ने कल बुधवार को यह दावा कर सभी को चौंका दिया कि CIA और मोसाद, जो अमेरिका और इजराइल की जासूसी एजेंसियां ​​हैं, ने 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हार की साजिश रची थी. उनका कहना है कि 2014 में लोग मनमोहन सिंह से नाराज थे, लेकिन इतने भी नाराज नहीं थे कि पार्टी महज 44 सीटों पर सिमट जाए.
संविधान दिवस के मौके पर कांग्रेस की ओर से मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, राज्यसभा के पूर्व सांसद ने कहा कि कांग्रेस ने 2004 के आम चुनावों में 145 सीटें तो इसके 5 साल बाद (2009) हुए आम चुनाव में 206 सीटों पर जीत हासिल की थी. अगर जीत का यही ट्रेंड जारी रहता, तो कांग्रेस 2014 के चुनाव में 250 सीटें जीत सकती थी और आसानी से सत्ता में बनी रह सकती थी. लेकिन इस चुनाव में पार्टी को तगड़ा झटका लगा. 2014 में उसकी सीटें घट गईं और वह 44 पर ही सिमट गई.
कांग्रेस के खिलाफ रची गई साजिशः कुमार
उन्होंने कहा, “तभी खेल शुरू हुआ. यह तय किया गया कि किसी भी स्थिति में, 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सीटों की संख्या 206 से अधिक नहीं जानी चाहिए.” उनका दावा है कि कुछ ऐसे संगठन थे जो इस तरह से काम करते थे कि ‘जब तक हम कांग्रेस को 206 से नीचे नहीं लाते, हम यहां (भारत में) अपना खेल नहीं खेल पाएंगे.
कांग्रेस नेता ने कहा, “उन्हीं में से एक संगठन CIA (Central Intelligence Agency) था और दूसरा इजराइल का मोसाद था. दोनों संगठनों ने तय कर रखा था कि उन्हें भारत में कुछ करना है. अगर कांग्रेस की स्थिर सरकार या कांग्रेस की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार फिर से सत्ता में लौटती है तो वे भारत में दखल नहीं दे पाएंगे और अपनी नीतियां लागू नहीं कर पाएंगे.
चुनाव से पहले एजेंसियों ने तैयार किया डेटा
पत्रकारिता से राजनीति में आए केतकर ने दावा करते हुए कहा कि दोनों जासूसी एजेंसियां यह सोचती थीं कि नई दिल्ली में अनुकूल सरकार आई तो उनके नियंत्रण में रहेगी और यहां पर बहुमत वाली सरकार होनी चाहिए लेकिन कांग्रेस की नहीं.
केतकर ने आगे कहा, “CIA और मोसाद ने राज्यों और चुनाव क्षेत्रों का विस्तृत डेटा तैयार किया.” उन्होंने कहा कि 2014 में उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर लोगों में खासी नाराजगी थी, लेकिन इस तरह से नहीं कि कांग्रेस की शर्मनाक हार हो जाए और उसकी सीटों की संख्या 206 से घटकर एकदम से 44 तक पहुंच जाए. चुनाव में पार्टी की हालत यह रही कि सदन में विपक्ष के नेता का पद पाने के लिए भी पर्याप्त संख्या नहीं मिली.
उनका दावा है कि यह लोगों का जनादेश नहीं था. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश चाहते थे कि भारत को भी बाल्कनाइजेशन का सामना करना पड़े.

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