कर्नाटक में थम नहीं रहा सत्ता संघर्ष का दौर
सीएम सिद्धारमैया व उपपमुख्यमंत्री शिवकुमार के बयानों से गरमाई सियासत, एक दिसंबर तक सत्ता परिवर्तन को लेकर फैसला हो सकता है

कांग्रेस अध्यक्ष ने सभी नेताओं को शांत रहने को कहा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान कम नहीं हो रही है। जहां सीएम सिद्धारमैया व उपपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच अनबन कभी-कभी सतह पर आ जा रही है । इसबीच कंाग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि शीर्ष नेतृत्व ही कोई फैसला लेगा।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने एक इशारों भरा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शब्द की ताकत ही दुनिया की ताकत है और वादा निभाना सबसे बड़ी शक्ति है। उनके इस बयान को सिद्धारमैया के बाद सत्ता बदलाव की मांग और उससे जुड़े राजनीतिक दबाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

सीएम बदलने की सुगबुगाहट तेज
कांग्रेस में इस समय मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच लीडरशिप को लेकर मतभेद की चर्चा तेज है. शिवकुमार का दावा है कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद ढाई साल के बाद सीएम बदलने का वादा हुआ था, जबकि सिद्धारमैया गुट इस बात को मानने से इनकार करता है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस में 1 दिसंबर तक सत्ता परिवर्तन को लेकर फैसला हो सकता है।
वादा निभाओ, यही असली ताकत : शिवकुमार
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, शिवकुमार ने कहा, एक कहावत है कि शब्द की ताकत ही दुनिया की ताकत है, यानी हमारे लिए अपना वादा निभाना दुनिया की सबसे बड़ी शक्तियों में से एक है। चाहे वह जज हों, भारत के राष्ट्रपति हों, मैं, आप या आपके घर का कोई भी व्यक्ति, यही सबसे बड़ी शक्ति है और हमें इसका सम्मान करना चाहिए। इसके बाद शिवकुमार ने कुर्सी वाली टिप्पणी की. अपने आस-पास खड़े समर्थकों से बैठने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा, जो लोग मेरे पीछे खड़े हैं, उन्हें कुर्सी की कीमत नहीं पता. उन्हें जो भी कुर्सियां मिलती हैं, उन पर बैठने के बजाय, वे बेवजह खड़े रहते हैं। इस पर वहां मौजूद लोग हंस पड़े।
सभी को साथ लाएंगे : मल्लिकार्जुन खरगे
कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सत्ता संघर्ष को सुलझाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल होंगे, ताकि सामूहिक परामर्श से अंतिम निर्णय लिया जा सके। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने चल रहे सत्ता संघर्ष को सुलझाने के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक बुलाई है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सामूहिक परामर्श के बिना कोई भी निर्णय नहीं लिया जाएगा। खडग़े ने कहा कि अंतिम निर्णय लेने से पहले राहुल गांधी, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार चर्चा में शामिल होंगे। खडग़े ने कहा कि मैं सभी को चर्चा के लिए बुला रहा हूँ और राहुल गांधी भी उस बैठक में मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी वहाँ मौजूद रहेंगे। सभी से चर्चा के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
’गैर-नागरिकों को स्वत: ही मतदान का अधिकार नहीं मिल जाना चाहिए’
सीजेआई ने घुसपैठियों द्वारा आधार कार्ड बनवाने पर चिंता जताई
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। एसआईआर को लेकर पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में बवाल हो रहा है। इस बीच वोटिंग लिस्ट के स्पेशल समरी रिवीजन (एसआईआर) पर सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने घुसपैठियों या गैर-नागरिकों द्वारा लंबे समय तक रहने के कारण आधार कार्ड बनवाने पर चिंता जताई।
मुख्य न्यायाधीश कांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस बात पर ज़ोर दिया कि आधार सामाजिक कल्याण योजनाओं तक पहुंच प्रदान करता है, लेकिन इससे गैर-नागरिकों को स्वत: ही मतदान का अधिकार नहीं मिल जाना चाहिए। बिहार में हुई एसआईआर प्रक्रिया के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मतदाता को पहचान सत्यापन के लिए आधार समेत 13 में से कोई एक दस्तावेज देना होगा। इनमें से एक भी उपलब्ध होने पर एसआईआर की प्रक्रिया पूरी मानी जाएगी। यूपी प्रशासन ने भी पिछले दिनों लोगों का भम्र दूर करने के लिए आधार को एसआईआर के लिए एक वैध दस्तावेज बताया था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आधार को लेकर उठाए जा रहे सवाल, मामले को और जटिल कर सकते हैं।
एआईएडीएमके छोडऩे पर घिरे सेंगोट्टैयन
पार्टी बोली- निजी हित एआईएडीएमके के हितों से बड़े हो गए
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। केए सेंगोट्टैयन के निजी हित एआईएडीएमके के हितों से बड़े हो गए हैं और उन्होंने स्पष्ट रूप से उस पार्टी और चुनाव चिन्ह को त्याग दिया है जिसने उन्हें पहचान दिलाई, पार्टी प्रवक्ता कोवई सत्यन ने गुरुवार को आरोप लगाया। यह आरोप सेंगोट्टैयन के पार्टी प्रमुख विजय की मौजूदगी में तमिला वेत्री कझगम (टीवीके) में शामिल होने के तुरंत बाद लगाया गया।
एआईएडीएमके प्रवक्ता ने एक स्व-निर्मित वीडियो में कहा कि लोग आ सकते हैं और लोग जा सकते हैं, लेकिन पार्टी हमेशा बनी रहती है। सेंगोट्टैयन 234 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक को छोडक़र सभी का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनका प्रतिनिधित्व दो निर्वाचन क्षेत्रों, चुनाव चिन्ह और एआईएडीएमके से उपजा है। उनके निजी हित पार्टी के हितों से बड़े हो गए हैं। उनका निजी हित पार्टी के हित से बड़ा हो गया है, इसलिए उन्होंने दूसरी पार्टी के साथ आगे बढऩे का फैसला किया, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि उन्होंने स्पष्ट रूप से उस पार्टी और चुनाव चिन्ह को त्याग दिया है जिसने उन्हें पहचान दिलाई। उन्होंने कहा कि पहले पार्टी ने उन्हें मान्यता देने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली थी, लेकिन अब यह जिम्मेदारी टीवीके के पास है और इसके लिए वह उन्हें शुभकामनाएं देते हैं। उन्होंने वीडियो में कहा कि कोई भी व्यक्ति पार्टी, उसके प्रतीक या विचारधारा से बड़ा नहीं होता। हमें इससे ज़्यादा नुकसान नहीं होता। अब उन्हें कंधे पर उठाने की बड़ी ज़िम्मेदारी टीवीके पर आ गई है, टीवीके को शुभकामनाएँ। अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता और नौ बार विधायक रहे केए सेंगोट्टैयन गोबिचेट्टीपलायम विधायक पद से इस्तीफ़ा देने के एक दिन बाद गुरुवार को अपने समर्थकों के साथ तमिलगा वेट्री कजग़म (टीवीके) में शामिल हो गए।
सेंगोट्टैयन समर्थकों केसाथ टीवीके में शामिल
इससे पहले, सेंगोट्टैयन समर्थक अपने नेता का पार्टी में स्वागत करने के लिए टीवीके कार्यालय के बाहर जमा हुए। टीवीके महासचिव एन आनंद ने गोबिचेट्टीपलायम से आए समर्थकों का स्वागत किया। सेंगोट्टैयन का इरोड जिले में दबदबा है, वे अपने गृह क्षेत्र से लगभग नौ बार निर्वाचित हुए हैं। 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों में अब केवल 7 महीने ही बचे हैं, ऐसे में उनके टीवीके में शामिल होने से इरोड में टीवीके के पक्ष में माहौल बन सकता है। बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने टीवीके प्रमुख विजय से भी मुलाकात की।
मऊ में 6 महीने के अंदर होगा उपचुनाव
विधानसभा सचिवालय ने जारी किया आदेश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जल्द ही एक बार फिर से उपचुनाव होने जा रहे हैं। विधानसभा सचिवालय की ओर से मऊ की घोसी विधानसभा सीट रिक्त घोषित कर दी गई है। समाजवादी पार्टी के विधायक सुधाकर सिंह के निधन के बाद ये सीट खाली हुई हैं। जिसके बाद अब जल्द ही इस सीट पर उपचुनाव कराएं जाएंगे।
विधानसभा सचिवालय की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसे लेकर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा के सदस्य, डीएम मऊ और मुख्य निर्वाचन अधिकारी समेत सभी संबंधित विभागों को इसकी जानकारी दे दी गई है. ऐसे में अब छह महीने के भीतर इस सीट पर उपचुनाव कराए जाएंगे। मऊ की घोसी विधानसभा सीट काफी चर्चित रही है। 2022 के बाद दूसरी बार इस सीट पर अब उपचुनाव कराए जाएंगे। इस सीट पर 2022 में भारतीय जनता पार्टी से समाजवादी पार्टी में शामिल हुए दारा सिंह चौहान को जीत मिली थी. लेकिन, चुनाव के एक साल के भीतर ही उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे और फिर से बीजेपी में शामिल हो गए थे।
सपा विधायक के निधन से खाली हुई सीट
घोसी विधानसभा सीट से क्षेत्रीय सपा विधायक सुधाकर सिंह का पिछले हफ्ते 20 नवंबर को बीमारी के चलते निधन हो गया था। नियमों के मुताबिक अगर किसी जन प्रतिनिधि की अचानक मृत्यु होने, अयोग्य ठहराए जाने या इस्तीफा देने के बाद कोई सीट खाली हो जाती है तो उस पर छह महीने के भीतर उपचुनाव कराए जाते हैं।
बीजेपी को हराकर विधायक बने थे सुधाकर सिंह
दारा सिंह के इस्तीफे के बाद घोसी सीट पर 2023 में बीजेपी ने फिर से दारा सिंह चौहान को टिकट दिया जबकि समाजवादी पार्टी ने सुधाकर सिंह को टिकट दिया था। इस चुनाव में बीजेपी और सपा के बीच आमने-सामने की टक्कर सुधाकर सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी को 50 हज़ार वोटों से हरा दिया था। सुधाकर सिंह की ये जीत खासी सुर्खियों में रही थी। लेकिन ढाई साल बाद अब ये सीट एक बार फिर से खाली हो गई हैं ऐसे में 2027 से पहले घोसी में एक बार फिर से बीजेपी और सपा के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा।
आपत्तिजनक कंटेंट पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट
सोशल मीडिया, ओटीटी कंटेंट पर सरकार से 4 हफ्तों में मांगा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक कंटेंट पर चार हफ्ते में जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अनचाहा अश्लील कंटेंट उपयोगकर्ता को बिना अनुमति देखना पड़ता है, जो चिंता का विषय हैन्यायमूर्ति जयमाला बागची ने कहा कि ऐसे कंटेंट के लिए स्पष्ट चेतावनी देना आवश्यक है।
सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेफॉर्म पर काफी संख्या में आपत्तिजनक कंटेंट मौजूद है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से 4 हफ्तों में जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जैसे ही आप फ़ोन चालू करते हैं और कुछ ऐसा आ जाता है जो आप नहीं चाहते या आप पर थोपा जाता है, तो क्या? अश्लीलता किताबों, पेंटिंग आदि में हो सकती है. अगर नीलामी होती है, तो प्रतिबंध भी हो सकते हैं. न्यायमूर्ति जयमाला बागची ने कहा कि ऐसे लोगों के लिए चेतावनी होनी चाहिए जो ऐसा कंटेंट से चौंक सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा, देखिए, मुद्दा यह है कि अस्वीकरण दिया जाता है और शो शुरू हो जाता है. लेकिन जब तक आप इसे न देखने का फैसला करते हैं, तब तक यह शुरू हो जाता है। <
चेतावनी कुछ सेकंड के लिए हो सकती है, फिर शायद आपका आधार कार्ड वगैरह मांगा जाए, ताकि देखने वाले की उम्र पता लग सकेऔर फिर कार्यक्रम शुरू हो। जस्टिस बागची ने कहा, इसको लेकर एक चेतावनी होनी चाहिए, अगर ऐसा कुछ अनचाहा कंटेंट किसी यूजर को चौंकाता है। ये सिर्फ 18 साल से अधिक उम्र जैसा नहीं, बल्कि ये कहना कि ऐसा कंटेंट आम उपभोग के लिए नहीं है।



