CM Mamata Banerjee की चुनौती से बौखलाहट में क्यों है BJP और चुनाव आयोग?

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की आधिकारिक घोषणा होने में भले ही अभी लगभग चार महीने का समय बाकी हो... लेकिन राज्य का सियासी पारा अभी से उफान पर है...जहां वोटर लिस्ट बनने से पहले ही शुरू हुआ ये सियासी संग्राम...जो पहले SIR से शुरू हुआ था

4पीएम न्यूज नेटवर्क: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की आधिकारिक घोषणा होने में भले ही अभी लगभग चार महीने का समय बाकी हो… लेकिन राज्य का सियासी पारा अभी से उफान पर है…जहां वोटर लिस्ट बनने से पहले ही शुरू हुआ ये सियासी संग्राम…जो पहले SIR से शुरू हुआ था…वो अब नागरिकता के मुद्दे तक पहुंच चुका है…जिसे देखते हुए सीएम ममता बनर्जी ने इस बार पहले से ही मोर्चा संभाल लिया है… और उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार को खुली चुनौती दे दी है… ममता बनर्जी ने तल्ख लहजे में कहा है कि आज आप सत्ता में हैं लेकिन कल नहीं रहेंगे… देश का लोकतंत्र रहेगा लेकिन आप यहां नहीं रहेंगे…

सीएम ममता बनर्जी की ये चुनौती सिर्फ बीजेपी के लिए नहीं है… बल्कि इसमें चुनाव आयोग भी उनके निशाने पर आ गया है… ये दिखाता है कि सीएम ममता इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं…एक ओर जहां बीजेपी किसी भी कीमत पर इस बार बंगाल को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहती है…लेकिन वहीं दूसरी ओर सीएम ममता बनर्जी ने बीजेपी की रणनीति को ही पलट दिया है… ममता बनर्जी बीजेपी के ही हथियार को अब उनके खिलाफ इस्तेमाल कर रही हैं…और ये हथियार है SIR प्रक्रिया… चुनाव आयोग पर आरोप लग रहे हैं कि SIR का इस्तेमाल करके चुनाव आयोग BJP को फायदा पहुंचा रहा है…..

आपको बता दें कि बिहार चुनाव में भी ऐसे ही आरोप लगे थे… लेकिन बंगाल में सीएम ममता ने एक नई चाल चली है… उन्होंने SIR प्रक्रिया का इस्तेमाल बीजेपी के कोर वोटर को काटने के लिए शुरू कर दिया है… खासकर मतुआ समुदाय को लेकर सीएम ममता बेहद आक्रामक हैं… उन्होंने मतुआ बहुल क्षेत्र बोनगांव में रैली की… और मतुआ वोटर्स को CAA से सावधान करते हुए बीजेपी पर आरोप लगाया कि…..उससे जुड़े संगठन नागरिकता के नाम पर फर्जी सर्टिफिकेट बांट रहे हैं…

जिनमें लोगों को परोक्ष रूप से बांग्लादेशी बताया जा रहा है….उन्होंने कहा कि CAA के तहत अगर कोई खुद को बांग्लादेशी बताकर आवेदन करता है….तो उसे तुरंत वोटर लिस्ट से हटा दिया जाएगा और ये एक बड़ा धोखा है……उनका आरोप है कि SIR का असली उद्देश्य मतुआ और बंगालीभाषी मतदाताओं को डराना है…उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि अगर 2024 में जिन लोगों ने वोट डाला वही अवैध हैं….तो फिर केंद्र सरकार की वैधता कैसे तय होती है?…..

बता दें कि सीएम ममता की ये चेतावनी सीधेतौर पर हमला है…..बीजेपी की उस नागरिकता देने की आश्वासन वाली राजनीति पर…जिसने 2021 चुनाव में मतुआ समुदाय को बीजेपी के पाले में धकेल दिया था…सीएम ममता इस समुदाय को बीजेपी से छीनना चाहती हैं… और इसीलिए बीजेपी खेमे में खलबली मची हुई है……………वहीं संविधान दिवस के मौके पर सीएम ममता बनर्जी का केंद्र सरकार पर हमला…

उनके आक्रामक तेवर को और साफ करता है… उन्होंने सीधे मौजूदा सिस्टम पर बड़ा हमला बोला… और कहा कि आज देश में लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता खतरे में है… और संघीय ढांचा कमजोर किया जा रहा है… ये सिर्फ बंगाल की बात नहीं है… बल्कि ये इंडिया गठबंधन के दूसरे घटक दलों की आवाज को बुलंद करता है… सीएम ममता ने जय हिंद, वंदे मातरम और जय बांग्ला जैसे नारों का भी जिक्र किया… उन्होंने कहा कि ये हमारे आजादी के स्लोगन हैं… और जो टकराएगा चूर-चूर हो जाएगा… की चेतावनी दी…

ये बयान साफ संदेश देते हैं कि सीएम ममता अब सिर्फ क्षेत्रीय नेता नहीं… बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर लोकतंत्र की रक्षा करने वाले विपक्ष के एक मजबूत स्तंभ के तौर पर खुद को पेश कर रही हैं… उनका निशाना सीधे केंद्र सरकार पर है… क्योंकि उनके बयानों में बार-बार केंद्र सरकार और मौजूदा सिस्टम की बात हो रही है………….यानी सीएम ममता बनर्जी के निशाने पर अब अकेले बीजेपी नहीं है…….बल्कि उन्होंने चुनाव आयोग को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है… वो वही आरोप लगा रही हैं जो पूरा विपक्ष लगा रहा है… कि चुनाव आयोग अब निष्पक्ष नहीं रहा……..यह बीजेपी आयोग बन गया है….उन्होंने कहा कि अगर उन्हें बंगाल में चुनौती दी गई, तो वे पूरे देश में बीजेपी की नींव हिला देंगी….

अपने इस बयान से सीएम ममता खुलकर चुनाव आयोग के खिलाफ बिगुल फूंक रही हैं…ये ललकार सिर्फ बंगाल चुनाव तक सीमित नहीं है… बल्कि ये पूरे देश के विपक्ष की आवाज को बुलंद कर रही है…बता दें कि विपक्ष 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में… राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव आयोग को घेरने की पूरी तैयारी कर चुका है… ऐसे में सीएम ममता की ये मुखरता विपक्ष की एकजुटता को और मजबूती दे रही है… जहां सीएम ममता बनर्जी ने लगातार दो चिट्ठी लिखकर चुनाव आयोग को घेरने की कोशिश की…

जिसका असर ये हुआ कि आयोग बैकफुट पर आया… और TMC नेताओं को मिलने का समय दिया… TMC ने ये मांग भी रखी कि ये मुलाकात बंद कमरे में नहीं… बल्कि सार्वजनिक होनी चाहिए… ये कदम चुनाव आयोग पर पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने का दबाव बनाता है… बीजेपी और चुनाव आयोग को सता रहा डर यही है… कि अगर ममता बनर्जी अकेले 2021 में सत्ता में वापसी कर सकती हैं… तो इस बार जब पूरा विपक्ष चुनाव आयोग के मुद्दे पर एकजुट होगा… तो सीएम ममता की सत्ता में वापसी की राह और आसान हो जाएगी…

ममता बनर्जी के आक्रामक तेवर और बयानों से बीजेपी खेमे में साफ तौर पर बौखलाहट दिखाई दे रही है… सबसे बड़ी बेचैनी उनके उस बयान से हुई… जिसमें उन्होंने बीजेपी की नींव हिलाने की बात कही थी… ममता ने कहा था कि अगर भाजपा बंगाल में मुझे चोट पहुंचाने की कोशिश करेगी… तो मैं पूरे भारत में उसकी नींव हिला दूंगी…

इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने ममता पर हमला करना शुरू कर दिया…उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ममता बनर्जी के बयान पर पलटवार करते हुए दावा कि….अब पश्चिम बंगाल में भी भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार बनेगी….वो अब डरी हुई हैं….ममता बनर्जी अब पश्चिम बंगाल को नहीं बचा पाएंगी……वहां पर भी कमल खिलने जा रहा है….ये उनकी घबराहट का नतीजा है…

हालांकि, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का ये बयान बीजेपी की असुरक्षा को दिखाती है…….खासकर मतुआ समुदाय को लेकर… क्योंकि बीजेपी को डर है कि ममता मतुआ वोट बैंक को वापस खींच रही हैं…गौरतलब है कि 2021 विधानसभा चुनाव में मतुआ समुदाय ही वो मुख्य वजह था… जिसके चलते बीजेपी बंगाल में मुख्य विपक्ष की भूमिका में आ सकी थी… अब सीएम ममता उसी समुदाय को नागरिकता और SIR के डर से… बीजेपी से दूर कर रही हैं… बीजेपी के लिए ये बड़ा झटका है… और इसीलिए वो ममता के बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है… और व्यक्तिगत हमले कर रही है…

जोकि साफ संकेत दे रहा है कि सीएम ममता सिर्फ बंगाल की ही बात नहीं कर रही हैं… बल्कि पूरे देश में बीजेपी को कमजोर करने की बात कर रही हैं… उनके निशाने पर अब सिर्फ बंगाल बीजेपी नहीं… बल्कि सीधे केंद्र सरकार दिख रही है… सीएम ममता बनर्जी के तेवर और उनकी चुनावी तैयारी… बीजेपी और चुनाव आयोग दोनों की नींद उड़ा रही है..

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