दुबई के नए कानून पर सख्ती बढ़ी, रिपोर्ट देर से करने पर होगी भारी कार्रवाई!
दुबई के नए नियमों के बारे में बात करें तो सबसे पहले समझना जरूरी है कि यह बदलाव हाल ही में आया है। नवंबर 2025 में दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने एक नया कानून जारी किया है, जो खोई हुई या छोड़ी गई संपत्ति को संभालने के लिए है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: नमस्कार दोस्तों 4PM मिडिल ईस्ट में आपका इस्तकबाल है। 4PM के इस चैनल पर हम आपके लिए लेकर आते हैं खाड़ी देशों से जुड़ी जरूरी जानकारी और रोचक कहानियां। साथ ही यहां हम दुनिया तमाम बड़ी खबरों को आपके समाने पेश करते हैं।
इसी कड़ी में UAE से जुडी एक ऐसी खबर के बारे में आज हम आपसे बात करने जा रहे हैं जिसकी दुनियांभर में खूब चर्चा हो रही है। दोस्तों आपको बता दें कि अब दुबई में खोई हुई या परित्यक्त संपत्ति से निपटने का नया कानून आया है और अब पूरी प्रक्रिया दुबई पुलिस संभालेगी। इसमें हर चीज़ का रिकॉर्ड रखा जाएगा और रिपोर्टें एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के जरिए आनी और दर्ज की जानी हैं। जो लोग इस कानून का पालन नहीं करेंगे उन्हें जुर्माना दिया जा सकता है और साल के भीतर फिर से गलती होने पर यह जुर्माना दोगुना होकर लाखों तक हो सकता है। तो चलिए दोस्तों बात करते हैं दुबई के इस नए नियम के बारे में।
दुबई के नए नियमों के बारे में बात करें तो सबसे पहले समझना जरूरी है कि यह बदलाव हाल ही में आया है। नवंबर 2025 में दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने एक नया कानून जारी किया है, जो खोई हुई या छोड़ी गई संपत्ति को संभालने के लिए है। पुराने कानून को बदलते हुए यह नया नियम दुबई पुलिस को पूरी जिम्मेदारी देता है। इसका मतलब है कि अगर आपको कहीं कोई चीज मिल जाए, जैसे कोई जेब में पैसे भरा पर्स, एक घड़ी, मोबाइल फोन या कोई कीमती सामान, तो अब आपको बहुत जल्दी कार्रवाई करनी होगी। पहले शायद लोग सोचते थे कि चीज मिल गई तो रख लो या किसी को दे दो, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा।
कानून कहता है कि मिलने के 24 घंटे के अंदर आपको दुबई पुलिस के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में रिपोर्ट करनी होगी। यानी ऑनलाइन रजिस्टर करना पड़ेगा। फिर 48 घंटे के अंदर उस सामान को दुबई पुलिस को सौंपना अनिवार्य है। अगर आप ऐसा नहीं करते, तो जुर्माना लग सकता है, जो 500 दिरहम से शुरू होकर 1 लाख दिरहम तक जा सकता है। यह रकम बहुत बड़ी है, लगभग 22 हजार डॉलर के करीब। और अगर आप दोबारा ऐसा गलती करेंगे, तो जुर्माना दोगुना हो जाएगा, यानी 2 लाख दिरहम तक।
यह नियम दुबई को और ज्यादा सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए लाया गया है, क्योंकि दुबई एक बड़ा शहर है जहां हर रोज लाखों लोग आते-जाते हैं।अब इस कानून की जरूरत क्यों पड़ी, यह समझना महत्वपूर्ण है। दुबई जैसे तेजी से बढ़ते शहर में हर साल हजारों चीजें खो जाती हैं। होटलों, मॉल्स, एयरपोर्ट, सड़कों पर लोग अपना सामान भूल जाते हैं। पुराने सिस्टम में यह जिम्मेदारी अलग-अलग जगहों पर बंटी हुई थी, जैसे होटल वाले या मॉल के स्टाफ खुद संभालते थे। लेकिन अब सब कुछ दुबई पुलिस के हाथ में है।
इसका फायदा यह है कि खोया हुआ सामान जल्दी मालिक तक पहुंच सकता है। कल्पना कीजिए, आपका पासपोर्ट खो गया हो या कोई महंगी घड़ी, तो अगर कोई ईमानदार व्यक्ति मिला और सही तरीके से रिपोर्ट करे, तो आपका सामान वापस मिल सकता है। कानून में यह भी कहा गया है कि अगर मालिक तीन साल के अंदर दावा कर ले, तो सामान या उसकी कीमत वापस मिलेगी। इससे लोग ज्यादा जिम्मेदार बनेंगे। दुबई सरकार का मानना है कि यह नियम अपराधों को भी कम करेगा, क्योंकि लोग चोरी का बहाना नहीं बना सकेंगे।
अगर कोई चीज मिली और आपने रिपोर्ट नहीं की, तो शक आप पर ही जाएगा। यह बदलाव दुबई को एक स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में एक कदम है, जहां टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हर जगह हो रहा है।इस नए नियम के तहत मिली हुई संपत्ति क्या-क्या हो सकती है, इसकी परिभाषा साफ है। कानून कहता है कि यह कोई भी चल संपत्ति हो सकती है जिसकी कीमत हो और जो कानूनी रूप से किसी की हो। जैसे पैसे, गहने, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, कपड़े, बैग या कोई दस्तावेज। लेकिन ध्यान दें, अगर यह सार्वजनिक जगह पर फेंकी गई कोई बेकार चीज हो, तो शायद लागू न हो।
खोई हुई चीज वह है जो मालिक अनजाने में खो दे, जबकि छोड़ी गई वह जो जानबूझकर छोड़ दी गई हो। उदाहरण के लिए, अगर कोई पार्क में अपना पुराना फोन छोड़ दे, तो वह छोड़ी गई संपत्ति मानी जाएगी। लेकिन अगर ट्रेन में जेबकतरा हो जाए, तो खोई हुई। जो व्यक्ति चीज मिले, वह सरकारी कर्मचारी न हो जो ड्यूटी पर हो, क्योंकि उनके लिए अलग नियम हैं।
मिलने वाले को रिपोर्ट करते समय सारी डिटेल्स देनी होंगी, जैसे चीज क्या है, कहां मिली, उसकी हालत कैसी है। दुबई पुलिस एक रसीद देगी, जिसमें सब कुछ लिखा होगा। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी। अगर कोई संस्था जैसे होटल या कंपनी को चीज मिले, तो उन्हें भी 24 घंटे में रिपोर्ट और 48 घंटे में सौंपना होगा। सबको इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में रजिस्टर करना पड़ेगा।अब बात करते हैं रिपोर्ट कैसे करें। दुबई पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम बना रखा है, जो बहुत आसान है। आप दुबई पुलिस की वेबसाइट या ऐप पर जाकर लॉगिन करें। वहां ‘लॉस्ट एंड फाउंड’ सेक्शन होगा। आपको अपनी डिटेल्स भरनी होंगी, जैसे नाम, संपर्क नंबर, चीज का विवरण, मिलने की जगह और समय। फोटो अपलोड कर सकते हैं अगर संभव हो।
24 घंटे के अंदर यह करना जरूरी है। फिर 48 घंटे के अंदर नजदीकी पुलिस स्टेशन पर जाकर चीज सौंपनी होगी। अगर आप टूरिस्ट हैं, तो भी यही नियम लागू होता है। दुबई पुलिस 24/7 सर्विस देती है, तो रात में भी रिपोर्ट कर सकते हैं। अगर आप विदेशी हैं, तो अपना पासपोर्ट नंबर या वीजा डिटेल्स दें। सिस्टम में सब कुछ रिकॉर्ड हो जाएगा, और ट्रैकिंग आईडी मिलेगी। इससे मालिक आसानी से सर्च कर सकेगा। दुबई पुलिस का कहना है कि यह सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बना है, जो चीजों को कैटेगरी में रखेगा। जैसे कीमती जेवर अलग, दस्तावेज अलग। इससे तेजी से मैचिंग होगी।
वहीं जुर्माने की बात करें तो यह बहुत सख्त है। पहली बार उल्लंघन पर 500 दिरहम से 1 लाख दिरहम तक का फाइन। यह राशि चीज की वैल्यू और देरी के आधार पर तय होगी। अगर आपने चीज रख ली और बेच दी, तो और सजा हो सकती है। दोबारा एक साल के अंदर गलती करने पर फाइन दोगुना, यानी 2 लाख तक। पुलिस पहले चेतावनी दे सकती है और सुधार का समय देगी, लेकिन अगर न माने, तो कोर्ट में केस। जुर्माना ऑनलाइन पेमेंट से भरना होगा। यह पैसा दुबई की सुरक्षा व्यवस्था में लगेगा। कानून में कहा गया है कि अगर कोई चीज को बिना रिपोर्ट के किसी और को दे दे, तो मालिक उससे वसूल सकता है।
अगर विवाद हो, तो कोर्ट फैसला करेगा। इससे लोग ईमानदारी अपनाएंगे। दुबई में पहले से ही कम अपराध दर है, लेकिन यह नियम इसे और कम करेगा।अब अच्छी खबर यह है कि अगर आपने सही तरीके से रिपोर्ट की, तो इनाम मिल सकता है। दुबई पुलिस कमांडर-इन-चीफ फैसला करेगा। आपको एक सर्टिफिकेट ऑफ अप्रीशिएशन मिल सकता है, या चीज की वैल्यू का 10 प्रतिशत, लेकिन अधिकतम 50 हजार दिरहम तक। यह इनाम तब मिलेगा जब चीज बिक जाए या निपटान हो जाए।
अगर मालिक न मिले, तो एक साल बाद फाइंडर खुद रख सकता है, लेकिन पुलिस की शर्तों पर। यह प्रोत्साहन लोगों को जागरूक बनाएगा। उदाहरण के लिए, अगर कोई 5 लाख की घड़ी मिली और आपने रिपोर्ट की, तो 50 हजार तक इनाम। इससे समाज में अच्छे काम को बढ़ावा मिलेगा। दुबई सरकार ऐसे लोगों को सम्मानित भी करती है।पुराने कानून की तुलना करें तो 2015 का नियम था, लेकिन अब यह ज्यादा सख्त और डिजिटल है। पहले समय सीमा नहीं थी, अब 24-48 घंटे। जुर्माना भी कम था।
यह बदलाव दुबई की विजन 2030 से जुड़ा है, जहां स्मार्ट गवर्नेंस पर जोर है। दुबई पुलिस ने कैंपेन शुरू किया है, जिसमें सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाई जा रही है। अरबी, अंग्रेजी और हिंदी में मैसेज आ रहे हैं। भारतीय समुदाय के लिए खास अपील की गई है, क्योंकि दुबई में लाखों भारतीय रहते हैं। अगर आप टैक्सी ड्राइवर हैं, तो पैसेंजर का सामान मिलना आम है। अब रिपोर्ट करना जरूरी।
इस नियम के फायदों की बात करें तो खोया सामान जल्दी लौटेगा। दुबई एयरपोर्ट पर हर साल लाखों चीजें मिलती हैं। अब सिस्टम से ट्रैकिंग आसान। साथ ही अपराध कम होंगे। लोग चोरी का डर छोड़ेंगे। तीसरा, पर्यटकों का भरोसा बढ़ेगा। दुबई टूरिज्म पर निर्भर है, तो सुरक्षित इमेज जरूरी। लेकिन चुनौतियां भी हैं। कुछ लोग भूल सकते हैं, खासकर टूरिस्ट। इसलिए जागरूकता जरूरी। दुबई पुलिस हेल्पलाइन 999 पर कॉल कर सलाह ले सकते हैं। दुबई में रहने वाले भारतीयों के लिए यह खास है। हमारी संस्कृति में मिला हुआ लौटाना पुण्य है, लेकिन अब कानून भी है। कंसलेट जनरल ने भी मैसेज जारी किया।
अगर आपका सामान खो गया, तो दुबई पुलिस वेबसाइट पर सर्च करें। आईडी नंबर से ट्रैक। तीन साल तक क्लेम करें। अगर बिक गया, तो वैल्यू लें।यह नियम न सिर्फ दुबई, बल्कि पूरे यूएई को प्रभावित करेगा। अबू धाबी और शारजाह भी ऐसे ही अपनाएंगे। सरकार का लक्ष्य जीरो लॉस है। टेक्नोलॉजी से सब आसान। ब्लॉकचेन से रिकॉर्ड सुरक्षित।अंत में, यह बदलाव सकारात्मक है। ईमानदारी को बढ़ावा देगा। लेकिन जागरूक रहें। अगर कोई शक हो, तो पुलिस से संपर्क करें। दुबई सुरक्षित शहर बनेगा।



