Congress की एकजुटता ने Karnataka में BJP के ‘ऑपरेशन लोटस’ को किया फेल!

बीजेपी की एक बड़ी राजनीतिक चाल नाकाम हो गई है...कांग्रेस ने वो काम कर दिखाया है...जिसकी उम्मीद शायद बीजेपी को बिल्कुल नहीं थी.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बीजेपी की एक बड़ी राजनीतिक चाल नाकाम हो गई है…कांग्रेस ने वो काम कर दिखाया है…जिसकी उम्मीद शायद बीजेपी को बिल्कुल नहीं थी…ये कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस ने बीजेपी के पूरे प्लान को उलट दिया है और उसकी राजनीतिक जमीन खिसका दी है…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस बात का दावा कर चुके थे कि कांग्रेस में टूट तय है…उन्होंने कोई हवा में तीर नहीं चलाया था…बल्कि ये वही बयान था जिसके पीछे बीजेपी की राजनीति और रणनीति पूरी तरह सक्रिय थी…लेकिन आखिर में हुआ उल्टा….कांग्रेस ने बीजेपी की हर चाल को पहचान लिया और उसे औंधे मुंह गिरा दिया…

दरअसल, ये कहानी है एक बड़ी सियासी साजिश की……जिसे बीजेपी ने रचा था…लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उसे धूल चटा दी है… ये कहना गलत नहीं होगा कि बीजेपी, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावों के विपरीत, कर्नाटक में औंधे मुंह गिर पड़ी है…पीएम मोदी ने बिहार में प्रचंड जीत के बाद सार्वजनिक रूप से कांग्रेस में विभाजन की भविष्यवाणी की थी…..जिसमें उन्होंने कहा था कि…हो सकता है कि कांग्रेस टूट जाए… जो दिखाता है कि ये बात केवल हवा में नहीं थी….बल्कि इसके पीछे एक सुनियोजित प्रयास था…

बीजेपी की रणनीति साफ थी….कांग्रेस को हर हाल में कमजोर करना… क्योंकि 2029 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को सबसे बड़ी चुनौती राहुल गांधी और कांग्रेस की बढ़ती शक्ति से ही दिखाई दे रही है… इसलिए, कर्नाटक की मजबूत बहुमत वाली कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिशें लगातार रची जा रही थीं… यहां तक कि प्रधानमंत्री खुद भी कांग्रेस में टूट की बातों को बल दे रहे थे…

बीजेपी के शीर्ष नेताओं को उम्मीद थी कि कर्नाटक कांग्रेस के भीतर मतभेद की जो खबरें मीडिया में उछाली जा रही थीं….वो कम से कम कांग्रेस के अंदर एक डर का माहौल पैदा कर देंगी…ये एक रणनीतिक खेल था…..ताकि अंदरूनी कलह पैदा हो और विधायक पाला बदलें… लेकिन कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं ने बीजेपी के इस पूरे खेल को पलट दिया… ये कांग्रेस के आगे बीजेपी की एक बड़ी और शर्मनाक हार है…

बता दें कर्नाटक में बीजेपी ने खुद कभी पूर्ण बहुमत हासिल नहीं किया… वो हमेशा जोड़तोड़ के सहारे ही सत्ता तक पहुंची है… लेकिन अब वो कांग्रेस की उस सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है…जिसके पास 224 विधानसभा सीटों में से लगभग 140 विधायकों का मजबूत समर्थन है… ये कोशिश तब शुरू हुई……जब कांग्रेस 2023 में बीजेपी को करारी मात देकर सत्ता में आई थी……….कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने इस साजिश का पर्दाफाश खुद ही किया था… उन्होंने सार्वजनिक रूप से बताया था कि कैसे बीजेपी की टीमें कांग्रेस विधायकों को बड़े-बड़े ऑफर देकर उन्हें तोड़ने की कोशिश कर रही हैं…

बिहार चुनाव के बाद जब पीएम मोदी ने कांग्रेस में फिर से टूट होने की बात कही……तो बीजेपी का ये ऑपरेशन लोटस और भी तेज हो गया……बीजेपी ने ये दिखाना करना शुरू कर दिया कि कांग्रेस के लिए कर्नाटक सरकार बचाना मुश्किल हो जाएगा… उनका पूरा ध्यान राज्य की सत्ता को हथियाने पर केंद्रित हो गया था… बीजेपी के नेता यह दावा कर रहे थे कि डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री न बन पाने के कारण नाराज हैं और वे विद्रोह कर सकते हैं…

हालांकि, कांग्रेस हाईकमान ने बीजेपी के इस पूरे प्लान को पटरी से उतारने की एक अचूक रणनीति बनाई… डीके शिवकुमार शुरुआत से ही ये कहते रहे हैं कि हाईकमान जो भी जिम्मेदारी देगा….वो उसे स्वीकार करेंगे……जब मीडिया में शिवकुमार की कथित नाराजगी की खबरें चरम पर थीं…तो कांग्रेस हाईकमान की रणनीति के तहत…..डीके शिवकुमार खुद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मिलने उनके घर पहुंचे… दोनों नेताओं ने साथ में ब्रेकफास्ट किया… इस मुलाकात का उद्देश्य बीजेपी के साजिश भरे माहौल को खत्म करना और जनता के सामने पार्टी की एकजुटता का सच लाना था……जहां ब्रेकफास्ट के बाद, दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की….जिसने कांग्रेस में फूट की बातें कर रहे लोगों को साफ संदेश दे दिया…

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि….हमारे बीच कोई मतभेद नहीं हैं और भविष्य में भी कोई मतभेद नहीं होंगे। हमारा एजेंडा 2028 के चुनाव हैं। स्थानीय निकाय चुनाव महत्वपूर्ण हैं। हमने उन पर चर्चा की। हमने 2028 के चुनावों में कांग्रेस को वापस लाने पर भी चर्चा की। हमने चर्चा की कि हम साथ चलेंगे। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं हैं और भविष्य में भी कोई मतभेद नहीं होंगे।

इसका साथ ही सीएम सिद्धारमैया ने जोर देकर कहा कि हाईकमान का हर फैसला सर्वोपरि होगा… सिद्धारमैया ने बीजेपी और JDS पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया और उनके अविश्वास प्रस्ताव लाने के दावे को बेकार की कोशिश बताया….क्योंकि कांग्रेस के पास 140 विधायकों का बहुमत है………..दोस्तों, सीएम सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार की ये सार्वजनिक एकजुटता क्यों आवश्यक थी……….इसे समझना जरूरी है…….तो आपको बता दें कि….पिछले दिनों कुछ कांग्रेस विधायकों के दिल्ली दौरे की खबर सामने आई थी… मीडिया ने तुरंत ये खबर फैला दी कि ये विधायक डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए हाईकमान पर दबाव बनाने दिल्ली गए हैं…

सीएम सिद्धारमैया ने इस बात को भी खारिज कर दिया… उन्होंने बताया कि मीडिया में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा चल रही है और हो सकता है कि इसी इच्छा के चलते कुछ विधायक हाईकमान से मिलने दिल्ली गए हों… उन्होंने साफ किया कि इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि वो नेतृत्व के खिलाफ हैं….बल्कि वो भी हाईकमान के फैसले को मानने की बात कह रहे हैं… सिद्धारमैया ने इस तरह बीजेपी के हर अफवाह भरे प्लान की बखिया उधेड़ दी…

सिद्धारमैया के बाद, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी उनकी बातों का समर्थन किया… उन्होंने कहा कि…आप सभी के सपोर्ट से हम कांग्रेस सरकार लाए हैं और हम अपने वादे के मुताबिक काम कर रहे हैं। राज्य के लोग अपना पूरा सपोर्ट दे रहे हैं। हमें उनकी इच्छाएं पूरी करनी हैं। हम उस दिशा में काम कर रहे हैं। CM ने जो भी कहा, मैं CM के साथ हूं।

इस बयान से उन्होंने साफ किया कि कोई ग्रुपबाजी नहीं है और वो सीएम के साथ मिलकर काम कर रहे हैं… शिवकुमार ने कहा कि पार्टी हाईकमान का फैसला ही उनका फैसला है, और वो पार्टी के वफादार सिपाही हैं… उन्होंने जोर देकर कहा कि कर्नाटक, देश की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाएगा, और वो 2028 में सरकार को दोहराएंगे…..और 2029 में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में आगे बढ़ेंगे… डीके शिवकुमार ने ये भी बताया कि आज उन्होंने 2028 के लिए रणनीति और विपक्ष से निपटने पर चर्चा की है…………

सीएम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने मिलकर एक साफ संदेश दिया है कि सरकार पूरी मजबूती के साथ काम कर रही है और हाईकमान का फैसला आखिरी फैसला है… ऐसे में बीजेपी की बेचैनी साफ दिखती है…क्योंकि वो लगातार सरकार गिराने की कोशिश कर रही है…प्रधानमंत्री मोदी के बयान के बाद जिस तरह से बीजेपी नेता दिल्ली से कर्नाटक में सक्रिय हो गए थे……….उससे सवाल उठने लगे थे कि क्या बीजेपी यहां भी महाराष्ट्र मॉडल दोहराने की तैयारी कर रही है… लेकिन कांग्रेस ने अपनी एकजुटता से बीजेपी के पूरे प्लान पर पानी फेर दिया…

जोकि बीजेपी के लिए एक बड़ा सबक होगा कि किसी बड़े बहुमत वाली चुनी हुई सरकार के खिलाफ….अब वो गोदी मीडिया के सहारे मनगढ़ंत खबरें प्लांट करने की कोशिश न करे…कांग्रेस ने ये साबित कर दिया कि जब नेतृत्व मजबूत और एकजुट होता है…..तो किसी भी कोशिश को आसानी से नाकाम किया जा सकता है…सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार की पब्लिक यूनिटी ने बीजेपी के हर तीर को हवा में ही बेअसर कर दिया…कर्नाटक की राजनीति में ये कांग्रेस की बड़ी जीत है और बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है…जहां बीजेपी का ऑपरेशन लोटस पूरी तरह से फेल हो गया है….

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