वोटर लिस्ट में फर्जी नाम पकड़े, पोलिंग स्टेशन निकला RSS ऑफिस!

अभी तक आरोप लगता रहा था कि ज्ञानेश कुमार मोदी-शाह के इशारे पर वोट चोरी का खेल खेल रहे हैं। लेकिन अब साफ हो गया है कि इस पूरे गंदे खेल में भारतीय जनता पार्टी के पीछे जिस तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ताकत रहती है,

4पीएम न्यूज नेटवर्क: अभी तक आरोप लगता रहा था कि ज्ञानेश कुमार मोदी-शाह के इशारे पर वोट चोरी का खेल खेल रहे हैं। लेकिन अब साफ हो गया है कि इस पूरे गंदे खेल में भारतीय जनता पार्टी के पीछे जिस तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ताकत रहती है, उसी तरह वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर हो रही धांधली में भी संघ की सीधी और सक्रिय भूमिका है।

इस समय देश के 12 राज्यों में इस वक्त जबरदस्ती और जल्दबाजी में SIR की प्रक्रिया चल रही है। सरकार और चुनाव आयोग का दावा था कि इससे वोटर लिस्ट में पारदर्शिता आएगी, फर्जी और डुप्लीकेट वोटर हटेंगे, नए वोटर जुड़ेंगे। लेकिन कांग्रेस ने इसी SIR प्रक्रिया को हथियार बनाकर पूरे चुनाव आयोग के फर्जीवाड़े की पोल खोल दी है। सबूत इतने पुख्ता हैं कि चुनाव आयोग की नींद उड़ गई है। दरअसल संघ से जुड़े एक दफ्तर में भारी संख्या में डुप्लीकेट वोटर पकड़े गए हैं जिसको देख कर वहां के बीएलओ की भी आंखे फट गई।

अब देखिए एक तरफ जहां चुनाव आयोग का फर्जीवाड़ा सामने आया तो वहीं पड़ोस के राज्य से एक और बीएलओ की मौत की खबर सामने ऐ गई जहां पता चला कि एसआईआर के प्रेशर में एक शिक्षक फांसा के फंदे सो लटक गया। तो कैसे कांग्रेस ने पूरे फर्जीवाड़े को सबके सामने ला दिया है और मृतक शिक्षक की जेब से बरामद सुसाइड नोट पर लिखा मिला है सब बताएंगे आपको इस वीडियो में।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नरेला विधानसभा क्षेत्र में उस वक्त सनसनी फैल गई जब पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह खुद जांच करने पहुंचे। अब देखिए नरेला कोई साधारण क्षेत्र नहीं, यह खुद प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग का गढ़ है। दिग्विजय सिंह जिस मतदान केंद्र क्रमांक 189 पर पहुंचे, वहां बाहर बोर्ड लगा था – “ज्योतिबा फुले शाखा, नवीन नगर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ”। यानी संघ का पूरा ऑफिसियल शाखा कार्यालय! स्थानीय कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला उन्हें मकान नंबर 70 ले गए। वहां मतदाता सूची खोली गई तो जो नजारा सामने आया, उससे हर किसी के होश उड़ गए।

एक छोटे से मकान में असल में सिर्फ 4 लोग रहते हैं, लेकिन वोटर लिस्ट में उसी पते पर 108 नाम दर्ज थे! जी हाँ, 108 डुप्लीकेट और फर्जी वोटर! जब दिग्विजय सिंह अंदर गए तो वहां संघ के मुख्य शिक्षक गौतम आर्य मौजूद थे। उनसे लिस्ट में लिखे नामों के बारे में पूछा गया तो वे कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। साफ था – संघ का दफ्तर ही भाजपा के लिए डुप्लीकेट वोटर तैयार करने का फैक्ट्री बन चुका था। यही नहीं, इसी शाखा से भाजपा का चुनावी अभियान भी चलाया जाता है।दिग्विजय सिंह ने दूसरे बूथ पर BLO प्रतिभा भीलवारे से भी सवाल किए। लापता और फर्जी नामों की जानकारी मांगी तो BLO ने गोल-मोल जवाब दिए। साफ दिख रहा था कि BLO पर ऊपर से दबाव है कि कुछ भी बोलना नहीं है। आप इसकी पूरी वीडियो देखिए जिससे आपको समझ आ जाएगा कि पूरा माजरा क्या है।

अब देखिए जैसे हीये फर्जीवाड़ा सामने आया तो कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इसको लेकर चुनाव आयोग और भाजपा को घेरना शुरू कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि पूरे मध्य प्रदेश में इसी तरह हजारों फर्जी वोटर डाले जा रहे हैं और इसके पीछे भाजपा-संघ का गठजोड़ है।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। एक तरफ चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर वोटर लिस्ट से विपक्षी इलाकों के वोटर काट रहे हैं, दूसरी तरफ BLO पर इतना खौफनाक दबाव डाला जा रहा है कि वे जान दे रहे हैं।पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से रोंगटे खड़े कर देने वाली खबर आई कि मुरादाबाद में BLO का काम कर रहे 45 साल के शिक्षक सर्वेश सिंह ने रविवार सुबह अपने घर में फांसी लगा ली।

उनकी जेब से सुसाइड नोट बरामद हुआ जिसमें साफ लिखा था कि SIR का टार्गेट पूरा करने का भयानक टेंशन और अधिकारियों का लगातार दबाव बर्दाश्त नहीं हुआ। यूपी में SIR शुरू होने के बाद अब तक 7 BLO की मौत हो चुकी है, जिनमें 3 ने आत्महत्या की है। मध्य प्रदेश में भी कई BLO बीमार पड़ चुके हैं, मानसिक तनाव से ग्रस्त हैं।

अह देखिए ये कोई इत्तेफाक नहीं है। ये एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है जिसमें BLO को धमकाया जा रहा है कि टार्गेट पूरा करो वरना नौकरी जाएगी, ट्रांसफर हो जाएगा, FIR होगी। और टार्गेट क्या है? विपक्षी बहुल इलाकों से असली वोटरों के नाम काटो और भाजपा-संघ के अड्डों पर सैकड़ों फर्जी वोटर डालो। वहीं कांग्रेस ने अब यह साबित कर दिया है कि SIR का असली मकसद पारदर्शिता नहीं, बल्कि भाजरा के लिए वोट चोरी की जमीन तैयार करना है। संघ के कार्यालय अब वोट चोरी के फैक्ट्री बन चुके हैं।

एक छोटा सा कमरा, 4 असली रहवासी, लेकिन 108 वोटर! यह सिर्फ भोपाल की नहीं, पूरे देश के 12 राज्यों की हकीकत है। आज देश की चुनावी व्यवस्था पर भाजपा-संघ-चुनाव आयोग की तिकड़ी ने कब्जा जमा लिया है। अगर अभी नहीं चेते, अगर सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया, अगर SIR को पूरे देश में स्थगित नहीं किया गया, तो आने वाला चुनाव लोकतंत्र का अंतिम संस्कार बन जाएगा।

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