बिहार में नीतीश के साथ बीजेपी ने किया खेल! गृह विभाग के बाद अब स्पीकर पर कब्जा!

दरअसल सीएम भले ही नीतीश कुमार हों लेकिन बिहार में बड़े भाई का किरदार भाजपा ही निभा रही है। ऐसा हम इस लिए कह रहे हैं क्योंकि भाजपा ने नीतीश के नाक ने नीचे से गृह विभाग तो पहले ही ले रखा था अब स्पीकर भी भाजपा ने खुद का ही चुना है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दोस्तों बिहार विधानसभा चुनाव भले ही NDA ने जीता हो और नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने हों लेकिन नीतीश कुमार का कद बिहार में भाजपा कम करती जा रही है। दरअसल सीएम भले ही नीतीश कुमार हों लेकिन बिहार में बड़े भाई का किरदार भाजपा ही निभा रही है।

ऐसा हम इस लिए कह रहे हैं क्योंकि भाजपा ने नीतीश के नाक ने नीचे से गृह विभाग तो पहले ही ले रखा था अब स्पीकर भी भाजपा ने खुद का ही चुना है। ऐसे में ये खबर चर्चा का विषय बनी हुई है कि आखिर नीतीश कुमार की ऐसी क्या मजबूरी है जिसके तहत भाजपा एक के बाद एक पद उनसे छीनती जा रही है। ऐसे में बिहार की राजनीति में आज का दिन बेहद अहम रहा, क्योंकि विधानसभा के नए स्पीकर के रूप में बीजेपी विधायक प्रेम कुमार को चुना गया है. उन्होंने स्पीकर पद की शपथ ग्रहण की. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव उन्हें स्पीकर के आसन तक लेकर आए.

बता दें, 1 दिसंबर को प्रेम कुमार ने स्पीकर पद के लिए नामांकन दाखिल किया था. खास बात यह रही कि विपक्ष की ओर से किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया. विधानसभा में एनडीए के पास स्पष्ट बहुमत होने के कारण डॉ. प्रेम कुमार का विधानसभा अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा था. नामांकन के आखिरी तय समय तक विपक्ष की ओर से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा गया। डॉ. प्रेम कुमार बिहार बीजेपी के सबसे वरिष्ठ एवं प्रभावशाली नेताओं में गिने जाते हैं. वह गया शहर से लगातार नौ बार विधायक चुने गए हैं.

हालांकि नामांकन के दौरान सत्ता पक्ष की एकजुटता स्पष्ट दिखाई दी और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के अलावा जनता दल-यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के विधायक राजू तिवारी तथा राष्ट्रीय लोक मोर्चा के आनंद माधव सहित राजग के कई मंत्री व विधायक उपस्थित थे. नामांकन प्रक्रिया विधानसभा सचिव के कक्ष में संपन्न हुई थी.

ऐसे में अब प्रेम कुमार का निर्विरोध चुने गए. उनके शपथ लेते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव उन्हें आसन तक लेकर गए. इस मौके पर नीतीश कुमार ने प्रेम कुमार को अध्यक्ष बनने पर बधाई दी. सदन में नीतीश कुमार ने कहा, “बहुत खुशी की बात है कि आज प्रेम कुमार जी को बिहार विधानसभा का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है. मैं पूरे सदन की ओर से उनका अभिनंदन करता हूं. मैं सभी दल के नेताओं और सदस्यों को अध्यक्ष के निर्विरोध निर्वाचन में सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूं.

मैं सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को भी बधाई देता हूं. डॉ. प्रेम कुमार जी मंत्री के रूप में अच्छा काम करते रहे हैं. उनका अनुभव लंबा है.” उन्होंने सदन के सदस्यों से कहा, “मैं तो अनुरोध करूंगा कि खड़ा होकर इनको प्रणाम कर दीजिए… खड़ा हो न भाई…” इसके बाद प्रेम कुमार को सबने प्रणाम किया. प्रेम कुमार ने भी हाथ जोड़ा.

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने प्रेम कुमार से कहा, “आपके साथ सब अनुभव है. विरोध दल के नेता के तौर पर भी आपने काम किया है. पार्टी में भी संगठन की संरचना में आपने लगातार काम किया है. इसलिए मैं बिहारवासियों की तरफ से अध्यक्ष चुने जाने के लिए आपको बधाई देता हूं.” वहीं इस मौके पर सदन में मौजूद उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अनुभव की बड़ी किताब आज इस पवित्र आसन पर बैठा है. पूरा सदन गौरवान्वित है. उन्होंने हृदय से आभार व्यक्त किया. विजय सिन्हा ने प्रेम कुमार से कहा, “सभी की आकांक्षाओं पर ये आसन खरा उतरेगा. इस सदन में खासकर जो नए सदस्य आए हैं वो आपके अनुभव से लाभान्वित होंगे।

अपने प्रथम संबोधन में प्रेम कुमार ने गीता के श्लोक का उल्लेख करते हुए कहा कि जनता ने जिस ऐतिहासिक जनमत से सरकार और जनप्रतिनिधियों पर विश्वास जताया है, उसकी रक्षा करना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सर्वसम्मति से चयनित होना उनके लिए गर्व की बात है, लेकिन इसके साथ ही जिम्मेदारी भी पहले से कहीं अधिक बढ़ जाती है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि वे पूरी निष्पक्षता और मर्यादा के साथ अपनी भूमिका निभाएंगे।

प्रेम कुमार ने कहा कि जनता की सेवा का अवसर मिलना उनके लिए सौभाग्य है। गया जी की धरती और अपने क्षेत्र की जनता के प्रति उन्होंने विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जनता के विश्वास और उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। अध्यक्ष ने सभी सदस्यों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि संसद और विधानसभाएं विचारों के आदान–प्रदान का सर्वोच्च मंच हैं, इसलिए मर्यादा और संवाद की परंपरा को आगे बढ़ाना सभी की जिम्मेदारी है।

अब नेताओं की प्रतिक्रिया भले ही सामने आ रही हो लेकिन भाजपा के इस कदम से जाहिर है कि नीतीश कुमार एंड कंपनी खुश नहीं होगी। ऐसे में बिहार की नई राजनीतिक परिस्थिति में यह विजय बीजेपी के लिए खास मायने रखती है. अब तक महागठबंधन की सरकारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ‘बड़े भाई’ की भूमिका में रहती थी लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में हालात बदल गए. बीजेपी 89 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी, जबकि जेडीयू 85 सीटों के साथ जीतकर आई. इसी वजह से गठबंधन में बीजेपी की भूमिका पहले से कहीं अधिक प्रभावशाली हो गई है और स्पीकर पद मिलने से यह स्थिति और मजबूत हो गई है. नीतीश कुमार अभी भी मुख्यमंत्री हैं, लेकिन सरकार के बाकी प्रमुख पद बीजेपी के पास हैं.

दो डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा हैं. गृह विभाग भी बीजेपी के कब्जे में है और अब विधानसभा स्पीकर भी बीजेपी का होगा. इन महत्वपूर्ण पदों के बीजेपी के खाते में जाने से यह साफ हो गया है कि मौजूदा सरकार में पार्टी निर्णायक स्थिति में है. विधानसभा के संचालन से लेकर सरकार की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने तक, कई अहम पहलुओं पर बीजेपी की पकड़ और मजबूत हो जाएगी. विपक्ष की ओर से उम्मीदवार न उतारने का मतलब यह है कि वे प्रेम कुमार के नाम पर सहमति जता चुके हैं. विधानसभा में आज औपचारिक रूप से उनके निर्विरोध चुन लिया गया. प्रेम कुमार लंबे समय से सक्रिय राजनीतिज्ञ रहे हैं और 9वीं बार विधायक चुने गए हैं. उनकी छवि शांत, संतुलित और अनुभवशील नेता की है.

स्पीकर पद संभालने के बाद बीजेपी न केवल सदन में मजबूत हो गई है बल्कि प्रशासनिक स्तर पर भी उसका प्रभाव बढ़ेगा. यह स्पष्ट हो गया है कि मौजूदा सरकार में बीजेपी ‘बड़ा भाई’ की भूमिका निभा रहा है, जहां सत्ता की चाबी उसके हाथों में अधिक मजबूती से आ गई है. बिहार की राजनीति में यह बदलाव आने वाले दिनों में कई नए समीकरणों को जन्म दे सकता है. और साथ ही नीतीश कुमार को बिहार से झटका लग सकता है। क्योंकि भाजपा ने जहां जहां सहयोगियों का साथ दिया है वहां-वहां अपनों का ही गला घोटा है।

खैर अब देखना ये होगा कि बिहार में कभी बड़े भाई की भूमिका निभा रहे नीतीश कुमार को कैसा लगेगा छोटा भाई बनकर भाजपा के नीचे काम करके साथ ही देखना ये भी होगा कि नीतीश कुमार भाजपा के कितने दिनों तक काम करते हैं। खैर ये तो आने वाला समय ही तय करेगा। लेकिन अभी नीतीश कुमार का बिहार में कद घटने से सियासी पारा हाई हो गया है। और तरह-तरह की अटकलें लगी जा रही है।

Related Articles

Back to top button