SIR और संचार पर बुरा फंसी सरकार, सिर्फ 15 मिनट बात सदन छोड भागे ओम बिरला
एक ओर जहां सुबह से दो बार सदन की कार्रवाई स्थगित हो चुकी है। तो वहीं दूसरी ओर संसद से लेकर मकर दवार तक -वोट चोर, गद्दी छोड़ के नारे लगे हैं। संचार साथी ऐप क्या है, कैसे ये लोगों के फोन में जबरन लोड कराकर निजता भंग की जा रहा है

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दोस्तों, शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन एसआईआर और संचार साथी ऐप पर विपक्षी सांसदों के हल्ला बोल से न सिर्फ सरकार थर्रा उठी है बल्कि देश में एआईआर के अहम मसले और संचार साथी ऐप के जरिए पेगासस जैसे गंभीर आरोप पर चर्चा कराने के बजाए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला सदन की कार्रवाई स्थगित भाग खड़े हो रहे हैं।
आपको बता दें एक ओर जहां सुबह से दो बार सदन की कार्रवाई स्थगित हो चुकी है। तो वहीं दूसरी ओर संसद से लेकर मकर दवार तक -वोट चोर, गद्दी छोड़ के नारे लगे हैं। संचार साथी ऐप क्या है, कैसे ये लोगों के फोन में जबरन लोड कराकर निजता भंग की जा रहा है और इसके विरोध में प्रियंका गांधी ने सदन जाते समय क्या कुछ कहा है, इसको पेगासस जैसे गंभीर विषयों से क्यों जोड़ा रहा है कि ये हम आपको आगे अपनी इस रिपोर्ट में बताएंगे।
दोस्तों, आज संसद के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन है, और पहले दिन जिस तरह से मोदी सरकार ने एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा कराने के मामले को खारिज किया था तभी ये तय हो गया था कि ससंद की शीतकालीन सत्र बहुत ही हंगामाखेज होने वाला है और इसकी आज नजीर देखने को मिली। हालांकि आज संसद में कुछ विदेशों से आए गेस्ट भी मौजूद थे। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन आज ठीक 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू हो गई और संसद के विशिष्ट बॉक्स में जॉर्जिया की संसद के चेयरमैन शाल पपुआ के नेतृत्व में उच्च स्तरीय संसदीय शिष्ट मंडल उपस्थित है, जो भारतीय संसद की कार्यवाही देखने के लिए आया है। आपको बता दें कि सदन में आते ही लोक सभा अध्यक्ष परिचय कराया।
लेकिन सदन की शुरुआत होते ही विपक्ष ने जोरदार हंगामा करना शुरू कर दिया है. सदन में विपक्ष का हंगामा और नारेबाजी जारी है और यह हाल प्रश्नकाल तक चला लेकिन सांसदों के विरोध के बावजूद न तो लोक सभा स्पीकर और सरकार ने एसआईआर पर चर्चा कराने की मांग को मंजूरी नहीं दी। आपको बता दें कि विपक्ष पहले ही नियम 267 के तहत एसआईआर पर चर्चा कराने की मांग कर चुका है और आज भी सदन में इस नियम के तहत मांग कराने की चर्चा विपक्षी संासदों की ओर की गई है। हालांकि कल शाम से चर्चा थी कि संसद में एसआईआर पर चल रहे गतिरोध को खत्म करने की कोशिश केंद्र सरकार कर रही है।
सूत्रों के हवाले से खबरें आई थी कि केंद्र सरकार चुनाव सुधार पर विचार कर सकती है. और गतिरोध खत्म करने के लिए बीच का रास्ता अपनाने का फैसला ले सकती है। संचार साथी एप पर किरन रिजिजू ने कहा कि हम विपक्ष से बात करेंगे. नए मुद्दे ढूंढ कर संसद नहीं चलने देना गलत है। हालांकि आज 11 बजे जब सदन शुरुआत हुई तो इस तरह की किसी भी चर्चा की बात सामने नहीं आई जिसके बाद विपक्षी सांसदों का गुस्सा और ज्यादा बढ़ गया है और प्रशनकाल में ही वो भारी विरोध करने लगे और इसके उलट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सदन की कार्रवाई 12 बजे तक स्थगित कर भाग खड़े हुए।
हालांकि इसके बाद भी विपक्षी सांसदों का प्रदर्शन जारी रहा। ससंद के मकर दवार पर सांसदों ने एसआईआर और वोट चोरी के मामले को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गाध्ंाी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाजुर्न खरगे समेत कांग्रेस के सभी सीनियर लीडर मौजूद रहे और एसआईआर के विरोध में जमकर नारेबाजी की।
हालांकि एसआईआर के विरोध प्रदर्शन के बीच संचार साथी ऐप पर भी जबरदस्त विरोध देखा गया है। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने संचार साथी ऐप पर स्थगन प्रस्ताव दायर किया। निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का एक अभिन्न अंग है. दूरसंचार विभाग का वह नोटिस, जिसमें स्मार्टफोन निर्माताओं और आयातकों को संचार साथी ऐप को इस तरह से प्री-लोड करने का निर्देश दिया गया है कि उसे हटाया न जा सके, इस मौलिक अधिकार का घोर अपमान है. इस तरह का आदेश व्यापक निगरानी को संभव बनाता है और नागरिकों की हर गतिविधि, बातचीत और निर्णय पर बिना किसी पर्याप्त सुरक्षा उपायों या संसदीय निगरानी के निरंतर निगरानी का खतरा पैदा करता है।
दरअसल सरकार ने हालिया दिनों में नर्देश दिए हैं कि भारत में स्मार्टफोन में संचार साथी ऐप पहले से इंस्टॉल होगा और यूजर इसे हटा या फिर डिसएबल नहीं कर पाएंगे। मौजूदा फोन में यह सरकार के निर्देश के मुताबिक जरूरी सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए मिलेगा। सरकारी दावों के अनुसार बीएसएनल की ओर बनाए गए इस ऐप का काम है साइबर सिक्योरिटी और फ्रॉड को रोकना है। यह टेलीकॉम यूजर्स को सिम के गलत इस्तेमाल, मोबाइल चोरी और डिजिटल स्कैम से बचाने के लिए बनाए गए देश भर के सिस्टम का एक हिस्सा है।
यह ऐप आपकी कॉल को टैप नहीं करेगा, ना ही आपके मैसेज को स्कैन करेगा और ना ही आपके पर्सनल डाटा को पढ़ेगा। यह एप्लीकेशन बस टेलीकॉम आईडेंटिटी वेरीफिकेशन और डिवाइस लेजिटिमेसी पर फोकस करता है। संचार साथी ऐप की सबसे जरूरी फीचर्स में से एक है कि यह यूजर और सरकार दोनों को यह देखने देता है कि एक ही पहचान से कितने मोबाइल नंबर लिंक हैं। अगर किसी ने भी आपके आधार या फिर किसी आईडी का इस्तेमाल करके धोखे से सिम कार्ड को रजिस्टर्ड किया है तो आपको इस एप्लीकेशन के जरिए तुरंत इसका पता लग जाएगा।
इसके बाद आप शिकायत कर सकते हैं और उन बिना इजाजत वाले नंबरों को डीएक्टिवेट भी करवा सकते हैं। हालांकि ऐप से निजता का खतरा भी है, इस बात को इंकार नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस का दावा है कि मोबाइल फोन से जितनी भी गतिविधियां होंगी ये सब सरकार की नजर में होंगी यानि कि संचार साथी ऐप फोन टेपिंग या पेगासस जैसा होने का दावा कांग्रेस कर रही है। सुनिए प्रियंका गांधी साथी संचार ऐल को लेकर क्या कुछ कह रही हैं……..
प्रियंका गांधी का साफतौर पर कहना है कि ये फोन टेपिंग और पेगासस जैसा मामला है और इससे पूरे देश की निजता को बड़ा खतरा है और यही वजह है कि कांग्रेस ने एसआईआर के साथ आज इस मुद्दे को कांग्रेस और विपक्षी दलों में भयंकर रोष दिख रहा है और जब 12 बजे जब सदन की कार्रवाई शुरु हुई तो भारी शोर शराबे की बीच सदन दोबार दो बजे तक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला स्थगित कर चुके हैं।
हालांकि जिस तरह का गतिरोध है उससे साफ है कि एसआईआर और संचार साथी ऐप पर फिलहाल ससंद चलने के आसार कम दिखाई दे रहे हैं, अगर सरकार दोनों मुद्दे को चर्चा के लिए सदन में लाती है ,तभी शायद गतिरोध खत्म हो पाए। पूरे मामले पर आपका क्या मानाना है क्या सरकार को एसआईआर पर चर्चा करानी चाहिए। क्या संचार साथी ऐप पेगासस और फोन टेपिंग जैसा मामला नहीं है।



