बहराइच-जरवल रोड के बीच नई रेल लाइन को मिली मंजूरी, 2027 तक शुरू होने का लक्ष्य

बहराइच से जरवल रोड तक 65-70 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन को मंजूरी मिल गई है। इस परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कर रेल मंत्रालय को भेज दी गई है। रेल मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद यह परियोजना पूर्वी उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बहराइच से जरवल रोड तक 65-70 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन को मंजूरी मिल गई है। इस परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कर रेल मंत्रालय को भेज दी गई है। रेल मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद यह परियोजना पूर्वी उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी। नई रेल लाइन से लखनऊ और अन्य प्रमुख शहरों तक यात्रा और अधिक आसान और किफायती हो जाएगी।

परियोजना के अंतर्गत जरवल जंक्शन विकसित किया जाएगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलने की संभावना है। अधिकारियों के अनुसार, इस रेल लाइन को 2027 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। बहराइच से जरवल रोड तक 65-70 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन को मंजूरी मिल गई है. इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) भी तैयार कर ली गई, जिसे रेल मंत्रालय को भेज दिया गया है. यह परियोजना पूर्वी उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी, जिससे लखनऊ और अन्य शहरों तक यात्रा आसान व सस्ती होगी.

जानकारी के अनुसार, लोकेशन का सर्वे दिसंबर 2023 में शुरू हुआ था, जो अब अंतिम चरण में है. इस लाइन पर जरवल कस्बा, कैसरगंज, फखरपुर में तीन स्टेशन और परसेंडी शुगर मिल पर एक हॉल्ट बनाया जाएगा. इसकी अनुमानित लागत 530 करोड़ रुपये है. DPR मंजूरी मिलते ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. वहीं ये भी कहा जा रहा है कि 2027 तक लाइन चालू करने का प्लान है. 2012 में हुए सर्वे में इस नई रेल लाइन की लंबाई 69.66 किमी बताई गई थी, लेकिन अब 65 किमी है.

जरवल रेलवे स्टेशन को जंक्शन का दर्जा देने की प्रक्रिया भी तेज हो गई है. अभी बहराइच से जरवल रोड जाने के लिए यात्रियों को गोंडा जंक्शन के रास्ते लंबा चक्कर लगाना पड़ता है, जिससे समय और दूरी दोनों की वजह से परेशानी होती है. नई सीधी लाइन बनने से यह दूरी काफी कम हो जाएगी और यात्रा का समय कई घंटे घट जाएगा. इसके साथ ही बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर सहित पूरे तराई क्षेत्र को रेल नेटवर्क से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी.

जरवल बनेगा महत्वपूर्ण जंक्शन
नई लाइन बनने के बाद जरवल रोड स्टेशन पर बहराइच की ओर से आने वाली ट्रेनें भी जुड़ेंगी, जिससे यह स्टेशन जंक्शन बन जाएगा. इससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और स्थानीय व्यापार-व्यवसाय को भी बल मिलेगा. अगला कदम क्या? रेल मंत्री ने बताया कि DPR तैयार होने के बाद अब परियोजना को अंतिम मंजूरी के लिए ये चरण बाकी हैं.

माना जा रहा है कि नई रेल लाइन के चालू होने से स्थानीय ग्रामीणों, व्यापारियों के लिए मददगार साबित होगी, इसके साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देगी. बहराइच से जरवल होते हुए लखनऊ की दूरी कम होगी, जिससे बस यात्रा (190-275 रुपये) की तुलना में ट्रेन से सफर सस्ता हो जाएगा.

रेल विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अब तक 49 रेल परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है. इन परियोजनाओं पर कुल 62,360 करोड़ रुपये की लागत से 3,807 किलोमीटर लंबे रेल नेटवर्क का विस्तार होगा, जिससे राज्य में रेल कनेक्टिविटी मजबूत और बेहतर होगी. यात्री तेज, सुरक्षित व सुविधाजनक यात्रा का लाभ ले सकेंगे.

यूपी में कब कितना बढ़ा रेलवे का बजट?
उत्तर प्रदेश में बीते कई वर्षों में रेलवे के बजट आवंटन में भारी वृद्धि हुई है. वर्ष 2009 से 2014 के बीच रेल परियोजनाओं के लिए औसतन 1,109 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का आवंटन किया जाता था, वहीं वर्ष 2025-26 में यह बढ़कर लगभग 19,858 करोड़ रुपये हो गया है, जो लगभग 18 गुना अधिक है.

रेल मंत्री ने कहा कि 2009-14 की अवधि में प्रदेश में 996 किलोमीटर नई रेल लाइनों की कमीशनिंग हुई थी. वहीं वर्ष 2014-25 के दौरान यह आंकड़ा बढ़कर 5,272 किलोमीटर तक पहुंच गया. इस दौरान प्रति वर्ष औसतन 479 किलोमीटर नई रेल लाइन शुरू की गई, जो पहले की तुलना में दोगुने से भी अधिक है.

अब तक कितनी रेल परियोजनाओं को मिली स्वीकृति?
उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल 2025 तक कुल 49 रेल परियोजनाएं स्वीकृत हैं, जिनकी कुल लंबाई 3,807 किलोमीटर और
अनुमानित लागत 62,360 करोड़ रुपये है. इनमें से 1,323 किलोमीटर रेल लाइन का कार्य पूरा हो गया है और परिचालन भी शुरू हो चुका है. इन रेल लाइनों के कार्य में अब तक 30,611 करोड़ रुपये का व्यय किया जा चुका है.

बहराइच-जरवल रोड नई रेल लाइन की डीपीआर तैयार हो जाने से इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को अब नई गति मिली है. इस परियोजना के पूर्ण होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश की रेल कनेक्टिविटी को मजबूत आधार मिलेगा और लोग तेज, सुरक्षित व सुविधाजनक यात्रा का अनुभव कर सकेंगे.

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